शुक्रवार, 5 जून 2009

वृक्ष रक्षा सूत्र कार्यक्रम की सूत्रधार : सुनीति यादव

आज विश्व पर्यावरण दिवस (5 जून) है। हममें से तमाम लोग अपने स्तर पर पर्यावरण संरक्षण में जुटे हुए हैं। इन्हीं में से एक हैं- जीवन के समानांतर ही जल, जमीन और जंगल को देखने वाली ग्रीन गार्जियन सोसाइटी की एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर सुनीति यादव। पिछले कई वर्षों से पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कार्य कर रही एवं छत्तीसगढ़ में एक वन अधिकारी के0एस0 यादव की पत्नी सुनीति यादव सार्थक पहल करते हुए वृक्षों को राखी बाँधकर वृक्ष रक्षा-सूत्र कार्यक्रम का सफल संचालन कर नाम रोशन कर रही हैं। इस सराहनीय कार्य के लिए उन्हें ‘महाराणा उदय सिंह पर्यावरण पुरस्कार, स्त्री शक्ति पुरस्कार 2002, जी अस्तित्व अवार्ड इत्यादि पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है। सुनीति यादव द्वारा वृक्ष रक्षा-सूत्र कार्यक्रम चलाये जाने के पीछे एक रोचक वाकया है। वर्ष 1992 में उनके पति जशपुर में डी0एफ0ओ0 थे। वहां प्राइवेट जमीन में पांच बहुत ही सुन्दर वृक्ष थे, जिन्हें भूस्वामी काटकर वहां दुकान बनाना चाहता था। उसने इन पेड़ों को काटने के लिए जिलाधिकारी को आवेदन कर रखा था। अपने पति द्वारा जब यह बात सुनीति यादव को पता चली तो उनके दिमाग में एक विचार कौंध गया। राखी पर्व पर कुछ महिलाओं के साथ जाकर उन्होंने उन पांच वृक्षों की विधिवत पूजा की और रक्षा सूत्र बांध दिया। देखा-देखी शाम तक आस-पास के लोगों द्वारा उन वृक्षों पर ढेर सारी राखियां बंध गई। फिर भूस्वामी को इन वृक्षों का काटने का इरादा ही छोड़ना पड़ा और गांव वाले इन पेड़ों को पांच भाई के रूप में मानने लगे। इससे उत्साहित होकर सुनीति यादव ने हर गांव में एक या दो विशिष्ट वृक्षों का चयन कराया तथा वर्ष 1993 में राखी के पर्व पर 17000 से अधिक लोगों ने 1340 वृक्षों को राखी बांधकर वनों की सुरक्षा का संकल्प लिया और इस प्रकार वृक्ष रक्षा सूत्र कार्यक्रम चल निकला। बस्तर के कोंडागांव इलाके में वृक्ष रक्षा सूत्र अभियान के तहत एक वृक्ष को नौ मीटर की राखी बांधी गई।

याद कीजिए 70 के दशक का चिपको आन्दोलन। सुनीति का मानना है कि चिपको आन्दोलन वन विभाग की नीतियों के विरूद्ध चलाया गया था जबकि वृक्ष रक्षा सूत्र वन विभाग एवं जनता का सामूहिक अभियान है, जिसे समाज के हर वर्ग का समर्थन प्राप्त है। यह सुनीति यादव की प्रतिबद्वता ही है कि वृक्ष रक्षा सूत्र कार्यक्रम अब देश के नौ राज्यों तक फैल चुका है। सुनीति इसे और भी व्यापक आयाम देते हुए ‘‘पौध प्रसाद कार्यक्रम‘‘ से जोड़ रही हैं। इसके लिए वे देश के सभी छोटे-बड़े धार्मिक प्रतिष्ठानों से सम्पर्क कर रही हैं कि वे भक्तों को प्रसाद के रूप में पौधे बांटे, ताकि वे उन पौधों को श्रद्धा के साथ लगायें, पालंे-पोसें और बड़ा करें। यही नहीं आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण वृक्ष प्रजातियों, वनौषधियों के बीज पैकेट भी प्रसाद के रूप में बांटे जा रहे हैं। सुनीति यादव का मानना है कि वृक्ष भगवान के ही दूसरे रूप हैं। जब वह कहती हैं कि भगवान शिव की तरह वृक्ष सारा विषमयी कार्बन डाई आक्साइड पी जाते हैं और बदले में जीवन के लिए जरूरी आक्सीजन देते हैं, तो लोग दंग रह जाते हैं। सुनीति यादव का स्पष्ट मानना है कि-‘‘ईश्वर ने हम सभी को पृथ्वी पर किसी न किसी उद्देश्य के लिए भेजा है। आइए, उसके सपनों को साकार करें। धरती पर हरियाली को सुरक्षित रखकर हम जिन्दगी को और भी खूबसूरत बनाएंगे, कच्चे धागों से हरितिमा को बचाएंगे। ताज और मीनार हमारे किस काम के, जब पृथ्वी की धड़कन ही न बच सके। कल आने वाली पीढ़ी को हम क्या सौगात दे सकेंगे? आइए, ढेर सारे पौधे लगाएं, लगे हुए वृक्षों को बचाएं।‘‘

12 टिप्‍पणियां:

KK Yadav ने कहा…

Its Wonder Job...Congts. to Mrs. Suniti Yadav.

हिंदी साहित्य संसार : Hindi Literature World ने कहा…

बहुत खूब...विश्व पर्यावरण दिवस पर पौधा लगाकर पर्यावरण को स्वच्छ रखें.

Unknown ने कहा…
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Unknown ने कहा…

Nice thought on World Environment Day with beautiful Picture.

Dr. Brajesh Swaroop ने कहा…

पर्यावरण संरक्षण को प्रेरित करना आज की जरुरत है.अन्यथा मानव-जीवन खतरे में पड़ जायेगा.आपकी पोस्ट समयानुकूल है..बधाई !!

Amit Kumar Yadav ने कहा…

खुले स्थानों पर गन्दगी फैलाना,कचरा डालना और जलाना,प्लास्टिक की थैलियों का प्रयोग करना,भूमिगत जल को गन्दा करना आदि अनेक ऐसे कार्य है जिन पर हम स्वत रोक लगा सकते है!लेकिन हम. ऐसा ना करके सरकार के कदम का इंतजार करते है! आज हम ये छोटे किंतु महत्त्व पूरण कदम उठा कर पर्यावरण सरंक्षण में अपना अमूल्य योगदान दे सकते है !!
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....यही है युवा का सन्देश. आप भी शरीक हों !!

बेनामी ने कहा…

पर्यावरण को बचाने और लोगों को जागरूक करने की ओर मैं भी जुडा हुआ हैं. आपके ब्लॉग पर इस सम्बन्ध में इतनी लाजवाब पोस्ट देखकर टिपण्णी करने से रोक नहीं पाया....बहुत-बहुत आभार आपके इस सदप्रयास के लिए.

शरद कुमार ने कहा…

Save environment by Plantation..Its Right Message of Suniti Yadav.

KK Yadav ने कहा…

आज जरुरत है कि भारत समेत पूरे विश्व को एक पवित्र अभियान से जोड़ते हुए न सिर्फ वृक्षारोपण की तरफ अग्रसर होना चाहिए बल्कि ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने की दिशा में भी प्रभावी कदम उठाने होंगे। तो आइये हम संकल्प लें कि इस दिन हम एक वृक्ष अवश्य लगायेंगे, न सिर्फ लगायेंगे बल्कि इसके फलने-फूलने की जिम्मेदारियों का भी निर्वाह करेंगे।....तभी पृथ्वी विकल होने से बचेगी.

Shyama ने कहा…
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Shyama ने कहा…

दुर्भाग्यवश आजकल पर्यावरण की रक्षा और वृक्षारोपण के नाम पर तमाम NGO और सरकारी विभाग अपनी जेबें भर रहे हैं. उन्हें शायद एहसास नहीं कि जीवन ही नहीं रहेगा तो इस करतूत का क्या करेंगे. ऐसे में सुनीति यादव जी इस नेक पहल का स्वागत है.

Unknown ने कहा…

पर्यावरण और उससे जुड़े मुद्दों के प्रति आम धारणा बदलने में साहित्यकार/समाजसेवी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। आप यूँ ही अलख jagati रहें सुनीति यादव जी....शुभकामनायें.