सोमवार, 1 अगस्त 2011

चर्चित साहित्यकार राजेन्द्र यादव को शब्द साधक शिखर सम्मान

जे सी जोशी स्मृति साहित्य सम्मान के तहत दिया जाने वाला चौथा शब्द साधक शिखर सम्मान हिन्दी के प्रख्यात कथाकार और हंस के संपादक श्री राजेन्द्र यादव को देने का निर्णय हुआ है । श्री यादव को यह सम्मान आगामी 27 अगस्त को उनके जन्मदिन की पूर्व संध्या पर पाखी महोत्सव में दिया जायेगा । इस सम्मान के तहत उन्हें 51 हजार रुपये, एक स्मृति चिह्न और प्रशस्ति पत्र दिया जायेगा । इस मौके पर पाखी के श्री राजेन्द्र यादव पर केंद्रित अंक का लोकार्पण भी होना है । यह सूचना श्री अपूर्व जोशी ने दी, जो इंडिपेंडेंट मीडिया इनिशिएटिव सोसायटी के अध्यक्ष और दि संडे पोस्ट के संपादक हैं। गौरतलब है कि इंडिपेंडेंट मीडिया इनिशिएटिव सोसायटी पिछले दस साल से हिन्दी साहित्य का प्रकाशन तथा अन्य सामाजिक गतिविधियां कर रही है । जिसमें दस साल से लगातार हिन्दी साप्ताहिक अखबार दि संडे पोस्ट के प्रकाशन के अलावा तीन साल से हिन्दी पत्रिका पाखी का भी प्रकाशन कर रही है । इसके अलावा सोसायटी ने कई जाने माने लेखकों की पुस्तकें भी प्रकाशित की हैं ।

श्री राजेन्द्र यादव के पहले यह सम्मान स्व. विष्णु प्रभाकर, श्रीलाल शुक्ल और श्री नामवर सिंह को दिया जा चुका है । यह सम्मान उन्हें समग्र साहित्यिक अवदान के लिये दिया जा रहा है। नयी कहानी आंदोलन की त्रयी में से एक रहे राजेन्द्र यादव का जन्म 28 अगस्त 1929 को आगरा में हुआ। ‘सारा आकाश’, ‘उखड़े हुए लोग’, ‘शह और मात’ जैसे उपन्यास लिख चुके श्री राजेन्द्र यादव अगस्त 1986 से हंस मासिक साहित्यिक पत्रिका का संपादन कर रहे हैं । इस पत्रिका ने दलित और स्त्री विमर्श को नयी जमीन दी । हंस ने इस साल 25 वर्ष पूरे कर रजत जयंती मनायी है ।

'यदुकुल' की तरफ से राजेंद्र यादव जी को कोटिश: बधाई !!

6 टिप्‍पणियां:

vijai Rajbali Mathur ने कहा…

बहौत -बहौत मुबारकवाद। जन्मदिन और पुरस्कार प्राप्ति हेतु।

KK Yadav ने कहा…

राजेंद्र यादव जी का हिंदी-साहित्य में योगदान अतुलनीय है.
सम्मान हेतु बधाइयाँ !!

KK Yadav ने कहा…

राजेंद्र यादव जी का हिंदी-साहित्य में योगदान अतुलनीय है.
सम्मान हेतु बधाइयाँ !!

Unknown ने कहा…

Really Rajendra Yadav ji Great Show man of Hindi Literature..Nice Post..thanks.

Unknown ने कहा…

सम्मान हेतु बधाइयाँ !!

Dr. Brajesh Swaroop ने कहा…

राजेंद्र यादव जी का हिंदी-साहित्य में योगदान अतुलनीय है.
सम्मान हेतु बधाइयाँ !!