मंगलवार, 27 जनवरी 2009

अमेरिका के सेटन हाल विश्वविद्यालय में गीता का ज्ञान अनिवार्य

महाभारत युद्ध के दौरान भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को अपना कर्म करने का उपदेश दिया, जो कि भगवद्गीता में वर्णित है। आज भारत की शिक्षा पद्धति में भले ही वैदिक पाठयक्रम का विरोध होता हो, लेकिन अमेरिका के सेटन हाॅल विश्वविद्यालय में सभी छात्रों के लिए गीता का ज्ञान अनिवार्य कर दिया गया है। न्यूजर्सी में 1856 में स्थापित स्वायत्त कैथोलिक सेटन हाॅल विश्वविद्यालय में अनिवार्य पाठयक्रम के तहत गीता के अध्ययन को शामिल करने का फैसला किया गया है। निःसन्देह यह अपनी तरह का दुनिया में पहला निर्णय है। उल्लेखनीय है कि विश्वविद्यालय के 10,800 छात्रों में से एक-तिहाई से ज्यादा गैर-ईसाई हैं और इनमें भारतीय छात्रों की संख्या भी प्रभावी है। इस विश्वविद्यालय में कोर कोर्स के तहत सभी छात्रों के लिए अनिवार्य पाठयक्रम होता है, जिसका अध्ययन सभी विषयों के छात्रों को करना होता है। वर्ष 2001 में विश्वविद्यालय ने विश्व में अपनी अलग पहचान कायम करने के लिए कोर कोर्स की शुरूआत की थी। इसमें छात्रों को सामाजिक जीवन से जुड़े सरोकारों और दायित्वबोध से अवगत कराया जाता है, जिससे युवा वर्ग को सामाजिक व्यवस्था से सीधे तौर पर जोड़ा जा सके। विश्वविद्यालय के अधिकारियों के अनुसार इस मामले में गीता का ज्ञान सर्वोत्तम साधन है और इसकी महत्ता को समझते हुए विश्वविद्यालय ने सभी छात्रों के लिए इस ग्रंथ का अध्ययन अनिवार्य करने का फैसला किया।........ तो योग के बाद अब ज्ञान-कर्म-भक्ति की त्रिवेणी ‘गीता‘ में अमेरिकी भी डुबकी लगायेंगे और जिस दौर में उनकी अर्थव्यवस्था भहरा रही हो, गीता का ज्ञान उन्हें कर्म की तरफ आकृष्ट करेगा। आखिर यूँ ही भारत को जगदगुरु नहीं कहा जाता।

7 टिप्‍पणियां:

Amit Kumar Yadav ने कहा…

...Geeta ki mahima to sari duniya men vyapt hai.Akhir USA kyon na mane...Nice information !!

www.dakbabu.blogspot.com ने कहा…

तो योग के बाद अब ज्ञान-कर्म-भक्ति की त्रिवेणी ‘गीता‘ में अमेरिकी भी डुबकी लगायेंगे और जिस दौर में उनकी अर्थव्यवस्था भहरा रही हो, गीता का ज्ञान उन्हें कर्म की तरफ आकृष्ट करेगा। आखिर यूँ ही भारत को जगद्गुरू नहीं कहा जाता...Bahut sahi kaha apne.

Unknown ने कहा…

आज भारत की शिक्षा पद्धति में भले ही वैदिक पाठयक्रम का विरोध होता हो, लेकिन अमेरिका के सेटन हाॅल विश्वविद्यालय में सभी छात्रों के लिए गीता का ज्ञान अनिवार्य कर दिया गया है।...एक कहावत है घर की मुर्गी साग बराबर. जब तक हम भारतीय किसी चीज पर विदेशी ठप्पा ना लगवा लें, हमें वो अर्थहीन नजर आती है.

हिंदी साहित्य संसार : Hindi Literature World ने कहा…

छात्रों को सामाजिक जीवन से जुड़े सरोकारों और दायित्वबोध से अवगत कराया जाता है, जिससे युवा वर्ग को सामाजिक व्यवस्था से सीधे तौर पर जोड़ा जा सके। विश्वविद्यालय के अधिकारियों के अनुसार इस मामले में गीता का ज्ञान सर्वोत्तम साधन है और इसकी महत्ता को समझते हुए विश्वविद्यालय ने सभी छात्रों के लिए इस ग्रंथ का अध्ययन अनिवार्य करने का फैसला किया।...सम्यक फैसला, सम्यक विचारधारा.

Bhanwar Singh ने कहा…

भगवान कृष्ण की महिमा से अमेरिका भी अछूता नहीं है..गीता के बहाने ही सही अमेरिका ने भारतीय मूल्यों को शिरोधार्य तो किया.

Akanksha Yadav ने कहा…

यह सिद्ध करता है की पाश्चात्य संस्कृति के सर्वश्रेष्ठ होने का दंभ हवा-हवाई है. सुन्दर जानकारीहेतु धन्यवाद.

Amit Kumar Yadav ने कहा…

युवा पीढी को गीता से सीख लेनी चाहिए.