शुक्रवार, 4 जून 2010

जाति आधारित जनगणना अनिवार्य : जातिवादी उंच-नीच के चलते ही मिली गुलामी

जाति आधारित जनगणना के विपक्ष में उठाए जा रहे सवालों पर सिलसिलेवार चर्चा करें-
तमाम जातियाँ विभिन्न राज्यों में भिन्न-भिन्न वर्गों में है। मसलन एक ही जाति कहीं अनुसूचित जाति तो कहीं पिछड़े वर्ग में है।

जाति आधारित जनगणना का उद्देश्य ही ऐसी विषमताओं को खत्म करना होगा। इस जनगणना से विभिन्न जातियों का सामाजिक-आर्थिक स्तर, प्रशासन में भागीदारी, रोजगार इत्यादि कई मायनों में जानकारी ली जा सकती है और उनके लिए एक समान्वित नीति बनाई जा सकती है।

जाति आधारित जनगणना ष्फूट डालो और राज करोष् की अंगे्रजी नीति को बढ़ावा देगी।

भारत में जाति अंग्रेजों की देन नहीं हैं और दुर्भाग्यवश न ही उन्होंने जाति पदानुक्रम से ज्यादा छेड़छाड़ किया। तथाकथित द्विज जातियाँ अंगे्रजी शासन में भी अपनी जमींदारी बचाने व अच्छे पद की आशा में उनकी जी-हुजूरी कर रही थीं। जब विदेशी आक्रंाता भारत पर आक्रमण कर रहे थे तो कहीं भी एकता का भाव नहीं दिखा। यदि एकता होती तो भारत गुलाम न होता। स्वाभाविक है कि जातीय पदानुक्रम के चलते भारत में पहले से ही फूट थीए जिसे अंगे्रजों ने जमकर भुनाया ।
(जातिवार गणना के विरोध में उठाये गए हर सवाल का जवाब क्रमश: अगले खंड में)

5 टिप्‍पणियां:

Anaam ने कहा…

आप कहते हैं तो मान लेता हूँ कि यह जातिगत जनगणना ज़रूरी है.

लेकिन क्या यह इतनी ज़रूरी है कि एक ही पोस्ट को एक ही दिन में कई बार ठेला जाये?

Unknown ने कहा…

बहुत सही लिखा आपने. जिन लोगों ने जाति की आड में सदियों तक शोषण किया, आज अपने हितों पर पड़ती चोट को देखकर बौखला गए हैं. जातिवाद के पोषक ही आज जाति आधारित जनगणना के आधार पर जातिवाद के बढ़ने का रोना रो रहे हैं. इस सारगर्भित लेख के लिए आपकी जितनी भी बड़ाई करूँ कम ही होगी. अपने तार्किक आधार पर जाति-गणना के पक्ष में सही तर्क व तथ्य पेश किये हैं..साधुवाद !!

Unknown ने कहा…

@ Anaam,

बंधुवर अनाम जी, जरा सारी पोस्टें पढ़ते तो सही. अनाम हैं, इसका मतलब यह तो नहीं कि पढ़े-लिखे नहीं होंगे. हर पोस्ट अलग-अलग मुद्दों को लेकर है. शीर्षक एक है, क्योंकि यह एक लम्बी सीरीज है.

Shyama ने कहा…

जब विदेशी आक्रंाता भारत पर आक्रमण कर रहे थे तो कहीं भी एकता का भाव नहीं दिखा। यदि एकता होती तो भारत गुलाम न होता। स्वाभाविक है कि जातीय पदानुक्रम के चलते भारत में पहले से ही फूट थीए जिसे अंगे्रजों ने जमकर भुनाया..satik vishleshan.

Unknown ने कहा…

please muje btaaye ki swarn aarya jo ki ek jaati h. kya bo unchii jaati h ya neech. please tell me