मंगलवार, 20 जुलाई 2010

यादव जाति का अनोखा संग्रह

जातीय अस्मिता हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करती है। कोई इसे छुपाकर प्रर्दशित करता है तो कोई इसी में रचनात्मकता तलाश लेता है। उत्तर प्रदेश में झांसी के रिटायर्ड शिक्षक रघुवीर सिंह यादव ने ऐसा ही कुछ रोचक कार्य किया है। उन्होंने यादव जाति के लोगों की 26 पीढ़ियों तक का इतिहास संजोकर रखा हुआ है। उनके पास क्षेत्र के करीब 70,000 यादवों का विवरण मौजूद है। यही नहीं, उन लोगों की 26 पीढ़ियों तक के गोत्र और वंशावली का विवरण भी हैै। सबसे मजेदार बात तो यह है कि रघुवीर यादव को जब भी कोई यादव मिलता है, तुरंत उसकी फोटो मांग लेते हैं या अपने कैमरे से खींच लेते हैं और फिर वंशावली की फाइल में संजो लेते हैं। वंशावली के लिए उन्होंने १०x10 फुट का जो सफेद कपड़ा बनाया है, वह अब पूरा भर गया है यानी उनका संग्रह निरंतर बढ़ रहा है। अपने इस शौक पर करीब पांच लाख रू0 खर्च कर चुके रघुबीर सिंह यादव का मानना है-‘‘मेरी सारी मेहनत अपने पूर्वजों के प्रति श्रद्धांजलि है। मैं चाहता हूँ कि उनके बारे में जानकारी जुटाकर मैं उनका ऋण चुका सकूँ।‘‘ इस अनूठे संग्रह एवं रघुवीर यादव की जिजीवषा पर ‘‘यदुकुल‘‘ उन्हें साधुवाद देता है।

9 टिप्‍पणियां:

Akanksha Yadav ने कहा…

अद्भुत ...कैसे करता होगा कोई ऐसा लाजवाब संग्रह...हैरान हूँ पढ़कर.

Bhanwar Singh ने कहा…

रघुबीर यादव जी का यह प्रयास सराहनीय है...

सुरेश यादव ने कहा…

धन्य हैं आप रघुवीर सिंह .यादवों के लिए आप गौरव हैं मेरा प्रणाम.

suhai-bilasa ने कहा…

achha laga.

OP Yadav ने कहा…

सच में एक उन्नत समाज के निर्माण हेतु उस समाज को अपने अतीत की कमजोरियों और दृढ़ पक्ष के बारे में भली भांति परिचित होना चाहिए। सच में आप तो श्रीमान यादव समाज की धरोहर हो जिसने समाज को जगाने का सफल प्रयास किया है। **जय यादव जय माधव**।

suhai-bilasa ने कहा…

bahut hi badiya............. badhai.

Unknown ने कहा…

I feel proud to be born in this religion (YADAV)

Unknown ने कहा…

I also proud to be born in Yadav religion

Unknown ने कहा…

Jai yadav jai madhav