शनिवार, 28 नवंबर 2015

डाक निदेशक एवं युवा साहित्यकार कृष्ण कुमार यादव को मिलेगा ’दुष्यंत कुमार सम्मान’

प्रसिद्ध साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था ’आगमन’ द्वारा  युवा लेखक व साहित्यकार एवं राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव को 29  नवम्बर को नोएडा में आयोजित आगमन वार्षिक सम्मान समारोह में ’दुष्यंत कुमार सम्मान’  से सम्मानित किया जाएगा। श्री यादव को उक्त सम्मान पिछले साल ही दिया जाना था, पर किन्हीं करणोंवश वे समारोह में नहीं आ सके थे, अत: इस वर्ष उक्त सम्मान कार्यक्रम के  मुख्य अतिथि मशहूर शायर मुनव्वर राणा, अध्यक्ष पद्मश्री गुलजार देहलवी और विशिष्ट अतिथि डा. कुँवर बेचैन द्वारा उन्हें दिया जाएगा। उक्त जानकारी संस्था के संस्थापक श्री पवन जैन ने दी। 

गौरतलब है कि सरकारी सेवा में उच्च पदस्थ अधिकारी होने के साथ-साथ साहित्य, लेखन और ब्लाॅगिंग के क्षेत्र में भी चर्चित श्री यादव की अब तक कुल 7 पुस्तकें 'अभिलाषा' (काव्य-संग्रह, 2005) 'अभिव्यक्तियों के बहाने' व 'अनुभूतियाँ और विमर्श' (निबंध-संग्रह, 2006 व 2007), 'इण्डिया पोस्ट : 150 ग्लोरियस  ईयर्ज'   (2006), 'क्रांति-यज्ञ : 1857-1947 की गाथा' (संपादित, 2007), ’जंगल में क्रिकेट’ (बाल-गीत संग्रह-2012) एवं ’16 आने 16 लोग’(निबंध-संग्रह, 2014) प्रकाशित हो चुकी हैं। उनके व्यक्तित्व-कृतित्व पर एक पुस्तक ‘‘बढ़ते चरण शिखर की ओर: कृष्ण कुमार यादव‘‘ (सं0 डाॅ0 दुर्गाचरण मिश्र, 2009) भी प्रकाशित हो चुकी  है। श्री यादव देश-विदेश से प्रकाशित तमाम पत्र पत्रिकाओं एवं इंटरनेट पर भी प्रमुखता से प्रकाशित होते रहते हैं।

 कृष्ण कुमार यादव को इससे पूर्व उ.प्र. के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव द्वारा ’’अवध सम्मान’’, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल श्री केशरी नाथ त्रिपाठी द्वारा ’’साहित्य सम्मान’’, छत्तीसगढ़ के राज्यपाल श्री शेखर दत्त द्वारा ”विज्ञान परिषद शताब्दी सम्मान”, अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर्स सम्मेलन, भूटान में "परिकल्पना सार्क शिखर सम्मान",  ’’दशक के श्रेष्ठ हिन्दी ब्लाॅगर दम्पति’’ सम्मान, विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ, भागलपुर, बिहार द्वारा डाॅक्टरेट (विद्यावाचस्पति) की मानद उपाधि, भारतीय दलित साहित्य अकादमी द्वारा ‘’डाॅ0 अम्बेडकर फेलोशिप राष्ट्रीय सम्मान‘‘, साहित्य मंडल, श्रीनाथद्वारा, राजस्थान द्वारा ”हिंदी भाषा भूषण”, वैदिक क्रांति परिषद, देहरादून द्वारा ‘’श्रीमती सरस्वती सिंहजी सम्मान‘’, भारतीय बाल कल्याण संस्थान द्वारा ‘‘प्यारे मोहन स्मृति सम्मान‘‘, ग्वालियर साहित्य एवं कला परिषद द्वारा ”महाप्राण सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला‘ सम्मान”, राष्ट्रीय राजभाषा पीठ इलाहाबाद द्वारा ‘‘भारती रत्न‘‘, अखिल भारतीय साहित्यकार अभिनन्दन समिति मथुरा द्वारा ‘‘महाकवि शेक्सपियर अन्तर्राष्ट्रीय सम्मान‘‘, भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ द्वारा ’’पं0 बाल कृष्ण पाण्डेय पत्रकारिता सम्मान’’, सहित विभिन्न प्रतिष्ठित सामाजिक-साहित्यिक संस्थाओं द्वारा विशिष्ट कृतित्व, रचनाधर्मिता और प्रशासन के साथ-साथ सतत् साहित्य सृजनशीलता हेतु शताधिक सम्मान और मानद उपाधियाँ प्राप्त हो चुकी हैं।   





रविवार, 22 नवंबर 2015

मुलायम सिंह यादव ने सैफई में मनाया 76 वाँ जन्म दिवस.....ढेरों शुभकामनाएँ और बधाई !

 राजनीति  के दिग्गज मुलायम सिंह यादव आज अपना जन्मदिन अपने पैतृक स्थान सैफई में मना रहे हैं। इस उपलक्ष्य में उत्‍तर प्रदेश के सैफई में तीन दिवसीय समारोह का आयोजन किया गया है, जिसमें दूसरे दिन मनोरंजन जगत की गई हस्तियों ने प्रस्‍तुति दीं। ऑस्कर अवॉर्ड विजेता संगीतकार ए.आर. रहमान ने भी इस दौरान कार्यक्रम प्रस्तुत किया। हालांकि इस दौरान आरजेडी प्रमुख और मुलायम के संबंधी लालू प्रसाद कार्यक्रम में नहीं पहुंचे। खास बात यह रही कि कभी मुलायम के खास रहे और फिर दूर हुए अमर सिंह इस कार्यक्रम में उनके काफी करीब दिखे। सपा प्रमुख का जन्मदिन पर्यावरण जागरूकता दिवस के रूप में मनाया जा रहा है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव को उनके 76 वें जन्‍मदिन पर शुभकामनाएं दी हैं। पीएम ने सुबह ट्वीट कर अपने शुभकामना संदेश में कहा कि 'मुलायम सिंह यादव जी को जन्‍मदिन की शुभकामनाएं। मैं उनकी लंबी उम्र और अच्‍छी सेहत की कामना करता हूं।'

गौरतलब है कि मुलायम सिंह यादव का जन्म आज ही के दिन 22 नवम्बर 1939 को हुआ था। मुलायम सिंह ऐसे राजनेता हैं जो उत्तर प्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री व केंन्द्र सरकार में एक बार रक्षा मंत्री रह चुके हैं। वर्तमान में मुलायम सिंह यादव समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं।

मुलायम सिंह यादव का जन्म इटावा जिले के सैफई गांव में मूर्ती देवी व सुधर सिंह के किसान परिवार में हुआ था। मुलायम सिंह अपने पांच भाई-बहनों में रतनसिंह से छोटे व अभयराम सिंह, शिवपाल सिंह, रामगोपाल सिंह और कमला देवी से बड़े हैं। पिता सुधर सिंह उन्हें पहलवान बनाना चाहते थे किन्तु पहलवानी में अपने राजनीतिक गुरु नत्थूसिंह को मैनपुरी में आयोजित एक कुश्ती-प्रतियोगिता में प्रभावित करने के पश्चात उन्होंने नत्थूसिंह के परम्परागत विधान सभा क्षेत्र जसवन्त नगर से अपना राजनीतिक सफर शुरू किया।

राजनीति में आने से पूर्व मुलायम सिंह आगरा विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर (एम.ए.) एव जैन इन्टर कालेज करहल (मैनपुरी) से बी. टी. किया। मुलायम ने कुछ दिनों तक इन्टर कालेज में अध्यापन कार्य भी किया । मुलायम सिंह 1967 में पहली बार विधान सभा के सदस्य चुने गए और मन्त्री बने। 1992 में उन्होंने समाजवादी पार्टी बनाई। वे तीन बार क्रमश: 5 दिसम्बर 1989 से 24 जनवरी 1991 तक, 5 दिसम्बर 1993 से 3 जून 1996 तक और 29 अगस्त 2003 से 11 मई 2007 तक उत्तर प्रदेश के मुख्य मन्त्री रहे।

इसके अतिरिक्त वे केन्द्र सरकार में रक्षा मंत्री भी रह चुके हैं। मुलायम सिंह पर कई पुस्तकें लिखी जा चुकी हैं। इनमे पहला नाम मुलायम सिंह यादव- चिन्तन और विचार का है जिसे अशोक कुमार शर्मा ने सम्पादित किया था। राम सिंह तथा अंशुमान यादव द्वारा लिखी गई मुलायम सिंह- ए पोलिटिकल बायोग्राफी अब उनकी प्रमाणिक जीवनी है।
यदुकुल की तरफ से नेताजी 'मुलायम सिंह यादव जी को जन्मदिवस पर ढेरों शुभकामनाएँ और बधाई !
- राम शिव मूर्ति यादव @ यदुकुल : Ram Shiv Murti Yadav @ www.yadukul.blogspot.com
हमसे फेसबुक पर भी जुड़ें -https://www.facebook.com/ramshivmurti.yadav

तेजस्वी यादव बने बिहार के उप-मुख्यमंत्री


बिहार में हुए विधान सभा चुनावों ने जहाँ नई इबारतें लिखीं, वहीँ इसके माध्यम से तेज तर्रार और अपनी हाजिर जवाबी के लिए मशहूर राजनीतिज्ञ लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के  दोनों बेटों तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव ने भी बकायदा अपना राजनैतिक कैरियर आरम्भ किया है। तेजस्वी यादव जहाँ राष्ट्रीय जनता दल के विधायक दल के नेता चुने गए, वहीँ 20 नवंबर, 2015 को नीतीश मंत्रिमंडल में उप मुख्यमंत्री का ओहदा भी मिला।  वे भारत में सबसे कम उम्र के विधायक दल के नेता और उपमुख्यमंत्री बने हैं।इसके अलावा वे पथ निर्माण, भवन निर्माण, पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्रालय की ज़िम्मेदारी भी संभालेंगे। वहीं लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव को स्वास्थ्य, लघु जल-संसाधन और पर्यावरण एवं वन विभाग का मंत्री बनाया गया है। 

क्रिकेटर से डिप्टी चीफ मिनिस्टर तक : 
9 नवम्बर 1989 को जन्मे तेजस्वी यादव का राजनीति में कदम रखने से पहले सपना एक सफल क्रिकेटर बनने का था, जिसकी शुरुआत उन्होंने साल 2009 में झारखंड की ओर से प्रथम श्रेणी क्रिकेट में डेब्यू करके की थी, लेकिन आगे चलकर उन्होंने राजनीति की ओर रुख कर लिया। पटना के मशहूर लालू-राबड़ी परिवार में जन्मे नौ बड़े भाई-बहनों में सबसे छोटे तेजस्वी अपने क्रिकेट करियर के प्रति काफी संजीदा थे। उन्होंने अपना लुक भी कुछ ऐसा ही रखा था। अपने लंबे बालों, थोड़ी बढ़ी हुई दाढ़ी और दिल्ली पब्लिक स्कूल, मथुरा रोड के बैकग्राउंड के कारण वे अपनी उम्र के बच्चों के बीच अलग ही नजर आते थे। उन्होंने कक्षा 9 में स्कूल से नाता तोड़ लिया।  तेजस्वी चार सत्रों तक दिल्ली डेयरडेविल्स टीम के रोस्टर में रहे। वे स्पिन के साथ-साथ सीम बॉलिंग भी कर सकते थे और निचले क्रम में बैटिंग भी कर सकते थे, इस प्रकार वे एक ऑलराउंडर रहे, लेकिन वे दिल्ली की आईपीएल टीम के प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं बना सके। इस पर हमेशा विनोदपूर्ण अंदाज में रहने वाले उनके पिता लालू प्रसाद यादव ने कहा था, 'कम से कम उसे खिलाड़ियों को पानी पिलाने का मौका ही मिल जाता।' मात्र एक प्रथम श्रेणी गेम, दो ए-श्रेणी मैच और 4 टी-20 मैचों का अनुभव रखने वाले तेजस्वी का क्रिकेट करियर वास्तव में कभी भी परवान नहीं चढ़ा। बैटिंग में उनका सर्वोच्च स्कोर 19 रन रहा, वहीं बॉलिंग में उनके नाम 10 ओवर में 1 विकेट रहा। ये आंकड़े उनके करियर की कहानी सहज ही बयां कर देते हैं।   तेजस्वी सच्चे टीममैन थे। भले ही वे आईपीएल मैच खेलने का मौका नहीं मिलने पर निराश थे, लेकिन उन्हें टीम कंपोजिशन और टीम के तालमेल का महत्व पता था। अब तेजस्वी का यह क्रिकेटीय अनुभव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की गठबंधन वाली कैबिनेट में उन्हें सही भूमिका निभाने में मदद करेगा।


आलोचनाओं का जवाब दिया तेजस्वी ने :

तेजस्वी यादव को डिप्टी चीफ मिनिस्टर बनाते ही विरोधियों ने उन पर राजनैतिक वार करना आरम्भ कर दिया।  कहा गया कि वे सिर्फ 9वीं पास हैं और  सिर्फ 26 साल के हैं। उन्होंने पहली बार चुनाव लड़ा और जीतने के बाद उन्हें इतनी बड़ी जिम्मेदारी मिली है। उनके पिता लालू प्रसाद जी ने ने पार्टी के सीनियर और अनुभवी नेताओं को इग्नोर किया है। इस पर बिहार के डिप्टी चीफ मिनिस्टर तेजस्वी यादव ने अपने आलोचकों को जवाब देते हुए कहा है कि वे बिहार का विकास करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि किताब का कवर पेज देखकर उसका फैसला न करें। उन्होंने साफ किया कि बिहार में विकास का नया रिकॉर्ड बनेगा। उन्होंने अपनी आलोचनाओं पर शनिवार को कुछ ट्वीट्स भी किए। 

ट्वीट्स में  तेजस्वी ने कहा कि, 'मैं ब्रांड बिहार की वैल्‍यू बढ़ाने और राज्‍य के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ूंगा। किसी को भी कवर देखकर किताब पर फैसला नहीं करना चाहिए। अमृत की मिठास और दवाई की कड़वाहट का असली फायदा वक्‍त के साथ पता लगता है।'

 'बिहार के विकास में अपनी ओर से मैं कोई कसर नहीं छोडूंगा। ब्रांड बिहार को आगे ले जाऊंगा, ताकि नीतीश कुमार को मुझे डिप्टी सीएम बनाने पर गर्व हो।'

 'सनकी, पूर्वाग्रही और हित साधने वाले लोग भले ही उसे खारिज करें, लेकिन बिहार के लोगों ने युवाओं पर जो भरोसा जताया है, उनको इसका फल जरूर मिलेगा।'

 'बिहार का विकास करने में हम कोई कसर नहीं छोडेंगे। बिहार की भलाई के लिए युवा कैबिनेट के जोश को अनुभवी सीएम से बेहतर मार्गदर्शन मिलेगा।'
 - राम शिव मूर्ति यादव @ यदुकुल : Ram Shiv Murti Yadav @ www.yadukul.blogspot.com
हमसे फेसबुक पर भी जुड़ें -https://www.facebook.com/ramshivmurti.yadav