गुरुवार, 25 सितंबर 2014

नन्ही ब्लाॅगर अक्षिता (पाखी) की बड़ी कामयाबी


ककहरा सीखने की उम्र में नन्ही अक्षिता (पाखी) ने अपनी सृजनात्मक क्षमता के बल पर मात्र सात साल में बड़े रिकार्ड कायम किए हैं। ‘पाखी की दुनिया’ ब्लाग का संचालन 24 जून 2009 से कर रही अक्षिता (पाखी) को सबसे कम उम्र की ब्लागर के तौर पर भारत सरकार की ओर से 2012 में राष्ट्रीय बाल पुरस्कार’ मिल चुका है। उसे मात्र चार वर्ष आठ माह की अवस्था में आर्ट और ब्लागिंग के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किया गया। इसको 66 हजार से अधिक लोगों ने पढ़ा।

भारत सरकार की ओर से ब्लागिंंग के क्षेत्र में सम्मानित होने वाली अक्षिता पहली बाल प्रतिभा है। इससे पहले भी अक्षिता को 2011 में अंतरराष्ट्रीय ब्लागर सम्मेलन में ‘श्रेष्ठ नन्ही ब्लागर’ के सम्मान से नवाजा जा चुका है। सितंबर 2013 में काठमांडू (नेपाल) में आयोजित अंतरराष्ट्रीय ब्लागर सम्मेलन में अक्षिता ने एकमात्र ब्लागर के तौर पर भाग लेकर सम्मान पाया।

ड्राइंग और कविता पहली पसंद

25 मार्च 2007 को कानपुर में जन्मी अक्षिता वर्तमान में गर्ल्स हाई स्कूल इलाहाबाद में दूसरी कक्षा की छात्रा हैं। पिता कृष्ण कुमार यादव इलाहाबाद परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएं पद पर तैनात होने के साथ चर्चित ब्लागर हैं। माता आकांक्षा यादव भी साहित्य लेखन के साथ ब्लागर हैं। अक्षिता ने बताया कि उसे ड्राइंग बनाना, कविता कहना और लिखना पसंद है।

( अक्षिता (पाखी) के बारे में अमर उजाला (इलाहाबाद, 25 सितंबर 2014) में प्रकाशित रिपोर्ताज़।)

मंगलवार, 16 सितंबर 2014

तेज प्रताप यादव के साथ मुलायम सिंह की तीसरी पीढ़ी भी संसदीय राजनीति में


मैनपुरी में तेज प्रताप यादव के सांसद बनते ही मुलायम सिंह की तीसरी पीढ़ी भी संसदीय राजनीति में प्रवेश कर गई।  16 सितम्बर 2014 को को मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद  सपा प्रत्याशी तेज प्रताप यादव ने भाजपाई उम्मीदों और अपेक्षाओं को झटका देते हुए बडे़ अंतर से उपचुनाव जीता। पांचों विधानसभाओं में सपा प्रत्याशी को 6 लाख 53 हजार 686 वोट मिले। वहीं भाजपा प्रत्याशी प्रेम सिंह को 3 लाख 32 हजार 557 वोट ही मिल सके। इस तरह तेज प्रताप ने 3 लाख 21 हजार 149 मतों से भाजपा प्रत्याशी को करारी शिकस्त दी । इंग्लैंड की लीड्स यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने वाले तेजप्रताप के पिता स्व. रणवीर सिंह सैफई के पहले ब्लॉक प्रमुख थे। रणवीर सिंह का 13 नवंबर, 2002 में आकस्मिक निधन हो गया था। साल 2011 में 28 साल के तेजप्रताप सिंह यादव सैफई ब्लॉक प्रमुख निर्वाचित हुए थे। उन्होंने इंग्लैंड की लीड्स यूनिवर्सिटी से मैनेजमेंट साइंस में मास्टर्स डिग्री हासिल की है। तेज प्रताप यादव को इस उपलब्धि पर हार्दिक बधाइयाँ !!
(चित्र में : अपनी माँ के साथ तेज प्रताप)

सोमवार, 15 सितंबर 2014

हिन्दी के क्षेत्र में सम्मान का सैकड़ा


आज के दौर में प्रशासनिक सेवा में रहकर राजभाषा हिंदी के विकास के लिए चिंतन मनन करना अपने आप में एक उपलब्धि है। राजकीय सेवा के दायित्वों का निर्वहन और श्रेष्ठ कृतियों की सर्जना का यह मणिकांचन योग विरले ही मिलता है। समकालीन साहित्यकारों में उभरते चर्चित कवि, लेखक एवं चिंतक तथा जौनपुर जिले के बरसठी विकास खंड के सरावां गांँव निवासी और मौजूदा समय में डाक निदेशक इलाहाबाद परिक्षेत्र कृष्ण कुमार यादव इस विरले योग के ही प्रतीक हैं। श्री यादव को इसके लिए अब तक 102 बार सम्मान व मानद उपाधियाँ प्राप्त हो चुकी हैं। 

दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक गणराज्य देश भारत के पास अपनी कोई राष्ट्रभाषा नहीं है। 14 सितंबर, 1949 को हिंदी को राजभाषा का दर्जा मिला, पर आधुनिक दौर में हर व्यक्ति अंग्रेजी की ओर भाग रहा है। खासकर प्रोफेशनल और सरकारी नौकरियों में अंगे्रजी को महत्वपूर्ण अंग के रूप में लिया जा रहा है। ऐसे में श्री यादव लोगों को बताते हैं कि कक्षा छह से ही हिंदी के सहारे मंजिल पाने का सपना देखना शुरू किया। इस सपने को साकार कराने में उनके पिता श्री राम शिव मूर्ति यादव का विशेष योगदान रहा है। जिसकी बदौलत उन्हें वर्ष 2001 में सिविल सेवा में सफलता मिली। इसके बाद तमाम पत्र-पत्रिकाओं में लेखन के साथ ही उन्होंने ब्लाॅगिंग के सहारे हिंदी के विकास के लिए कार्य करना शुरू किया। धीरे-धीरे उनकी जीवन संगिनीआंकाक्षा यादव और पुत्री अक्षिता (पाखी) भी लेखन ब्लाॅगिंग में सक्रिय हो गईं। परिणाम रहा कि तीन पीढि़यों संग हिन्दी के विकास में जुटे कृष्ण कुमार यादव को 102 बार हिंदी के विकास हेतु विभिन्न सम्मान व मानद उपाधियांँ प्राप्त हुई। 

दो बार मिला अंतर्राष्ट्रीय हिंदी ब्लाॅगर पुरस्कार

हिंदी के विकास में जुटे डाक निदेशक कृष्ण कुमार यादव  को उत्कृष्ट कार्य के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी सम्मानित कर चुके हैं।  उन्होंने 'अवध सम्मान’ से श्री यादव को नवाजा था। लखनऊ में आयोजित द्वितीय अंतर्राष्ट्रीय हिंदी ब्लाॅगर सम्मलेन में ’दशक के श्रेष्ठ हिन्दी ब्लाॅगर दंपती’ का सम्मान श्री यादव को प्रदान किया गया। इसके अलावा काठमांडू में हुए तृतीय अंतर्राष्ट्रीय हिंदी ब्लाॅगर सम्मेलन में नेपाल के संविधान सभा के अध्यक्ष नरसिंह केसी ने उन्हें  ’परिकल्पना साहित्य सम्मान’ दिया था।

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हिन्दी के क्षेत्र में सम्मान का सैकड़ा
तीन पीढि़यों संग हिन्दी के विकास में जुटे हैं डाक निदेशक कृष्ण कुमार यादव
102 बार मिल चुका है पुरस्कार और मानद उपाधियाँ
(साभार : दैनिक जागरण, जौनपुर-वाराणसी संस्करण, 15 सितंबर, 2014)