शनिवार, 28 नवंबर 2015

डाक निदेशक एवं युवा साहित्यकार कृष्ण कुमार यादव को मिलेगा ’दुष्यंत कुमार सम्मान’

प्रसिद्ध साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था ’आगमन’ द्वारा  युवा लेखक व साहित्यकार एवं राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव को 29  नवम्बर को नोएडा में आयोजित आगमन वार्षिक सम्मान समारोह में ’दुष्यंत कुमार सम्मान’  से सम्मानित किया जाएगा। श्री यादव को उक्त सम्मान पिछले साल ही दिया जाना था, पर किन्हीं करणोंवश वे समारोह में नहीं आ सके थे, अत: इस वर्ष उक्त सम्मान कार्यक्रम के  मुख्य अतिथि मशहूर शायर मुनव्वर राणा, अध्यक्ष पद्मश्री गुलजार देहलवी और विशिष्ट अतिथि डा. कुँवर बेचैन द्वारा उन्हें दिया जाएगा। उक्त जानकारी संस्था के संस्थापक श्री पवन जैन ने दी। 

गौरतलब है कि सरकारी सेवा में उच्च पदस्थ अधिकारी होने के साथ-साथ साहित्य, लेखन और ब्लाॅगिंग के क्षेत्र में भी चर्चित श्री यादव की अब तक कुल 7 पुस्तकें 'अभिलाषा' (काव्य-संग्रह, 2005) 'अभिव्यक्तियों के बहाने' व 'अनुभूतियाँ और विमर्श' (निबंध-संग्रह, 2006 व 2007), 'इण्डिया पोस्ट : 150 ग्लोरियस  ईयर्ज'   (2006), 'क्रांति-यज्ञ : 1857-1947 की गाथा' (संपादित, 2007), ’जंगल में क्रिकेट’ (बाल-गीत संग्रह-2012) एवं ’16 आने 16 लोग’(निबंध-संग्रह, 2014) प्रकाशित हो चुकी हैं। उनके व्यक्तित्व-कृतित्व पर एक पुस्तक ‘‘बढ़ते चरण शिखर की ओर: कृष्ण कुमार यादव‘‘ (सं0 डाॅ0 दुर्गाचरण मिश्र, 2009) भी प्रकाशित हो चुकी  है। श्री यादव देश-विदेश से प्रकाशित तमाम पत्र पत्रिकाओं एवं इंटरनेट पर भी प्रमुखता से प्रकाशित होते रहते हैं।

 कृष्ण कुमार यादव को इससे पूर्व उ.प्र. के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव द्वारा ’’अवध सम्मान’’, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल श्री केशरी नाथ त्रिपाठी द्वारा ’’साहित्य सम्मान’’, छत्तीसगढ़ के राज्यपाल श्री शेखर दत्त द्वारा ”विज्ञान परिषद शताब्दी सम्मान”, अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर्स सम्मेलन, भूटान में "परिकल्पना सार्क शिखर सम्मान",  ’’दशक के श्रेष्ठ हिन्दी ब्लाॅगर दम्पति’’ सम्मान, विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ, भागलपुर, बिहार द्वारा डाॅक्टरेट (विद्यावाचस्पति) की मानद उपाधि, भारतीय दलित साहित्य अकादमी द्वारा ‘’डाॅ0 अम्बेडकर फेलोशिप राष्ट्रीय सम्मान‘‘, साहित्य मंडल, श्रीनाथद्वारा, राजस्थान द्वारा ”हिंदी भाषा भूषण”, वैदिक क्रांति परिषद, देहरादून द्वारा ‘’श्रीमती सरस्वती सिंहजी सम्मान‘’, भारतीय बाल कल्याण संस्थान द्वारा ‘‘प्यारे मोहन स्मृति सम्मान‘‘, ग्वालियर साहित्य एवं कला परिषद द्वारा ”महाप्राण सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला‘ सम्मान”, राष्ट्रीय राजभाषा पीठ इलाहाबाद द्वारा ‘‘भारती रत्न‘‘, अखिल भारतीय साहित्यकार अभिनन्दन समिति मथुरा द्वारा ‘‘महाकवि शेक्सपियर अन्तर्राष्ट्रीय सम्मान‘‘, भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ द्वारा ’’पं0 बाल कृष्ण पाण्डेय पत्रकारिता सम्मान’’, सहित विभिन्न प्रतिष्ठित सामाजिक-साहित्यिक संस्थाओं द्वारा विशिष्ट कृतित्व, रचनाधर्मिता और प्रशासन के साथ-साथ सतत् साहित्य सृजनशीलता हेतु शताधिक सम्मान और मानद उपाधियाँ प्राप्त हो चुकी हैं।   





रविवार, 22 नवंबर 2015

मुलायम सिंह यादव ने सैफई में मनाया 76 वाँ जन्म दिवस.....ढेरों शुभकामनाएँ और बधाई !

 राजनीति  के दिग्गज मुलायम सिंह यादव आज अपना जन्मदिन अपने पैतृक स्थान सैफई में मना रहे हैं। इस उपलक्ष्य में उत्‍तर प्रदेश के सैफई में तीन दिवसीय समारोह का आयोजन किया गया है, जिसमें दूसरे दिन मनोरंजन जगत की गई हस्तियों ने प्रस्‍तुति दीं। ऑस्कर अवॉर्ड विजेता संगीतकार ए.आर. रहमान ने भी इस दौरान कार्यक्रम प्रस्तुत किया। हालांकि इस दौरान आरजेडी प्रमुख और मुलायम के संबंधी लालू प्रसाद कार्यक्रम में नहीं पहुंचे। खास बात यह रही कि कभी मुलायम के खास रहे और फिर दूर हुए अमर सिंह इस कार्यक्रम में उनके काफी करीब दिखे। सपा प्रमुख का जन्मदिन पर्यावरण जागरूकता दिवस के रूप में मनाया जा रहा है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव को उनके 76 वें जन्‍मदिन पर शुभकामनाएं दी हैं। पीएम ने सुबह ट्वीट कर अपने शुभकामना संदेश में कहा कि 'मुलायम सिंह यादव जी को जन्‍मदिन की शुभकामनाएं। मैं उनकी लंबी उम्र और अच्‍छी सेहत की कामना करता हूं।'

गौरतलब है कि मुलायम सिंह यादव का जन्म आज ही के दिन 22 नवम्बर 1939 को हुआ था। मुलायम सिंह ऐसे राजनेता हैं जो उत्तर प्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री व केंन्द्र सरकार में एक बार रक्षा मंत्री रह चुके हैं। वर्तमान में मुलायम सिंह यादव समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं।

मुलायम सिंह यादव का जन्म इटावा जिले के सैफई गांव में मूर्ती देवी व सुधर सिंह के किसान परिवार में हुआ था। मुलायम सिंह अपने पांच भाई-बहनों में रतनसिंह से छोटे व अभयराम सिंह, शिवपाल सिंह, रामगोपाल सिंह और कमला देवी से बड़े हैं। पिता सुधर सिंह उन्हें पहलवान बनाना चाहते थे किन्तु पहलवानी में अपने राजनीतिक गुरु नत्थूसिंह को मैनपुरी में आयोजित एक कुश्ती-प्रतियोगिता में प्रभावित करने के पश्चात उन्होंने नत्थूसिंह के परम्परागत विधान सभा क्षेत्र जसवन्त नगर से अपना राजनीतिक सफर शुरू किया।

राजनीति में आने से पूर्व मुलायम सिंह आगरा विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर (एम.ए.) एव जैन इन्टर कालेज करहल (मैनपुरी) से बी. टी. किया। मुलायम ने कुछ दिनों तक इन्टर कालेज में अध्यापन कार्य भी किया । मुलायम सिंह 1967 में पहली बार विधान सभा के सदस्य चुने गए और मन्त्री बने। 1992 में उन्होंने समाजवादी पार्टी बनाई। वे तीन बार क्रमश: 5 दिसम्बर 1989 से 24 जनवरी 1991 तक, 5 दिसम्बर 1993 से 3 जून 1996 तक और 29 अगस्त 2003 से 11 मई 2007 तक उत्तर प्रदेश के मुख्य मन्त्री रहे।

इसके अतिरिक्त वे केन्द्र सरकार में रक्षा मंत्री भी रह चुके हैं। मुलायम सिंह पर कई पुस्तकें लिखी जा चुकी हैं। इनमे पहला नाम मुलायम सिंह यादव- चिन्तन और विचार का है जिसे अशोक कुमार शर्मा ने सम्पादित किया था। राम सिंह तथा अंशुमान यादव द्वारा लिखी गई मुलायम सिंह- ए पोलिटिकल बायोग्राफी अब उनकी प्रमाणिक जीवनी है।
यदुकुल की तरफ से नेताजी 'मुलायम सिंह यादव जी को जन्मदिवस पर ढेरों शुभकामनाएँ और बधाई !
- राम शिव मूर्ति यादव @ यदुकुल : Ram Shiv Murti Yadav @ www.yadukul.blogspot.com
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तेजस्वी यादव बने बिहार के उप-मुख्यमंत्री


बिहार में हुए विधान सभा चुनावों ने जहाँ नई इबारतें लिखीं, वहीँ इसके माध्यम से तेज तर्रार और अपनी हाजिर जवाबी के लिए मशहूर राजनीतिज्ञ लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के  दोनों बेटों तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव ने भी बकायदा अपना राजनैतिक कैरियर आरम्भ किया है। तेजस्वी यादव जहाँ राष्ट्रीय जनता दल के विधायक दल के नेता चुने गए, वहीँ 20 नवंबर, 2015 को नीतीश मंत्रिमंडल में उप मुख्यमंत्री का ओहदा भी मिला।  वे भारत में सबसे कम उम्र के विधायक दल के नेता और उपमुख्यमंत्री बने हैं।इसके अलावा वे पथ निर्माण, भवन निर्माण, पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्रालय की ज़िम्मेदारी भी संभालेंगे। वहीं लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव को स्वास्थ्य, लघु जल-संसाधन और पर्यावरण एवं वन विभाग का मंत्री बनाया गया है। 

क्रिकेटर से डिप्टी चीफ मिनिस्टर तक : 
9 नवम्बर 1989 को जन्मे तेजस्वी यादव का राजनीति में कदम रखने से पहले सपना एक सफल क्रिकेटर बनने का था, जिसकी शुरुआत उन्होंने साल 2009 में झारखंड की ओर से प्रथम श्रेणी क्रिकेट में डेब्यू करके की थी, लेकिन आगे चलकर उन्होंने राजनीति की ओर रुख कर लिया। पटना के मशहूर लालू-राबड़ी परिवार में जन्मे नौ बड़े भाई-बहनों में सबसे छोटे तेजस्वी अपने क्रिकेट करियर के प्रति काफी संजीदा थे। उन्होंने अपना लुक भी कुछ ऐसा ही रखा था। अपने लंबे बालों, थोड़ी बढ़ी हुई दाढ़ी और दिल्ली पब्लिक स्कूल, मथुरा रोड के बैकग्राउंड के कारण वे अपनी उम्र के बच्चों के बीच अलग ही नजर आते थे। उन्होंने कक्षा 9 में स्कूल से नाता तोड़ लिया।  तेजस्वी चार सत्रों तक दिल्ली डेयरडेविल्स टीम के रोस्टर में रहे। वे स्पिन के साथ-साथ सीम बॉलिंग भी कर सकते थे और निचले क्रम में बैटिंग भी कर सकते थे, इस प्रकार वे एक ऑलराउंडर रहे, लेकिन वे दिल्ली की आईपीएल टीम के प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं बना सके। इस पर हमेशा विनोदपूर्ण अंदाज में रहने वाले उनके पिता लालू प्रसाद यादव ने कहा था, 'कम से कम उसे खिलाड़ियों को पानी पिलाने का मौका ही मिल जाता।' मात्र एक प्रथम श्रेणी गेम, दो ए-श्रेणी मैच और 4 टी-20 मैचों का अनुभव रखने वाले तेजस्वी का क्रिकेट करियर वास्तव में कभी भी परवान नहीं चढ़ा। बैटिंग में उनका सर्वोच्च स्कोर 19 रन रहा, वहीं बॉलिंग में उनके नाम 10 ओवर में 1 विकेट रहा। ये आंकड़े उनके करियर की कहानी सहज ही बयां कर देते हैं।   तेजस्वी सच्चे टीममैन थे। भले ही वे आईपीएल मैच खेलने का मौका नहीं मिलने पर निराश थे, लेकिन उन्हें टीम कंपोजिशन और टीम के तालमेल का महत्व पता था। अब तेजस्वी का यह क्रिकेटीय अनुभव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की गठबंधन वाली कैबिनेट में उन्हें सही भूमिका निभाने में मदद करेगा।


आलोचनाओं का जवाब दिया तेजस्वी ने :

तेजस्वी यादव को डिप्टी चीफ मिनिस्टर बनाते ही विरोधियों ने उन पर राजनैतिक वार करना आरम्भ कर दिया।  कहा गया कि वे सिर्फ 9वीं पास हैं और  सिर्फ 26 साल के हैं। उन्होंने पहली बार चुनाव लड़ा और जीतने के बाद उन्हें इतनी बड़ी जिम्मेदारी मिली है। उनके पिता लालू प्रसाद जी ने ने पार्टी के सीनियर और अनुभवी नेताओं को इग्नोर किया है। इस पर बिहार के डिप्टी चीफ मिनिस्टर तेजस्वी यादव ने अपने आलोचकों को जवाब देते हुए कहा है कि वे बिहार का विकास करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि किताब का कवर पेज देखकर उसका फैसला न करें। उन्होंने साफ किया कि बिहार में विकास का नया रिकॉर्ड बनेगा। उन्होंने अपनी आलोचनाओं पर शनिवार को कुछ ट्वीट्स भी किए। 

ट्वीट्स में  तेजस्वी ने कहा कि, 'मैं ब्रांड बिहार की वैल्‍यू बढ़ाने और राज्‍य के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ूंगा। किसी को भी कवर देखकर किताब पर फैसला नहीं करना चाहिए। अमृत की मिठास और दवाई की कड़वाहट का असली फायदा वक्‍त के साथ पता लगता है।'

 'बिहार के विकास में अपनी ओर से मैं कोई कसर नहीं छोडूंगा। ब्रांड बिहार को आगे ले जाऊंगा, ताकि नीतीश कुमार को मुझे डिप्टी सीएम बनाने पर गर्व हो।'

 'सनकी, पूर्वाग्रही और हित साधने वाले लोग भले ही उसे खारिज करें, लेकिन बिहार के लोगों ने युवाओं पर जो भरोसा जताया है, उनको इसका फल जरूर मिलेगा।'

 'बिहार का विकास करने में हम कोई कसर नहीं छोडेंगे। बिहार की भलाई के लिए युवा कैबिनेट के जोश को अनुभवी सीएम से बेहतर मार्गदर्शन मिलेगा।'
 - राम शिव मूर्ति यादव @ यदुकुल : Ram Shiv Murti Yadav @ www.yadukul.blogspot.com
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गुरुवार, 22 अक्तूबर 2015

विजयदशमी पर्व पर शुभकामनाएँ


अधर्म पर धर्म की जीत 
अन्याय पर न्याय की जीत 
बुराई पर अच्छाई की जयजयकार
यही है दशहरा का त्यौहार 

विजयदशमी पर्व पर आप सभी को सपरिवार शुभकामनाएँ !!

बुधवार, 9 सितंबर 2015

भारत सरकार में प्रथम यादव सचिव बने राजीव यादव

प्रशासन में जब तक किसी समुदाय की उच्च स्तर पर भागीदारी नहीं होगी, वह प्रगति नहीं कर सकता।  हम यदुवंशी इस बात पर गर्व करते हैं कि हमारे तमाम लोग शासन-प्रशासन में छाये हुए हैं, पर आपको जानकर बेहद आश्चर्य होगा कि सितंबर, 2015 में जाकर किसी यादव को केंद्र सरकार में सचिव पद सँभालने का मौका मिला है। हाल ही में खेल सचिव के पद पर नियुक्त राजीव यादव, अब तक के इतिहास में  प्रथम यादव सचिव हैं।  यदुकुल की तरफ से ढेरों बधाइयाँ ! 


Mr. Rajiv Yadav, IAS presently Secretary Sports in the Government of India. Prior to this he was working as Special Secretary & Financial Adviser in the Ministry of Chemicals & Fertilizers has had his schooling in Civil Engineering from IIT, Roorkee and then Masters in Civil Engineering from IIT, Delhi. He did his MBA from University of Hull (U.K). 


As a young Indian Administrative Service Officer he has worked in India’s North-East, as Deputy Commissioner incharge of Nalbari District in Assam and Head of the Rural Development Department looking after various poverty eradication and nonconventional energy programmes in Assam.  He was also instrumental in drafting the revised Assam Panchayati Raj Act which gave more delegated powers to the second tier of the Panchyats i.e. at the Development Block level. He has also been Chairman & M.D of Assam Power Distribution Company Limited and Assam Power Generation Corporation Limited and Assam Electricity Grid Company Limited looking after entire Power Sector in Assam. During his tenure, Power Sector in Assam recorded a growth of 16.8% compared to national average of 7%.  He has also been Secretary, Planning & Development Deptt. and later Additional Chief Secretary, Planning & Development Deptt., Govt. of Assam.

          He has held important positions in Government of India which include Director in the Ministry of Tourism and Culture, Executive Director of the India Trade Promotion Organization (ITPO) from 2004-2009,  under the Ministry of Commerce & Industry  during which period he guided and supervised major trade exhibitions and trade promotion activities in 45 countries with focus on US/Europe and BRICS countries. He was Member in National Highways Authority of India implementing India’s ambitious Highway Infrastructure Programme from 2010-2013.


         He has been a regular guest faculty with LBS National Academy of Administration, Mussoorie under Government of India since 2000.  He occasionally contributes articles on scientific and cultural issues.

104 साल की कुंवरबाई यादव ने स्वच्छ भारत के लिए कायम की अनूठी मिसाल

मन में जज्बा हो तो उम्र भी आड़े नहीं आती। छत्तीसगढ़ के धमतरी की रहने वाली 104 साल की कुंवरबाई यादव ने स्वच्छ भारत के लिए एक अनूठी मिसाल कायम की है।  कुंवरबाई ने अपने घर में शौचालय बनवाने के लिए ना सिर्फ अपना पशुधन यानि 35 भेड़-बकरियों को बेच दिया बल्कि दो महीने में गांव में एक आंदोलन सा खड़ा कर दिया।  

उनके इस अभियान के चलते आज यहां एक भी घर ऐसा नहीं है जिसमें शौचालय ना हो। कुंवरबाई की इस मुहिम की वजह से उनके गांव को खुले में शौच से मुक्त गांव घोषित कर दिया गया है। 

अब 2 अक्टूबर यानि गांधी जयंती के दिन उन्हें सम्मानित करने की तैयारी हो रही है।  गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले गांधी जयंती के दिन ही स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की थी। 

मंगलवार, 8 सितंबर 2015

पूर्व सांसद और विधायक मित्रसेन यादव का निधन

समाजवादी पार्टी के बुजुर्ग विधायक मित्रसेन यादव का 7 सितंबर को निधन हो गया। वह 81 वर्ष के थे। पिछले कुछ समय से बीमार मित्रसेन ने लखनऊ के राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में अंतिम सांस ली। 

मित्रसेन यादव फैजाबाद की बीकापुर सीट से सपा के विधायक थे। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने मित्रसेन यादव के निधन पर गहरा दुख प्रकट करते हुए शोक संतप्त परिजन के प्रति सहानुभूति व्यक्त की है। मुख्यमंत्री ने  मित्रसेन के निधन पर जारी शोक संदेश में कहा कि उन्होंने सामाजिक तथा आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के कल्याण के लिये सारी जिंदगी संघर्ष किया। उनके निधन से सपा ने एक समर्पित कार्यकर्ता खो दिया है। मित्रसेन वर्ष 1977 में पहली बार विधायक चुने गये थे। वह पांच बार विधायक और तीन बार सांसद भी रह चुके थे।

शनिवार, 5 सितंबर 2015

यादव समाज की स्मारिका का डाक निदेशक कृष्ण कुमार यादव ने किया लोकार्पण

 श्रीकृष्ण सिर्फ एक भगवान या अवतार भर नहीं थे।  इन सबसे आगे वह एक ऐसे पथ-प्रदर्शक और मार्गदर्शक थे, जिनकी सार्थकता  हर युग में बनी रहेगी।  उनके व्यक्तित्व में भारत को एक प्रतिभासम्पन्न राजनीतिवेत्ता ही नहीं, एक महान कर्मयोगी और दार्शनिक प्राप्त हुआ, जिसका गीता-ज्ञान समस्त मानव-जाति एवं सभी देश-काल के लिए पथ-प्रदर्शक है। उक्त विचार राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएँ  एवं चर्चित साहित्यकार श्री कृष्ण कुमार यादव ने यादव समाज, जोधपुर द्वारा गाँधी शांति प्रतिष्ठान केंद्र, जोधपुर में 5 सितंबर को आयोजित जन्माष्टमी  स्नेह मिलन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किये।

डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने इस बात पर जोर दिया कि आज देश के युवाओं को श्रीकृष्ण के विराट चरित्र के बृहद अध्ययन की जरूरत है। राजनेताओं को उनकी विलक्षण राजनीति समझने की दरकार है और धर्म के प्रणेताओं, उपदेशकों को यह समझने की आवश्यकता है कि श्रीकृष्ण ने जीवन से भागने या पलायन करने या निषेध का संदेश कभी नहीं दिया। श्री यादव ने कहा कि श्रीकृष्ण ने कभी कोई निषेध नहीं किया। उन्होंने पूरे जीवन को समग्रता के साथ स्वीकारा है। यही कारण है कि भगवान श्री कृष्ण की स्तुति लगभग सारी दुनिया में किसी न किसी रूप में की जाती है। यहाँ तक कि वे लोग जिन्हें हम साधारण रूप में नास्तिक या धर्मनिरपेक्ष की श्रेणी में रखते हैं, वे भी निश्चित रूप से भगवदगीता से प्रभावित हैं। श्री यादव ने कहा कि श्रीकृष्ण द्वारा गीता में कहे गए उपदेशों का हर एक वाक्य हमें कर्म करने और जीने की कला सिखाता है। अब तो कॉरपोरेट जगत भी मैनेजमेंट के सिद्धांतों को गीता से जोड़कर प्रतिपादित कर रहा है।

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में अतिरिक्त रजिस्ट्रार, सहकारी समिति जोधपुर संभाग योगेन्द्र सिंह यादव ने कहा कि हमारे अध्यात्म के विराट आकाश में श्रीकृष्ण ही अकेले ऐसे व्यक्ति हैं जो धर्म की परम गहराइयों व ऊंचाइयों पर जाकर भी गंभीर या उदास नहीं हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे यादव समाज, जोधपुर के अध्यक्ष डॉ. शैलेष यादव ने कहा कि कृष्ण की सभी लीलाएँ कुछ न कुछ सन्देश देती हैं। उन लीलाओं को उनके आध्यात्मिक स्वरूप में ही समझा जा सकता है। यूथ हॉस्टल, जोधपुर के प्रबंधक ले. कर्नल (सेनि) प्रकाश चन्द्र यादव ने श्री कृष्ण के विचारों को सदैव प्रासंगिक बताते हुए उनके  जीवन से प्रेरणा लेने की बात कही।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि  निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने यादव समाज द्वारा जारी स्मारिका का विमोचन भी किया।  इस अवसर पर उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मानित भी किया। इस अवसर पर  मदन सिंह यादव, अरुण यादव, आनंद यादव, राजकुमार यादव सहित तमाम लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन नंदकिशोर यादव ने किया।

-डॉ. शैलेष यादव
अध्यक्ष - यादव समाज जोधपुर 

बुधवार, 29 जुलाई 2015

डॉयचे वेले की बेस्ट ऑफ एक्टिविज्म प्रतियोगिता में 'पीपुल्स चॉइस अवॉर्ड' श्रेणी के तहत आकांक्षा यादव का 'शब्द-शिखर' हिंदी का सबसे लोकप्रिय ब्लॉग

डॉयचे वेले की बॉब्स - बेस्ट ऑफ ऑनलाईन एक्टिविज्म प्रतियोगिता-2015  में इंटरनेट यूजरों ने पिछले दिनों 'पीपुल्स चॉइस अवॉर्ड' श्रेणी में  'शब्द-शिखर' (www.shabdshikhar.blogspot.in/) ब्लॉग  को हिंदी के सबसे लोकप्रिय ब्लॉग के रूप में चुना। हिंदी सहित 14 भाषाओं में पीपुल्स चॉइस अवॉर्ड के तहत एक-एक सर्वश्रेष्ठ ब्लॉग चुना गया, जिसमे कुल मिला कर करीब 30,000 वोट डाले गए। ज्यूरी ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि, ''आकांक्षा यादव साहित्य, लेखन और ब्लॉगिंग के क्षेत्र में सक्रिय हैं।  उन्हें हिन्दी में ब्लॉग लिखने वाली शुरुआती महिलाओं में गिना जाता है।  आकांक्षा महिला अधिकारों पर लिखना पसंद करती हैं।  अपने ब्लॉग में वह अपने निजी अनुभव और कविताएं भी शामिल करती हैं।''  



गौरतलब है कि द बॉब्स – बेस्ट ऑफ आनलाइन एक्टिविज्म के जरिए डॉयचे वेले 2004 से एक ऐसी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता आयोजित कर रहा है जो ऐसे ब्लॉगरों, कार्यकर्ताओं और पत्रकारों को सम्मानित करती है जो इंटरनेट से जुड़ कर अभिव्यक्ति की आजादी और मानवाधिकारों की रक्षा के लिए काम कर रहे हैं। प्रतियोगिता के लिए 14 सदस्यों वाली अंतरराष्ट्रीय जूरी ने विभिन्न वर्गों में 112 वेबसाइटों को नामांकित किया। इस साल 4,800 से ज्यादा वेबसाइटों और ऑनलाइन प्रोजेक्टों के सुझाव बॉब्स की टीम तक पहुंचे। विजेताओं को 23 जून को जर्मनी के बॉन शहर में होने वाले ग्लोबल मीडिया फोरम के दौरान पुरस्कृत किया गया।  इस अवसर पर आकांक्षा यादव के कार्यक्रम में नहीं पहुँच पाने पर उनका  प्रमाण-पत्र डॉयचे वेले द्वारा डाक से भेजा गया। 

THE BOBS : Best of Online Activism


Winner Certificate
Best of Online Activism 2015

Category
People's Choice for Hindi

Awarded to
Shabd Shikhar
Represented by Akanksha Yadav

Deutsche Welle would like to recognize
Shabd Shikhar for outstanding achievements
in online activism as a winner of The Bobs 2015.



Peter Limbourg
Director General of Deutsche Welle

June 23, 2015

बुधवार, 1 जुलाई 2015

जगमोहन यादव उत्तर प्रदेश पुलिस के नये पुलिस महानिदेशक (डीजीपी)

उत्तर प्रदेश सरकार ने 1983 बैच के आईपीएस अधिकारी जगमोहन यादव को 30 जून को उत्तर प्रदेश के  पुलिस महानिदेशक पद पर नियुक्त किया गया।  है। मूलत : जौनपुर जनपद निवासी श्री यादव इससे पूर्व  सीबीसीआईडी (क्राइम ब्रांच, क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट) के पुलिस महानिदेशक थे । पूर्व में अपर पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) के पद पर रह चुके यादव  ने कहा, प्रदेश सरकार ने मुक्षे इस चुनौतीपूर्ण पद के लिए मुझ  पर जो भरोसा जताया है, मैं उस पर खरा उतरने की कोशिश करूंगा। इस पद पर नियुक्ति पश्चात जगमोहन यादव उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक पद को सुशोभित करने वाले पहले यदुवंशी बन गए हैं !!

शनिवार, 30 मई 2015

नन्ही ब्लॉगर अक्षिता (पाखी) को "परिकल्पना कनिष्ठ सार्क ब्लॉगर सम्मान"

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने दिया।  वाकई आज बेटियाँ अपनी मौजूदगी से पूरी दुनिया में अपना नाम रोशन कर रही हैं।  नन्ही ब्लॉगर आठ वर्षीया अक्षिता यादव (पाखी) को  25 मई 2015 को श्री लंका में आयोजित हुए  पंचम अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन  में "परिकल्पना कनिष्ठ सार्क ब्लॉगर सम्मान" से सम्मानित किया गया । इस सम्मान के अंतर्गत अक्षिता को श्रीलंका के वरिष्ठ नाट्यकर्मी डॉन सोमरथ्न विथाना एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री  श्री नकुल दूबे द्वारा अंगवस्त्र, सम्मान पत्र, प्रतीक चिन्ह और 5,000/- की धनराशि सम्मान स्वरुप  प्रदान की गई।  जोधपुर  में कक्षा 3  की छात्रा अक्षिता के पिता श्री कृष्ण कुमार यादव राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर  के निदेशक डाक सेवाएं पद पर पदस्थ हैं और मम्मी श्रीमती आकांक्षा एक काॅलेज में प्रवक्ता रही हैं। दोनों ही जन चर्चित साहित्यकार व सक्रिय ब्लाॅगर भी हैं। उक्त जानकारी सम्मेलन के संयोजक रवीन्द्र प्रभात ने दी। 


अक्षिता भारत की सबसे कम उम्र (4 साल 8 माह ) की राष्ट्रीय बाल पुरस्कार विजेता भी है। विज्ञान भवन, नई दिल्ली में ’कला’ और ’ब्लाॅगिंग’ के लिए तत्कालीन महिला एवं बाल विकास मंत्री, भारत सरकार, श्रीमती कृष्णा तीरथ द्वारा 14 नवम्बर, 2011 को ’राष्ट्रीय बाल पुरस्कार-2011’ प्राप्त कर अक्षिता ने इसे सबसे कम उम्र में पाने का कीर्तिमान बनाया, वहीं  ब्लाॅगिंग के लिए भी राजकीय स्तर पर प्रथम सम्मान-पुरस्कार पाने का गौरव प्राप्त किया। यही नहीं, इससे पूर्व अक्षिता को नई दिल्ली में अप्रैल, 2011 में हुए अंतर्राष्ट्रीय ब्लाॅगर सम्मेलन में उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल ”निशंक” द्वारा ‘श्रेष्ठ नन्हीे ब्लाॅगर‘ के सम्मान से भी नवाजा जा चुका है। इसके अलावा विभिन्न मंचों पर फिल्म अभिनेत्री शबाना आजमी, सांसद डिम्पल यादव, दबंग फेम म्यूजिक-कम्पोजर वाजिद खान, नेपाल सरकार के  मंत्री अर्जुन नरसिंह केसी, साहित्यकार अशोक चक्रधर, डॉ. रामदरश मिश्र, प्रभाकर श्रोत्रिय इत्यादि भी अक्षिता को सम्मानित कर चुके हैं। 


अक्षिता के बनाये चित्रों और गतिविधियों को ब्लाॅग के माध्यम से  लोगों के सामने प्रस्तुत करने हेतु उसके मम्मी-पापा ने  24 जून 2009 को “पाखी की दुनिया” (http://www.pakhi-akshita.blogspot.in/) नाम से अक्षिता का ब्लाॅग बनाया। अक्षिता का यह ब्लॉग उसकी सोच और कल्पना का मूर्त रूप है। अक्षिता की सोच को ब्लॉग के माध्यम से उकेरने की जिम्मेदारी खुद अक्षिता के माता-पिता ने ली है। वह उसके द्वारा कहे गये शब्दों, उसकी कल्पना व सोच को शब्दों का रूप देकर इस ब्लॉग को मेंटेन करते हैं। देखते ही देखते करीब एक लाख से अधिक हिन्दी ब्लाॅगों में इस ब्लाॅग की रेटिंग बढ़ती गई और आज इस ब्लॉग पर 415  से भी ज्यादा पोस्ट प्रकाशित हो चुकी हैं और 275 से ज्यादा लोग इसका अनुसरण करते हैं। इस ब्लॉग पर तमाम प्रतिक्रियाएं  प्राप्त हुईं और 100 से ज्यादा देशों में इसे देखा-पढ़ा जाता है। अक्षिता और उसका ब्लॉग ‘पाखी की दुनिया‘ फेसबुक (https://www.facebook.com/AkshitaaSingh) पर भी उपलब्ध है, जहाँ लगभग 1200 लोग इसे अनुसरण करते हैं।

शुक्रवार, 29 मई 2015

आकांक्षा यादव “परिकल्पना सार्क शिखर सम्मान“ से सम्मानित


अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन, कोलोम्बो-श्री लंका में  चर्चित ब्लॉगर-लेखिका आकांक्षा यादव को वर्ष 2015 के लिए सार्क देशों में दिए जाने वाले शीर्ष सम्मान “परिकल्पना सार्क शिखर सम्मान“ से सम्मानित किया गया। 25 मई 2015 को  आयोजित इस पंचम अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन में आकांक्षा यादव को श्रीलंका के वरिष्ठ नाट्यकर्मी डॉन सोमरथ्न विथाना एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री  श्री नकुल दूबे द्वारा अंगवस्त्र, सम्मान पत्र, प्रतीक चिन्ह और 21000/- की धनराशि सम्मान स्वरुप  प्रदान की गई । इस अवसर पर ब्लॉगिंग और सोशल मीडिया में महिलाओं की भूमिका पर आकांक्षा यादव ने प्रभावी व्याख्यान भी दिया। आकांक्षा यादव राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर के  निदेशक डाक सेवाएं  श्री कृष्ण कुमार यादव की पत्नी हैं, जो की स्वयं चर्चित ब्लॉगर और साहित्यकार हैं। उक्त जानकारी अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर्स कांफ्रेंस के संयोजक  रवीन्द्र प्रभात ने दी।

संयोजक  रवीन्द्र प्रभात ने बताया कि आकांक्षा यादव  ने वर्ष 2008 में ब्लाॅग जगत में कदम रखा और विभिन्न विषयों पर आधारित दसियों ब्लाॅग का संचालन-सम्पादन करके कई लोगों को ब्लाॅगिंग की तरफ प्रवृत्त किया और अपनी साहित्यिक रचनाधर्मिता के साथ-साथ ब्लाॅगिंग को भी नये आयाम दिये। “शब्द-शिखर“ (http://shabdshikhar.blogspot.in) इनका प्रमुख ब्लॉग है, जो कि हिंदी के लोकप्रिय ब्लॉगों में गिना जाता है।  नारी विमर्श, बाल विमर्श एवं सामाजिक सरोकारों सम्बन्धी विमर्श में विशेष रुचि रखने वाली आकांक्षा यादव अग्रणी महिला ब्लॉगर हैं और इनकी रचनाओं में नारी-सशक्तीकरण बखूबी झलकता है। इनके ब्लॉग को अब तक लाखों लोगों ने पढा है और करीब सौ ज्यादा देशों में इन्हें देखा-पढा जाता है। 

गौरतलब है कि आकांक्षा यादव को राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इससे पूर्व भी ब्लॉगिंग हेतु तमाम प्रतिष्ठित सम्मान प्राप्त हो चुके हैं। इनमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा  “अवध सम्मान“, हिंदी ब्लॉगिंग के दशक वर्ष में  “दशक के श्रेष्ठ ब्लॉगर दम्पति“ का सम्मान, नेपाल में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय ब्लाॅगर सम्मेलन में “परिकल्पना  ब्लॉग विभूषण सम्मान“ से सम्मानित किया जा चुका है।  इसके अलावा विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ, भागलपुर, बिहार द्वारा डाॅक्टरेट (विद्यावाचस्पति) की मानद उपाधि, भारतीय दलित साहित्य अकादमी द्वारा ‘डाॅ. अम्बेडकर फेलोशिप राष्ट्रीय सम्मान‘ व ‘‘वीरांगना सावित्रीबाई फुले फेलोशिप सम्मान‘, राष्ट्रीय राजभाषा पीठ इलाहाबाद द्वारा ’भारती ज्योति’, साहित्य मंडल, श्रीनाथद्वारा, राजस्थान द्वारा ”हिंदी भाषा भूषण”, निराला स्मृति संस्थान, रायबरेली द्वारा मनोहरादेवी स्मृति सम्मान सहित विभिन्न प्रतिष्ठित सामाजिक-साहित्यिक संस्थाओं द्वारा विशिष्ट कृतित्व, रचनाधर्मिता और सतत् साहित्य सृजनशीलता हेतु दर्जनाधिक सम्मान और मानद उपाधियाँ प्राप्त हैं ।

गुरुवार, 21 मई 2015

हिन्दी का सबसे लोकप्रिय ब्लॉग बना आकांक्षा यादव का 'शब्द-शिखर'

हिंदी की चर्चित ब्लॉगर आकांक्षा यादव के ब्लॉग 'शब्द-शिखर'  (www.shabdshikhar.blogspot.in/) को वर्ष 2015 के लिए हिन्दी का सबसे लोकप्रिय ब्लॉग चुना गया है।  डॉयचे वेले की बॉब्स - बेस्ट ऑफ एक्टिविज्म - प्रतियोगिता में इंटरनेट यूजरों ने 'पीपुल्स चॉइस अवॉर्ड' श्रेणी में इस ब्लॉग  को हिंदी के सबसे लोकप्रिय ब्लॉग के रूप में चुना है। हिंदी सहित 14 भाषाओं में पीपुल्स चॉइस अवॉर्ड के तहत एक एक सर्वश्रेष्ठ ब्लॉग चुना गया है, जिसमे कुल मिला कर करीब 30,000 वोट डाले गए। ज्यूरी ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि, ''आकांक्षा यादव साहित्य, लेखन और ब्लॉगिंग के क्षेत्र में सक्रिय हैं।  उन्हें हिन्दी में ब्लॉग लिखने वाली शुरुआती महिलाओं में गिना जाता है।  आकांक्षा महिला अधिकारों पर लिखना पसंद करती हैं।  अपने ब्लॉग में वह अपने निजी अनुभव और कविताएं भी शामिल करती हैं।''  वर्ष 2008 से ब्लॉगिंग में सक्रिय आकांक्षा यादव  राजस्थान पश्चिम क्षेत्र, जोधपुर के निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव की पत्नी हैं, जो कि स्वयं चर्चित हिंदी ब्लॉगर और साहित्यकार हैं। इनके ब्लॉग को अब तक लाखों लोगों ने पढा है और करीब सौ ज्यादा देशों में इन्हें देखा-पढा जाता है। 

 गौरतलब है कि द बॉब्स – बेस्ट ऑफ आनलाइन एक्टिविज्म के जरिए डॉयचे वेले 2004 से एक ऐसी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता आयोजित कर रहा है जो ऐसे ब्लॉगरों, कार्यकर्ताओं और पत्रकारों को सम्मानित करती है जो इंटरनेट से जुड़ कर अभिव्यक्ति की आजादी और मानवाधिकारों की रक्षा के लिए काम कर रहे हैं। प्रतियोगिता के लिए 14 सदस्यों वाली अंतरराष्ट्रीय जूरी ने विभिन्न वर्गों में 112 वेबसाइटों को नामांकित किया। इस साल 4,800 से ज्यादा वेबसाइटों और ऑनलाइन प्रोजेक्टों के सुझाव बॉब्स की टीम तक पहुंचे। विजेताओं को 23 जून को जर्मनी के बॉन शहर में होने वाले ग्लोबल मीडिया फोरम के दौरान पुरस्कृत किया जाएगा। 

आकांक्षा यादव को राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इससे पूर्व भी ब्लॉगिंग हेतु तमाम प्रतिष्ठित सम्मान प्राप्त हो चुके हैं। इनमें   ''अवध सम्मान“, हिंदी ब्लॉगिंग के दशक वर्ष में  “दशक के श्रेष्ठ ब्लॉगर दम्पति“ का सम्मान, नेपाल में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय ब्लाॅगर सम्मेलन में “परिकल्पना  ब्लॉग विभूषण सम्मान“ से सम्मानित किया जा चुका है।  इसके अलावा विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ, भागलपुर, बिहार द्वारा डाॅक्टरेट (विद्यावाचस्पति) की मानद उपाधि, भारतीय दलित साहित्य अकादमी द्वारा ‘डाॅ. अम्बेडकर फेलोशिप राष्ट्रीय सम्मान‘ व ‘‘वीरांगना सावित्रीबाई फुले फेलोशिप सम्मान‘, राष्ट्रीय राजभाषा पीठ इलाहाबाद द्वारा ’भारती ज्योति’, साहित्य मंडल, श्रीनाथद्वारा, राजस्थान द्वारा ”हिंदी भाषा भूषण”, निराला स्मृति संस्थान, रायबरेली द्वारा मनोहरादेवी स्मृति सम्मान सहित विभिन्न प्रतिष्ठित सामाजिक-साहित्यिक संस्थाओं द्वारा विशिष्ट कृतित्व, रचनाधर्मिता और सतत् साहित्य सृजनशीलता हेतु दर्जनाधिक सम्मान और मानद उपाधियाँ प्राप्त हैं ।




बुधवार, 20 मई 2015

नन्ही ब्लॉगर अक्षिता (पाखी) को मिलेगा कनिष्ठ सार्क ब्लॉगर सम्मान

बेटियाँ अपनी मौजूदगी से पूरी दुनिया में अपना नाम रोशन कर रही हैं। नन्ही ब्लॉगर अक्षिता यादव (पाखी) को श्री लंका में आयोजित होने वाले पंचम अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन (23 से 27 मई 2015) में "परिकल्पना कनिष्ठ सार्क ब्लॉगर सम्मान" के लिए चयनित किया गया है। इस सम्मान के अंतर्गत अक्षिता को अंगवस्त्र, सम्मान पत्र, प्रतीक चिन्ह और 5,000/- की धनराशि प्रदान की जाएगी।  कक्षा 3  की छात्रा अक्षिता के पिता श्री कृष्ण कुमार यादव राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर  के निदेशक डाक सेवाएं पद पर पदस्थ हैं और मम्मी श्रीमती आकांक्षा एक काॅलेज में प्रवक्ता रही हैं। दोनों ही जन चर्चित साहित्यकार व सक्रिय ब्लाॅगर भी हैं। उक्त जानकारी सम्मेलन के संयोजक रवीन्द्र प्रभात ने दी। 

अक्षिता भारत की सबसे कम उम्र (4 साल 8 माह ) की राष्ट्रीय बाल पुरस्कार विजेता भी है। विज्ञान भवन, नई दिल्ली में ’कला’ और ’ब्लाॅगिंग’ के लिए तत्कालीन महिला एवं बाल विकास मंत्री, भारत सरकार, श्रीमती कृष्णा तीरथ द्वारा 14 नवम्बर, 2011 को ’राष्ट्रीय बाल पुरस्कार-2011’ प्राप्त कर अक्षिता ने इसे सबसे कम उम्र में पाने का कीर्तिमान बनाया, वहीं  ब्लाॅगिंग के लिए भी राजकीय स्तर पर प्रथम सम्मान-पुरस्कार पाने का गौरव प्राप्त किया। यही नहीं, इससे पूर्व अक्षिता को नई दिल्ली में अप्रैल, 2011 में हुए अंतर्राष्ट्रीय ब्लाॅगर सम्मेलन में उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल ”निशंक” द्वारा ‘श्रेष्ठ नन्हीे ब्लाॅगर‘ के सम्मान से भी नवाजा जा चुका है। इसके अलावा विभिन्न मंचों पर फिल्म अभिनेत्री शबाना आजमी, सांसद डिम्पल यादव, दबंग फेम म्यूजिक-कम्पोजर वाजिद खान, नेपाल सरकार के  मंत्री अर्जुन नरसिंह केसी, साहित्यकार अशोक चक्रधर, डॉ. रामदरश मिश्र, प्रभाकर श्रोत्रिय इत्यादि भी अक्षिता को सम्मानित कर चुके हैं। 

 अक्षिता के बनाये चित्रों और गतिविधियों को ब्लाॅग के माध्यम से  लोगों के सामने प्रस्तुत करने हेतु उसके मम्मी-पापा ने  24 जून 2009 को “पाखी की दुनिया” (http://www.pakhi-akshita.blogspot.in/) नाम से अक्षिता का ब्लाॅग बनाया। अक्षिता का यह ब्लॉग उसकी सोच और कल्पना का मूर्त रूप है। अक्षिता की सोच को ब्लॉग के माध्यम से उकेरने की जिम्मेदारी खुद अक्षिता के माता-पिता ने ली है। वह उसके द्वारा कहे गये शब्दों, उसकी कल्पना व सोच को शब्दों का रूप देकर इस ब्लॉग को मेंटेन करते हैं। देखते ही देखते करीब एक लाख से अधिक हिन्दी ब्लाॅगों में इस ब्लाॅग की रेटिंग बढ़ती गई और आज इस ब्लॉग पर 415  से भी ज्यादा पोस्ट प्रकाशित हो चुकी हैं और 275 से ज्यादा लोग इसका अनुसरण करते हैं। इस ब्लॉग पर तमाम प्रतिक्रियाएं  प्राप्त हुईं और 100 से ज्यादा देशों में इसे देखा-पढ़ा जाता है। अक्षिता और उसका ब्लॉग ‘पाखी की दुनिया‘ फेसबुक (https://www.facebook.com/AkshitaaSingh) पर भी उपलब्ध है, जहाँ लगभग 1200 लोग इसे अनुसरण करते हैं। 

मंगलवार, 19 मई 2015

बढ़ा हुआ वेतन नहीं लेंगे झाविमो विधायक दल के नेता प्रदीप यादव

रांची: झाविमो विधायक दल के नेता प्रदीप यादव बढ़ा हुआ वेतनमान नहीं लेंगे. हाल में ही सरकार ने विधायकों के वेतन व अन्य भत्ता में बढ़ोतरी की है. श्री यादव ने विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव को पत्र लिख कर कहा है कि झारखंड के विकास में जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ कर्मचारी और मानदेय पर काम करने वाले छोटे कर्मचारियों का भी योगदान है.

 श्री यादव ने कहा कि कुछ कर्मचारियों को दैनिक मजदूरी से भी कम मानदेय मिलता है. श्रम विभाग द्वारा संचालित विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को मात्र तीन हजार मानदेय प्रतिमाह मिल रहा है. यह श्रम कानून का उल्लंघन है. 

 राज्य में कार्यरत पारा शिक्षक, आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका और अन्य क्षेत्र में काम करने वाले लोग मानदेय वृद्धि की लड़ाई लड़ रहे हैं. स्पीकर से कहा है कि वह विधायकों के वेतन वृद्धि के निर्णय का विरोध नहीं कर रहे हैं, लेकिन छोटे कर्मियों के मानदेय वृद्धि से पहले विधायकों के वेतन बढ़ाये जाने से गलत संदेश जायेगा. इसलिए वह वेतनमान में की गयी वृद्धि को तब तक नहीं लूंगा, जब तक सरकार ऐसे कर्मियों का वेतन नहीं बढ़ती.   

सांसद पप्पू यादव ने बनाया जनक्रांति अधिकार मोर्चा

राजद से निष्कासित मधेपुरा के सांसद राजेश रंजन ऊर्फ पप्पू यादव ने जनक्रांति अधिकार मोर्चा का गठन किया है. रविवार को इसकी घोषणा करते हुए श्री यादव ने दावा किया कि हमारा यह संगठन राजद विचारधारा का असली वारिस होगा. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अगर जीतन राम मांझी को वह अपने साथ लेंगे, तो ऐसी स्थिति में उनको भी पार्टी में शामिल कर सकते हैं. रविवार को पटना में युवा शक्ति के अलावा बुद्धिजीवियों, जिला पर्षद अध्यक्षों, मेयरों, मुखियाओं से परामर्श के बाद उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि दो सप्ताह में यह तय हो जायेगा कि मोरचा आगे किस रूप में काम करेगा.इसके लिए राज्य स्तर पर कोर कमेटी का गठन किया गया है. कोर कमेटी ही निर्णय करेगी कि मोरचा का किसी दल में विलय होगा या राजनीतिक दल के रूप में काम करेगा या समान विचारधारा के किसी दल के साथ गंठबंधन करेगा.उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार और लालू प्रसाद के गंठबंधन से किसी प्रकार का चुनावी तालमेल नहीं होगा. बिहार में हमारा मोरचा तीसरे विकल्प के रूप में काम करेगा.  

हाउसिंग डॉट कॉम के सीइओ राहुल यादव की दरियादिली

राहुल यादव सुर्ख़ियों में हैं।  26 साल का एक नौजवान, 1500 करोड़ की कंपनी खड़ी करने का श्रेय, अचानक इस्तीफा, फिर इस्तीफा वापस ले लेना और अपने हिस्से की डेढ़-दो सौ करोड़ की हिस्सेदारी अपनी कर्मचारियों में बांट देना! जी हां, हम हाउसिंग डॉट कॉम के संस्थापक और सीईओ राहुल यादव की ही बात कर रहे हैं। लेकिन ये राहुल यादव हैं कौन? और क्या है उनकी आदतें?

कौन हैं ये राहुल यादव?

राहुल यादव का जन्म एक मध्यमवर्गीय परिवार में अलवर में हुआ था जहां वे कक्षा नौंवी तक पढ़ाई-लिखाई में बहुत जहीन नहीं थे। दसवीं कक्षा में वे 30 लड़कों के बैच में 20 वें जगह पर आए जिस पर उनके चाचा ने उनको ताना दिया। उस ताने के बाद राहुल ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और ग्यारवीं की परीक्षा में पूरे राजस्थान में फिजिक्स, कैमिस्ट्री और मैथ्स में टॉप कर गए। टॉप स्थान हासिल करने के बाद आईआईटी की तैयारी करवाने वाली एक कोचिंग ने राहुल की 75 फीसदी फीस माफ कर दी। राहुल ने आईआईटी बंबई में प्रवेश लिया और पुराने परीक्षा पत्रों के आधार पर इक्जामबाबा डॉट कॉम शुरू किया। इक्जामबाबा को आईआईटी बंबई का ऑफिसियल आरकाइव बनाया गया, हालांकि बाद में उसे बंद कर दिया गया।

कैसे हुई हाउसिंग डॉट कॉम की स्थापना?

फिर राहुल ने इजरायल में संक्षिप्त इटर्नशिप किया और उसके बाद गूगल क्रोम के लिए एप्प बनाने लगे। लेकिन फाइनल ईयर में उन्होंने आईआईटी छोड़ दी और अपने दोस्त अद्वितीय शर्मा के साथ मिलकर हाउसिंग डॉट कॉम की स्थापना कर ली। इसका आइडिया उनके दिमाग में मुम्बई में घर खोजने की समस्या को देखकर आया। उनका यह काम चल निकला और वे हर महीने एक से दो लाख रुपये महीना कमाने लगे।

कंपनी का फैलाव

अगला काम था इसे देश भर में फैलाना। सन् 2013 में स्थापित इस वेबसाइट में अन्य वेबसाइटों की तुलना में ज्यादा बेहतर फीचर्स थे। इसलिए दो साल के भीतर ही यह अन्य वेबसाइटों को पछाड़कर आगे निकल गया। आज इस वेबसाइट में 750 कर्मचारी है और यह फंडिंग के पांच चरण पूरा कर चुका है जिसमें पिछले नवंबर में हुआ 600 करोड़ का निवेश भी शामिल है जिसके बाद इस वेबसाइट की कीमत 1500 करोड़ रुपये तक पहुंच चुकी है! इसमें 30 फीसदी हिस्सा जापान के सॉफ्ट बैंक का बताया जा रहा है।

क्या लिखा था राहुल ने इस्तीफे में?

राहुल यादव ने पिछले दिनों जब सीईओ पद से इस्तीफा दिया तो उन्होंने कहा कि कंपनी के बोर्ड और निवेशकों में कोई भी बौद्धिक रूप से इतना सक्षम नहीं है जिसके साथ वह कोई समझदारी भरी बातें कर सकें! साथ ही उन्होंने कहा कि उनके जीवन में सिर्फ 3 लाख घंटे हैं और वे उन घंटों को उनके साथ बर्बाद नहीं कर सकते। हालांकि बाद में राहुल ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया। राहुल को आगे बढ़कर काम करनेवाला और अत्यधिक मेहनती माना जाता है। इसलिए उनके इस्तीफा देने से कंपनी के भविष्य के बारे में तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही थी।

मीडिया से टकराव

इतना ही नहीं राहुल, मीडिया से भी लड़ बैठे। उन्होंने मीडिया को चेतावनी दी कि अगर उनकी कंपनी के बारे नकारात्मक खबरें छापी गई तो यह उनके लिए अच्छा नहीं होगा। इतना ही नहीं उनका टाईम्स समूह के साथ भी उनका टकराव हुआ जिसके बाद टाईम्स समूह ने यादव को एक कानूनी नोटिस भेजकर 100 करोड़ रुपये की मांग की। राहुल ने कहा था कि टाईम्स समूह के अखबार में उनके बारे में खबर छपना दरअसल हितों का टकराव है क्योंकि टाईम्स समूह की मैजिकब्रिक्स डॉट कॉम में हिस्सेदारी है जो हाउसिंग डॉट कॉम का सीधा प्रतिद्वंदी है।

इससे पहले यादव की एक वेंचर कैपिटल फर्म सैक्योरिया कैपिटल को चेतावनी देती मेल भी लीक हुई जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर उनके स्टाफ को तोड़ा गया तो वे उस वेंचर कंपनी के सारे कर्मचारियों को तोड़कर उसे खाली कर देंगे। जाहिर है, इन नकारात्मक प्रचारों ने निवेशकों को चिंतित कर दिया क्योंकि स्नैपडील और अलीबाबा जैसी बड़ी कंपनियों ने भी हाउसिंग डॉट कॉम में निवेश कर रखा है।

स्टार्ट अप्स के केजरीवाल!

हालांकि इस्तीफा वापस लेने के बाद भी राहुल उन्हीं पुराने कारणों से चर्चा में आ गए। उन्होंने ओलाकैब्स और जोमैटो जैसे स्टार्ट अप्स के मुखिया को चुनौती दे दी कि वे भी अपने कर्मचारियो को अपने आधे शेयर देकर दिखाएं! उन्होंने ये चुनौती फेसबुक पर लिखकर दे दी। इसका उनको जवाब भी दिलचस्प मिला। जोमैटो के दीपेंदर गोयल का जवाब आया, ‘अरविंद केजरीवाल को यह देखकर बहुत खुशी हुई होगी कि उन्हें टेक स्टार्टअप्स की दुनिया में अपना एक साथी मिल गया है।’

- राम शिव मूर्ति यादव @ www.yadukul.blogspot.com/ 

मंगलवार, 10 मार्च 2015

परिकल्पना सार्क शिखर सम्मान चर्चित ब्लॉगर-लेखिका आकांक्षा यादव को

सार्क देशों में वर्ष 2015 के लिए दिए जाने वाले शीर्ष सम्मान "परिकल्पना सार्क शिखर सम्मान'' के लिए  चर्चित ब्लॉगर-लेखिका आकांक्षा यादव को चयनित किया गया है। उन्हें  आगामी 23 से 27 मई 2015 को श्री लंका में आयोजित पंचम अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन में इसके तहत सम्मान पत्र के साथ  इक्कीस हजार (21000/-) रूपये  की धनराशि प्रदान की जाएगी। उक्त जानकारी अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर्स कांफ्रेंस के संयोजक  रवीन्द्र प्रभात ने दी।

संयोजक  रवीन्द्र प्रभात ने बताया कि आकांक्षा यादव  ने वर्ष 2008 में ब्लाॅग जगत में कदम रखा और विभिन्न विषयों पर आधारित दसियों ब्लाॅग का संचालन-सम्पादन करके कई लोगों को ब्लाॅगिंग की तरफ प्रवृत्त किया और अपनी साहित्यिक रचनाधर्मिता के साथ-साथ ब्लाॅगिंग को भी नये आयाम दिये। 'शब्द-शिखर'' (http://shabdshikhar.blogspot.in/) इनका प्रमुख ब्लॉग है, जो कि हिंदी के लोकप्रिय ब्लॉगों में गिना जाता है।  नारी विमर्श, बाल विमर्श एवं सामाजिक सरोकारों सम्बन्धी विमर्श में विशेष रुचि रखने वाली आकांक्षा यादव अग्रणी महिला ब्लॉगर हैं और इनकी रचनाओं में नारी-सशक्तीकरण बखूबी झलकता है। इनके ब्लॉग को अब तक लाखों लोगों ने पढा है और करीब सौ ज्यादा देशों में इन्हें देखा-पढा जाता है। आकांक्षा यादव निदेशक डाक सेवाएं  कृष्ण कुमार यादव की पत्नी हैं, जो कि चर्चित हिंदी ब्लॉगर और साहित्यकार हैं।  

गौरतलब है कि आकांक्षा यादव को राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इससे पूर्व भी ब्लॉगिंग हेतु तमाम प्रतिष्ठित सम्मान प्राप्त हो चुके हैं। इनमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा  “अवध सम्मान“, हिंदी ब्लॉगिंग के दशक वर्ष में  “दशक के श्रेष्ठ ब्लॉगर दम्पति“ का सम्मान, नेपाल में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय ब्लाॅगर सम्मेलन में “परिकल्पना  ब्लॉग विभूषण सम्मान“ से सम्मानित किया जा चुका है।  इसके अलावा विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ, भागलपुर, बिहार द्वारा डाॅक्टरेट (विद्यावाचस्पति) की मानद उपाधि, भारतीय दलित साहित्य अकादमी द्वारा ‘डाॅ. अम्बेडकर फेलोशिप राष्ट्रीय सम्मान‘ व ‘‘वीरांगना सावित्रीबाई फुले फेलोशिप सम्मान‘, राष्ट्रीय राजभाषा पीठ इलाहाबाद द्वारा ’भारती ज्योति’, साहित्य मंडल, श्रीनाथद्वारा, राजस्थान द्वारा ”हिंदी भाषा भूषण”, निराला स्मृति संस्थान, रायबरेली द्वारा मनोहरा देवी स्मृति सम्मान सहित विभिन्न प्रतिष्ठित सामाजिक-साहित्यिक संस्थाओं द्वारा विशिष्ट कृतित्व, रचनाधर्मिता और सतत् साहित्य सृजनशीलता हेतु दर्जनाधिक सम्मान और मानद उपाधियाँ प्राप्त हैं ।