बुधवार, 2 दिसंबर 2009

श्यामलाल यादव को पहला आरटीआई पुरस्कार

इंडिया टुडे के पत्रकार श्यामलाल यादव को देश के पहले पीसीआरएफ-एनडीटीवी राष्ट्रीय सूचना का अधिकार पुरस्कार के लिए चयन हुआ है. श्‍यामलाल यादव , इंडिया टुडे के स्‍पेशल कॉरेस्‍पॉडेंट है. श्‍यामलाल यादव को यह अवार्ड उन 1130 लोगों के बीच मिला है जो इस अवार्ड के लिए नामांकित किए गए थें. उन्हें यह पुरस्कार हाल ही में सूचना के अधिकार के तहत किए गए उनके काम के लिए दिया गया है. यादव ने अब तक विभिन्न मंत्रालयों में सूचना के अधिकार के तहत 1,700 से ज्यादा आवेदन दायर किए हैं. इस अवार्ड के तहत श्‍यामलाल यादव को 1 दिसंबर को भारत के उपराष्‍ट्रपति हामिद अंसारी द्वारा एक लाख रुपये और एक प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस अवार्ड के लिए एक ज्‍यूरी बनाई गई थी जिसमें अभिनेता आमिर खान, इन्‍फोसिस के संस्‍थापक एन। आर. नारायण मूर्ति, एनडीटीवी के सीएमडी प्रणव रॉय, प्रसिद्ध नृत्‍यांगना मल्लिका साराभाई, मधु त्रेहन, जस्टिस (सेवानिवृत) जे. एस. वर्मा, पूर्व मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त जे. एम. लिंगदोह, पुलेला गोपीचंद और संजय गुप्‍ता शामिल थे. यह अवार्ड का पहला साल है और इसके पहले विजेता श्‍यामलाल यादव बने हैं.

श्यामलाल यादव पिछले पांच साल से इंडिया टुडे में हैं।श्यामलाल यादव इंडिया टुडे से पहले कुछ दिन अमर उजाला के दिल्ली ब्यूरो में रह चुके हैं। इससे पहले वो जनसत्ता में रहे। आजकल सूचना के अधिकार का इस्तेमाल करके वो सरकार से ऐसी ऐसी जानकारी निकलवा ले रहे हैं जिनके बारे में सुनकर आम पाठक भौंचक रह जाता है। मंत्रियों और अफसरों की विदेश यात्राओं पर आरटीआई के ज़रिये उन्होने ही जानकारी निकलवाई और लोगों को बताया कि उनके टैक्स का कितना पैसा ये लोग बेदर्दी से उड़ा रहे हैं।
श्यामलाल यादव को मंगलमय और उज्ज्‍वल भविष्य की कामना सहित यदुकुल-परिवार की ओर से ढेरों बधाई !!!!

4 टिप्‍पणियां:

Akanksha Yadav ने कहा…

RTI के उपयोग द्वारा समाज का चेहरा बदला जा सकता है, यह श्यामलाल यादव जी ने सिद्ध कर दिखाया...बधाई.

Dr. Brajesh Swaroop ने कहा…

Proud of u Yadav ji.

Bhanwar Singh ने कहा…

पत्रकारिता के साथ-साथ सूचना में भी जबरदस्त कार्य, दाद देता हूँ.

भंवर सिंह यादव
संपादक-"यादव साम्राज्य"
कानपुर.

KK Yadav ने कहा…

मंत्रियों और अफसरों की विदेश यात्राओं पर आरटीआई के ज़रिये उन्होने ही जानकारी निकलवाई और लोगों को बताया कि उनके टैक्स का कितना पैसा ये लोग बेदर्दी से उड़ा रहे हैं।
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तब तो श्यामलाल जी समाज के सच्चे पहरुए निकले...कोटिश : बधाई.