सोमवार, 5 नवंबर 2012

ग्रामीण अंचल में रह रहे यादवों की उन्नति के लिए...


हमारी ज़्यादातर आबादी गाँव मे रहती है जब तक वो विकसित न होंगे तब तक हम पूर्ण रूप से विकसित न हो सकेंगे..ग्रामीण यादव परिवारों की तरक्की के लिए कार्य करना होगा तभी हम विकसित होंगे और तभी एकता कायम होगी. ग्रामीण यादव परिवार आज के समय में आर्थिक तंगी के शिकार होते चले जा रहे है जिस तरफ ध्यान देना जरूरी हो गया है अगर हम आप सब उन यादव परिवारों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए कुछ करें जो गांव में निवास करते है जिन्हें दो जून का खाना जुटा पाना असंभव हो रहा है और जो पूर्ण रूप से खेती पर निर्भर करते है और नजदीकी जगहों पर कार्य करना और प्राइवेट लोगो के यहाँ पर नौकरी करना यादव शान के खिलाफ़ मानते है और दूसरी तरफ बढते जनसँख्या दवाब के कारन जमींन में कमी आई है और उसी जमींन पर निर्भरता बढती जा रही है जिस कारण से यादव किसान परिवार कर्ज के बोझ टेल दबते चले जा रहे है इससे अगर हम आप सब मिलकर इनकी तरक्की के रास्ते बनाना शुरू करे यादवों में एकता का संचार ऑटोमेटिक शुरू हो जायेगा सिर्फ फेसबुक पर बाते करने या यादवमहासभा की मीटिंग कर लेने भर से हम आप अपने मकसद में कामयाब नहीं हो पाएंगे

हमारे विचार से ग्रामीण यादवों की आर्थिक तरक्की के लिए तथा सामाजिक एकता के लिए निम्न कार्य किये जा सकते हैं-

1- आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के बच्चे अगर परिक्षाओ में अच्छी सफलता अर्जित करते है तो उनके गाइडेंस तथा कोचिंग के लिए प्रदेश और राष्टीय स्तर पर फ्री कोचिंग सुविधा देने की 
व्यवस्था की जाये.

2- ग्रामीण यादव परिवार जिनका मुख्य खेती है उनके लिए कृषि से जुड़े हुए ब्यवसाय करने के लिए एक कार्य योजना बनाई जाये जैसे एक शहरी कसबे से लगे हुए गांव में दुग्ध उत्पादन हो और और कसबे में हमारे ही लोगो द्वारा एक केंद्र खोला जाये जो की इनसे इनका उत्पादन ख़रीदे जिससे इन्हें अपना उत्पाद बेचने में परेशानी ना हो जिससे इनकी आय में ब्रद्धि हो सके.

3- राजनेतिक क्षेत्र में कार्य करने वाले लोग शासकीय योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए काम करे क्योंकि हम हमेशा पिछड़ रहे है जिसके लिए हमें काम करना होता है.

4- आज के समय में सबसे बड़ी समस्या हो गई है दहेज जिसको खत्म तो नहीं किया सकता लेकिन कम जरूर किया जा सकता है क्योंकि लाखों परिवार आज अपनी बेटी की शादी के लिए बहुत चिंतित रहते है इसके लिए सामूहिक परिचय और विवाह सम्मलेन करने का आयोजन किया जाये जिससे आर्थिक रूप से पिछड़े परिवार उसका लाभ उठा सके और उनकी आर्थिक उन्नति हो सके.
 
- शिवम् यादव, झाँसी, उत्तर प्रदेश 
 

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