हिंदी साहित्य निकेतन, परिकल्पना डॉट कॉम और नुक्कड़ डॉट कॉम की त्रिवेणी द्वारा हिंदी भवन, नई दिल्ली में 30 अप्रैल, 2011 को आयोजित भव्य अन्तराष्ट्रीय ब्लागर्स सम्मलेन में अक्षिता यादव (पाखी) को 'बेस्ट बेबी ब्लागर अवार्ड' का ख़िताब दिया गया. यह पुरस्कार उत्तरांचल के मुख्यमंत्री श्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' जी द्वारा चर्चित व्यंग्यकार अशोक चक्रधर, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. रामदरश मिश्र, प्रभाकर श्रोत्रिय जैसे गणमान्य साहित्यकारों की गौरवमयी उपस्थिति में दिया गया.
दुर्भाग्यवश पायलटों की हड़ताल के चलते ऐनवक्त पर फ्लाईट कैंसिल हो जाने के चलते अक्षिता पोर्टब्लेयर से सम्मान ग्रहण करने नहीं जा सकीं, अत: उनकी अनुपस्थिति में यह सम्मान उनके चाचा श्री अमित कुमार यादव, जो की 'युवा-मन' ब्लॉग के संयोजक भी हैं ने ग्रहण किया.
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25 मार्च 2007 को कानपुर में जन्मीं अक्षिता वर्तमान में कार्मेल स्कूल, पोर्टब्लेयर में के.जी.-I में पढ़ती है। अक्षिता के पिता कृष्ण कुमार यादव अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के निदेशक डाक सेवाएं पद पर पदस्थ हैं व मम्मी आकांक्षा यादव उ0प्र0 के एक काॅलेज में प्रवक्ता हैं। दोनों ही जन चर्चित साहित्यकार व सक्रिय ब्लाॅगर भी हैं। अक्षिता की रुचियाँ हैं- प्लेयिंग, डांसिंग, ड्राइंग, ट्रेवलिंग, ब्लाॅगिंग। अक्षिता को ड्राइंग बनाना बहुत अच्छा लगता है। पहले तो हर माँ-बाप की तरह उनके मम्मी-पापा ने भी ध्यान नहीं दिया, पर धीरे-धीरे उन्होंने अक्षिता के बनाए चित्रों को सहेजना आरंभ कर दिया। इसी क्रम में इन चित्रों और अक्षिता की गतिविधियों को ब्लाॅग के माध्यम से भी लोगों के सामने प्रस्तुत करने का विचार आया और 24 जून 2009 को “पाखी की दुनिया” नाम से अक्षिता का ब्लाॅग अस्तित्व में आया। एक साल के भीतर ही करीब 30,000 हिन्दी ब्लाॅगों के मध्य यह ब्लॉग काफी लोकप्रिय होता गया. आज इस ब्लॉग पर 150 से भी ज्यादा पोस्ट प्रकाशित हो चुकी हैं और 140 से ज्यादा लोग इसका अनुसरण करते हैं। इस ब्लाॅग का संचालन अक्षिता के मम्मी-पापा द्वारा किया जाता है।
‘पाखी की दुनिया‘ ब्लाॅग के माध्यम से अक्षिता (पाखी) की सृजनात्मकता को भी पंख लग गए और लोगों ने उसे हाथों-हाथ लिया। इस ब्लॉग पर अंडमान के बारे में भी काफी जानकारियां और फोटोग्राफ हैं, जिसे पाठक काफी उत्सुकता से पढ़ते और सराहते हैं। गौरतलब है कि ‘पाखी की दुनिया‘ की चर्चा जहाँ तमाम पत्र-पत्रिकाओं में हुई है, वहीँ कुछ बाल साहित्यकार अक्षिता की मासूम प्रतिभा से इतने प्रभावित हुए कि अपनी पुस्तक के कवर-पेज पर उसकी फोटो ही लगा दी।दिल्ली से प्रकाशित प्रतिष्ठित राष्ट्रीय हिंदी दैनिक ‘हिन्दुस्तान‘ ने लिखा कि- ‘‘अक्षिता की उम्र तो बेहद कम है, लेकिन हिन्दी ब्लाॅगिंग में वो एक जाना-पहचाना नाम बन चुकी है। अक्षिता का ब्लाॅग बेहद पापुलर है और फिलहाल हिन्दी के टाॅप 100 ब्लाॅगों में से एक है। अक्षिता की तस्वीर बच्चों की एक पुस्तक के कवर पर भी छप चुकी है।“
13 टिप्पणियां:
दादा और दादी जी की तरफ से भी इस उपलब्धि पर पाखी को ढेर सारी बधाइयाँ और प्यार भरी आशीष.
Balle Balle
हमारी ओर से भी इस उपलब्धि पर बहुत बहुत हार्दिक शुभकामना.....
अभी बहुत दूर चलना है .....खूब नाम कमाना है .....बहुत कुछ करना है ....बहुत कुछ सीखना है ....
nice
akshita is THE BEST
हमारी ओर से भी इस उपलब्धि पर बहुत बहुत हार्दिक शुभकामना
अक्षिता यादव तो हैं ही ऐसी.....
:)
बहुत बधाई एवं शुभकामनाएँ.
aXitaa ko bahut bahut badhaaI|
पाखी बिटिया के प्रति आप सभी के स्नेहाशीष के लिए आभार !!
वाकई हैरानी की ही बात है. इसे कहते हैं पूत के पांव पालने में. नन्हीं अक्षिता को बधाई.
के.के. जी और आकांक्षा जी ने बिटिया पाखी को जो संस्कार और परिवेश दिया है, वाकई अनुकरणीय है. उन्हें श्रद्धावत नमन. .
पढ़कर सीना गर्व से चौड़ा हो गया. आखिर हमने पाखी को तब साक्षात् देखा है, जब वह मात्र ६ दिनों की थी, फिर तो कई बार मुलाकात हुई. ..ह्रदय का हर कोना जी भर कर आशीर्वाद दे रहा है पाखी को.
वाकई यह विलक्षण उपलब्धि है. अक्षिता को ढेरों बधाई.
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