शनिवार, 30 मई 2015

नन्ही ब्लॉगर अक्षिता (पाखी) को "परिकल्पना कनिष्ठ सार्क ब्लॉगर सम्मान"

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने दिया।  वाकई आज बेटियाँ अपनी मौजूदगी से पूरी दुनिया में अपना नाम रोशन कर रही हैं।  नन्ही ब्लॉगर आठ वर्षीया अक्षिता यादव (पाखी) को  25 मई 2015 को श्री लंका में आयोजित हुए  पंचम अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन  में "परिकल्पना कनिष्ठ सार्क ब्लॉगर सम्मान" से सम्मानित किया गया । इस सम्मान के अंतर्गत अक्षिता को श्रीलंका के वरिष्ठ नाट्यकर्मी डॉन सोमरथ्न विथाना एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री  श्री नकुल दूबे द्वारा अंगवस्त्र, सम्मान पत्र, प्रतीक चिन्ह और 5,000/- की धनराशि सम्मान स्वरुप  प्रदान की गई।  जोधपुर  में कक्षा 3  की छात्रा अक्षिता के पिता श्री कृष्ण कुमार यादव राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर  के निदेशक डाक सेवाएं पद पर पदस्थ हैं और मम्मी श्रीमती आकांक्षा एक काॅलेज में प्रवक्ता रही हैं। दोनों ही जन चर्चित साहित्यकार व सक्रिय ब्लाॅगर भी हैं। उक्त जानकारी सम्मेलन के संयोजक रवीन्द्र प्रभात ने दी। 


अक्षिता भारत की सबसे कम उम्र (4 साल 8 माह ) की राष्ट्रीय बाल पुरस्कार विजेता भी है। विज्ञान भवन, नई दिल्ली में ’कला’ और ’ब्लाॅगिंग’ के लिए तत्कालीन महिला एवं बाल विकास मंत्री, भारत सरकार, श्रीमती कृष्णा तीरथ द्वारा 14 नवम्बर, 2011 को ’राष्ट्रीय बाल पुरस्कार-2011’ प्राप्त कर अक्षिता ने इसे सबसे कम उम्र में पाने का कीर्तिमान बनाया, वहीं  ब्लाॅगिंग के लिए भी राजकीय स्तर पर प्रथम सम्मान-पुरस्कार पाने का गौरव प्राप्त किया। यही नहीं, इससे पूर्व अक्षिता को नई दिल्ली में अप्रैल, 2011 में हुए अंतर्राष्ट्रीय ब्लाॅगर सम्मेलन में उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल ”निशंक” द्वारा ‘श्रेष्ठ नन्हीे ब्लाॅगर‘ के सम्मान से भी नवाजा जा चुका है। इसके अलावा विभिन्न मंचों पर फिल्म अभिनेत्री शबाना आजमी, सांसद डिम्पल यादव, दबंग फेम म्यूजिक-कम्पोजर वाजिद खान, नेपाल सरकार के  मंत्री अर्जुन नरसिंह केसी, साहित्यकार अशोक चक्रधर, डॉ. रामदरश मिश्र, प्रभाकर श्रोत्रिय इत्यादि भी अक्षिता को सम्मानित कर चुके हैं। 


अक्षिता के बनाये चित्रों और गतिविधियों को ब्लाॅग के माध्यम से  लोगों के सामने प्रस्तुत करने हेतु उसके मम्मी-पापा ने  24 जून 2009 को “पाखी की दुनिया” (http://www.pakhi-akshita.blogspot.in/) नाम से अक्षिता का ब्लाॅग बनाया। अक्षिता का यह ब्लॉग उसकी सोच और कल्पना का मूर्त रूप है। अक्षिता की सोच को ब्लॉग के माध्यम से उकेरने की जिम्मेदारी खुद अक्षिता के माता-पिता ने ली है। वह उसके द्वारा कहे गये शब्दों, उसकी कल्पना व सोच को शब्दों का रूप देकर इस ब्लॉग को मेंटेन करते हैं। देखते ही देखते करीब एक लाख से अधिक हिन्दी ब्लाॅगों में इस ब्लाॅग की रेटिंग बढ़ती गई और आज इस ब्लॉग पर 415  से भी ज्यादा पोस्ट प्रकाशित हो चुकी हैं और 275 से ज्यादा लोग इसका अनुसरण करते हैं। इस ब्लॉग पर तमाम प्रतिक्रियाएं  प्राप्त हुईं और 100 से ज्यादा देशों में इसे देखा-पढ़ा जाता है। अक्षिता और उसका ब्लॉग ‘पाखी की दुनिया‘ फेसबुक (https://www.facebook.com/AkshitaaSingh) पर भी उपलब्ध है, जहाँ लगभग 1200 लोग इसे अनुसरण करते हैं।

शुक्रवार, 29 मई 2015

आकांक्षा यादव “परिकल्पना सार्क शिखर सम्मान“ से सम्मानित


अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन, कोलोम्बो-श्री लंका में  चर्चित ब्लॉगर-लेखिका आकांक्षा यादव को वर्ष 2015 के लिए सार्क देशों में दिए जाने वाले शीर्ष सम्मान “परिकल्पना सार्क शिखर सम्मान“ से सम्मानित किया गया। 25 मई 2015 को  आयोजित इस पंचम अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन में आकांक्षा यादव को श्रीलंका के वरिष्ठ नाट्यकर्मी डॉन सोमरथ्न विथाना एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री  श्री नकुल दूबे द्वारा अंगवस्त्र, सम्मान पत्र, प्रतीक चिन्ह और 21000/- की धनराशि सम्मान स्वरुप  प्रदान की गई । इस अवसर पर ब्लॉगिंग और सोशल मीडिया में महिलाओं की भूमिका पर आकांक्षा यादव ने प्रभावी व्याख्यान भी दिया। आकांक्षा यादव राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर के  निदेशक डाक सेवाएं  श्री कृष्ण कुमार यादव की पत्नी हैं, जो की स्वयं चर्चित ब्लॉगर और साहित्यकार हैं। उक्त जानकारी अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर्स कांफ्रेंस के संयोजक  रवीन्द्र प्रभात ने दी।

संयोजक  रवीन्द्र प्रभात ने बताया कि आकांक्षा यादव  ने वर्ष 2008 में ब्लाॅग जगत में कदम रखा और विभिन्न विषयों पर आधारित दसियों ब्लाॅग का संचालन-सम्पादन करके कई लोगों को ब्लाॅगिंग की तरफ प्रवृत्त किया और अपनी साहित्यिक रचनाधर्मिता के साथ-साथ ब्लाॅगिंग को भी नये आयाम दिये। “शब्द-शिखर“ (http://shabdshikhar.blogspot.in) इनका प्रमुख ब्लॉग है, जो कि हिंदी के लोकप्रिय ब्लॉगों में गिना जाता है।  नारी विमर्श, बाल विमर्श एवं सामाजिक सरोकारों सम्बन्धी विमर्श में विशेष रुचि रखने वाली आकांक्षा यादव अग्रणी महिला ब्लॉगर हैं और इनकी रचनाओं में नारी-सशक्तीकरण बखूबी झलकता है। इनके ब्लॉग को अब तक लाखों लोगों ने पढा है और करीब सौ ज्यादा देशों में इन्हें देखा-पढा जाता है। 

गौरतलब है कि आकांक्षा यादव को राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इससे पूर्व भी ब्लॉगिंग हेतु तमाम प्रतिष्ठित सम्मान प्राप्त हो चुके हैं। इनमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा  “अवध सम्मान“, हिंदी ब्लॉगिंग के दशक वर्ष में  “दशक के श्रेष्ठ ब्लॉगर दम्पति“ का सम्मान, नेपाल में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय ब्लाॅगर सम्मेलन में “परिकल्पना  ब्लॉग विभूषण सम्मान“ से सम्मानित किया जा चुका है।  इसके अलावा विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ, भागलपुर, बिहार द्वारा डाॅक्टरेट (विद्यावाचस्पति) की मानद उपाधि, भारतीय दलित साहित्य अकादमी द्वारा ‘डाॅ. अम्बेडकर फेलोशिप राष्ट्रीय सम्मान‘ व ‘‘वीरांगना सावित्रीबाई फुले फेलोशिप सम्मान‘, राष्ट्रीय राजभाषा पीठ इलाहाबाद द्वारा ’भारती ज्योति’, साहित्य मंडल, श्रीनाथद्वारा, राजस्थान द्वारा ”हिंदी भाषा भूषण”, निराला स्मृति संस्थान, रायबरेली द्वारा मनोहरादेवी स्मृति सम्मान सहित विभिन्न प्रतिष्ठित सामाजिक-साहित्यिक संस्थाओं द्वारा विशिष्ट कृतित्व, रचनाधर्मिता और सतत् साहित्य सृजनशीलता हेतु दर्जनाधिक सम्मान और मानद उपाधियाँ प्राप्त हैं ।

गुरुवार, 21 मई 2015

हिन्दी का सबसे लोकप्रिय ब्लॉग बना आकांक्षा यादव का 'शब्द-शिखर'

हिंदी की चर्चित ब्लॉगर आकांक्षा यादव के ब्लॉग 'शब्द-शिखर'  (www.shabdshikhar.blogspot.in/) को वर्ष 2015 के लिए हिन्दी का सबसे लोकप्रिय ब्लॉग चुना गया है।  डॉयचे वेले की बॉब्स - बेस्ट ऑफ एक्टिविज्म - प्रतियोगिता में इंटरनेट यूजरों ने 'पीपुल्स चॉइस अवॉर्ड' श्रेणी में इस ब्लॉग  को हिंदी के सबसे लोकप्रिय ब्लॉग के रूप में चुना है। हिंदी सहित 14 भाषाओं में पीपुल्स चॉइस अवॉर्ड के तहत एक एक सर्वश्रेष्ठ ब्लॉग चुना गया है, जिसमे कुल मिला कर करीब 30,000 वोट डाले गए। ज्यूरी ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि, ''आकांक्षा यादव साहित्य, लेखन और ब्लॉगिंग के क्षेत्र में सक्रिय हैं।  उन्हें हिन्दी में ब्लॉग लिखने वाली शुरुआती महिलाओं में गिना जाता है।  आकांक्षा महिला अधिकारों पर लिखना पसंद करती हैं।  अपने ब्लॉग में वह अपने निजी अनुभव और कविताएं भी शामिल करती हैं।''  वर्ष 2008 से ब्लॉगिंग में सक्रिय आकांक्षा यादव  राजस्थान पश्चिम क्षेत्र, जोधपुर के निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव की पत्नी हैं, जो कि स्वयं चर्चित हिंदी ब्लॉगर और साहित्यकार हैं। इनके ब्लॉग को अब तक लाखों लोगों ने पढा है और करीब सौ ज्यादा देशों में इन्हें देखा-पढा जाता है। 

 गौरतलब है कि द बॉब्स – बेस्ट ऑफ आनलाइन एक्टिविज्म के जरिए डॉयचे वेले 2004 से एक ऐसी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता आयोजित कर रहा है जो ऐसे ब्लॉगरों, कार्यकर्ताओं और पत्रकारों को सम्मानित करती है जो इंटरनेट से जुड़ कर अभिव्यक्ति की आजादी और मानवाधिकारों की रक्षा के लिए काम कर रहे हैं। प्रतियोगिता के लिए 14 सदस्यों वाली अंतरराष्ट्रीय जूरी ने विभिन्न वर्गों में 112 वेबसाइटों को नामांकित किया। इस साल 4,800 से ज्यादा वेबसाइटों और ऑनलाइन प्रोजेक्टों के सुझाव बॉब्स की टीम तक पहुंचे। विजेताओं को 23 जून को जर्मनी के बॉन शहर में होने वाले ग्लोबल मीडिया फोरम के दौरान पुरस्कृत किया जाएगा। 

आकांक्षा यादव को राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इससे पूर्व भी ब्लॉगिंग हेतु तमाम प्रतिष्ठित सम्मान प्राप्त हो चुके हैं। इनमें   ''अवध सम्मान“, हिंदी ब्लॉगिंग के दशक वर्ष में  “दशक के श्रेष्ठ ब्लॉगर दम्पति“ का सम्मान, नेपाल में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय ब्लाॅगर सम्मेलन में “परिकल्पना  ब्लॉग विभूषण सम्मान“ से सम्मानित किया जा चुका है।  इसके अलावा विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ, भागलपुर, बिहार द्वारा डाॅक्टरेट (विद्यावाचस्पति) की मानद उपाधि, भारतीय दलित साहित्य अकादमी द्वारा ‘डाॅ. अम्बेडकर फेलोशिप राष्ट्रीय सम्मान‘ व ‘‘वीरांगना सावित्रीबाई फुले फेलोशिप सम्मान‘, राष्ट्रीय राजभाषा पीठ इलाहाबाद द्वारा ’भारती ज्योति’, साहित्य मंडल, श्रीनाथद्वारा, राजस्थान द्वारा ”हिंदी भाषा भूषण”, निराला स्मृति संस्थान, रायबरेली द्वारा मनोहरादेवी स्मृति सम्मान सहित विभिन्न प्रतिष्ठित सामाजिक-साहित्यिक संस्थाओं द्वारा विशिष्ट कृतित्व, रचनाधर्मिता और सतत् साहित्य सृजनशीलता हेतु दर्जनाधिक सम्मान और मानद उपाधियाँ प्राप्त हैं ।




बुधवार, 20 मई 2015

नन्ही ब्लॉगर अक्षिता (पाखी) को मिलेगा कनिष्ठ सार्क ब्लॉगर सम्मान

बेटियाँ अपनी मौजूदगी से पूरी दुनिया में अपना नाम रोशन कर रही हैं। नन्ही ब्लॉगर अक्षिता यादव (पाखी) को श्री लंका में आयोजित होने वाले पंचम अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन (23 से 27 मई 2015) में "परिकल्पना कनिष्ठ सार्क ब्लॉगर सम्मान" के लिए चयनित किया गया है। इस सम्मान के अंतर्गत अक्षिता को अंगवस्त्र, सम्मान पत्र, प्रतीक चिन्ह और 5,000/- की धनराशि प्रदान की जाएगी।  कक्षा 3  की छात्रा अक्षिता के पिता श्री कृष्ण कुमार यादव राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर  के निदेशक डाक सेवाएं पद पर पदस्थ हैं और मम्मी श्रीमती आकांक्षा एक काॅलेज में प्रवक्ता रही हैं। दोनों ही जन चर्चित साहित्यकार व सक्रिय ब्लाॅगर भी हैं। उक्त जानकारी सम्मेलन के संयोजक रवीन्द्र प्रभात ने दी। 

अक्षिता भारत की सबसे कम उम्र (4 साल 8 माह ) की राष्ट्रीय बाल पुरस्कार विजेता भी है। विज्ञान भवन, नई दिल्ली में ’कला’ और ’ब्लाॅगिंग’ के लिए तत्कालीन महिला एवं बाल विकास मंत्री, भारत सरकार, श्रीमती कृष्णा तीरथ द्वारा 14 नवम्बर, 2011 को ’राष्ट्रीय बाल पुरस्कार-2011’ प्राप्त कर अक्षिता ने इसे सबसे कम उम्र में पाने का कीर्तिमान बनाया, वहीं  ब्लाॅगिंग के लिए भी राजकीय स्तर पर प्रथम सम्मान-पुरस्कार पाने का गौरव प्राप्त किया। यही नहीं, इससे पूर्व अक्षिता को नई दिल्ली में अप्रैल, 2011 में हुए अंतर्राष्ट्रीय ब्लाॅगर सम्मेलन में उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल ”निशंक” द्वारा ‘श्रेष्ठ नन्हीे ब्लाॅगर‘ के सम्मान से भी नवाजा जा चुका है। इसके अलावा विभिन्न मंचों पर फिल्म अभिनेत्री शबाना आजमी, सांसद डिम्पल यादव, दबंग फेम म्यूजिक-कम्पोजर वाजिद खान, नेपाल सरकार के  मंत्री अर्जुन नरसिंह केसी, साहित्यकार अशोक चक्रधर, डॉ. रामदरश मिश्र, प्रभाकर श्रोत्रिय इत्यादि भी अक्षिता को सम्मानित कर चुके हैं। 

 अक्षिता के बनाये चित्रों और गतिविधियों को ब्लाॅग के माध्यम से  लोगों के सामने प्रस्तुत करने हेतु उसके मम्मी-पापा ने  24 जून 2009 को “पाखी की दुनिया” (http://www.pakhi-akshita.blogspot.in/) नाम से अक्षिता का ब्लाॅग बनाया। अक्षिता का यह ब्लॉग उसकी सोच और कल्पना का मूर्त रूप है। अक्षिता की सोच को ब्लॉग के माध्यम से उकेरने की जिम्मेदारी खुद अक्षिता के माता-पिता ने ली है। वह उसके द्वारा कहे गये शब्दों, उसकी कल्पना व सोच को शब्दों का रूप देकर इस ब्लॉग को मेंटेन करते हैं। देखते ही देखते करीब एक लाख से अधिक हिन्दी ब्लाॅगों में इस ब्लाॅग की रेटिंग बढ़ती गई और आज इस ब्लॉग पर 415  से भी ज्यादा पोस्ट प्रकाशित हो चुकी हैं और 275 से ज्यादा लोग इसका अनुसरण करते हैं। इस ब्लॉग पर तमाम प्रतिक्रियाएं  प्राप्त हुईं और 100 से ज्यादा देशों में इसे देखा-पढ़ा जाता है। अक्षिता और उसका ब्लॉग ‘पाखी की दुनिया‘ फेसबुक (https://www.facebook.com/AkshitaaSingh) पर भी उपलब्ध है, जहाँ लगभग 1200 लोग इसे अनुसरण करते हैं। 

मंगलवार, 19 मई 2015

बढ़ा हुआ वेतन नहीं लेंगे झाविमो विधायक दल के नेता प्रदीप यादव

रांची: झाविमो विधायक दल के नेता प्रदीप यादव बढ़ा हुआ वेतनमान नहीं लेंगे. हाल में ही सरकार ने विधायकों के वेतन व अन्य भत्ता में बढ़ोतरी की है. श्री यादव ने विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव को पत्र लिख कर कहा है कि झारखंड के विकास में जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ कर्मचारी और मानदेय पर काम करने वाले छोटे कर्मचारियों का भी योगदान है.

 श्री यादव ने कहा कि कुछ कर्मचारियों को दैनिक मजदूरी से भी कम मानदेय मिलता है. श्रम विभाग द्वारा संचालित विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को मात्र तीन हजार मानदेय प्रतिमाह मिल रहा है. यह श्रम कानून का उल्लंघन है. 

 राज्य में कार्यरत पारा शिक्षक, आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका और अन्य क्षेत्र में काम करने वाले लोग मानदेय वृद्धि की लड़ाई लड़ रहे हैं. स्पीकर से कहा है कि वह विधायकों के वेतन वृद्धि के निर्णय का विरोध नहीं कर रहे हैं, लेकिन छोटे कर्मियों के मानदेय वृद्धि से पहले विधायकों के वेतन बढ़ाये जाने से गलत संदेश जायेगा. इसलिए वह वेतनमान में की गयी वृद्धि को तब तक नहीं लूंगा, जब तक सरकार ऐसे कर्मियों का वेतन नहीं बढ़ती.   

सांसद पप्पू यादव ने बनाया जनक्रांति अधिकार मोर्चा

राजद से निष्कासित मधेपुरा के सांसद राजेश रंजन ऊर्फ पप्पू यादव ने जनक्रांति अधिकार मोर्चा का गठन किया है. रविवार को इसकी घोषणा करते हुए श्री यादव ने दावा किया कि हमारा यह संगठन राजद विचारधारा का असली वारिस होगा. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अगर जीतन राम मांझी को वह अपने साथ लेंगे, तो ऐसी स्थिति में उनको भी पार्टी में शामिल कर सकते हैं. रविवार को पटना में युवा शक्ति के अलावा बुद्धिजीवियों, जिला पर्षद अध्यक्षों, मेयरों, मुखियाओं से परामर्श के बाद उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि दो सप्ताह में यह तय हो जायेगा कि मोरचा आगे किस रूप में काम करेगा.इसके लिए राज्य स्तर पर कोर कमेटी का गठन किया गया है. कोर कमेटी ही निर्णय करेगी कि मोरचा का किसी दल में विलय होगा या राजनीतिक दल के रूप में काम करेगा या समान विचारधारा के किसी दल के साथ गंठबंधन करेगा.उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार और लालू प्रसाद के गंठबंधन से किसी प्रकार का चुनावी तालमेल नहीं होगा. बिहार में हमारा मोरचा तीसरे विकल्प के रूप में काम करेगा.  

हाउसिंग डॉट कॉम के सीइओ राहुल यादव की दरियादिली

राहुल यादव सुर्ख़ियों में हैं।  26 साल का एक नौजवान, 1500 करोड़ की कंपनी खड़ी करने का श्रेय, अचानक इस्तीफा, फिर इस्तीफा वापस ले लेना और अपने हिस्से की डेढ़-दो सौ करोड़ की हिस्सेदारी अपनी कर्मचारियों में बांट देना! जी हां, हम हाउसिंग डॉट कॉम के संस्थापक और सीईओ राहुल यादव की ही बात कर रहे हैं। लेकिन ये राहुल यादव हैं कौन? और क्या है उनकी आदतें?

कौन हैं ये राहुल यादव?

राहुल यादव का जन्म एक मध्यमवर्गीय परिवार में अलवर में हुआ था जहां वे कक्षा नौंवी तक पढ़ाई-लिखाई में बहुत जहीन नहीं थे। दसवीं कक्षा में वे 30 लड़कों के बैच में 20 वें जगह पर आए जिस पर उनके चाचा ने उनको ताना दिया। उस ताने के बाद राहुल ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और ग्यारवीं की परीक्षा में पूरे राजस्थान में फिजिक्स, कैमिस्ट्री और मैथ्स में टॉप कर गए। टॉप स्थान हासिल करने के बाद आईआईटी की तैयारी करवाने वाली एक कोचिंग ने राहुल की 75 फीसदी फीस माफ कर दी। राहुल ने आईआईटी बंबई में प्रवेश लिया और पुराने परीक्षा पत्रों के आधार पर इक्जामबाबा डॉट कॉम शुरू किया। इक्जामबाबा को आईआईटी बंबई का ऑफिसियल आरकाइव बनाया गया, हालांकि बाद में उसे बंद कर दिया गया।

कैसे हुई हाउसिंग डॉट कॉम की स्थापना?

फिर राहुल ने इजरायल में संक्षिप्त इटर्नशिप किया और उसके बाद गूगल क्रोम के लिए एप्प बनाने लगे। लेकिन फाइनल ईयर में उन्होंने आईआईटी छोड़ दी और अपने दोस्त अद्वितीय शर्मा के साथ मिलकर हाउसिंग डॉट कॉम की स्थापना कर ली। इसका आइडिया उनके दिमाग में मुम्बई में घर खोजने की समस्या को देखकर आया। उनका यह काम चल निकला और वे हर महीने एक से दो लाख रुपये महीना कमाने लगे।

कंपनी का फैलाव

अगला काम था इसे देश भर में फैलाना। सन् 2013 में स्थापित इस वेबसाइट में अन्य वेबसाइटों की तुलना में ज्यादा बेहतर फीचर्स थे। इसलिए दो साल के भीतर ही यह अन्य वेबसाइटों को पछाड़कर आगे निकल गया। आज इस वेबसाइट में 750 कर्मचारी है और यह फंडिंग के पांच चरण पूरा कर चुका है जिसमें पिछले नवंबर में हुआ 600 करोड़ का निवेश भी शामिल है जिसके बाद इस वेबसाइट की कीमत 1500 करोड़ रुपये तक पहुंच चुकी है! इसमें 30 फीसदी हिस्सा जापान के सॉफ्ट बैंक का बताया जा रहा है।

क्या लिखा था राहुल ने इस्तीफे में?

राहुल यादव ने पिछले दिनों जब सीईओ पद से इस्तीफा दिया तो उन्होंने कहा कि कंपनी के बोर्ड और निवेशकों में कोई भी बौद्धिक रूप से इतना सक्षम नहीं है जिसके साथ वह कोई समझदारी भरी बातें कर सकें! साथ ही उन्होंने कहा कि उनके जीवन में सिर्फ 3 लाख घंटे हैं और वे उन घंटों को उनके साथ बर्बाद नहीं कर सकते। हालांकि बाद में राहुल ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया। राहुल को आगे बढ़कर काम करनेवाला और अत्यधिक मेहनती माना जाता है। इसलिए उनके इस्तीफा देने से कंपनी के भविष्य के बारे में तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही थी।

मीडिया से टकराव

इतना ही नहीं राहुल, मीडिया से भी लड़ बैठे। उन्होंने मीडिया को चेतावनी दी कि अगर उनकी कंपनी के बारे नकारात्मक खबरें छापी गई तो यह उनके लिए अच्छा नहीं होगा। इतना ही नहीं उनका टाईम्स समूह के साथ भी उनका टकराव हुआ जिसके बाद टाईम्स समूह ने यादव को एक कानूनी नोटिस भेजकर 100 करोड़ रुपये की मांग की। राहुल ने कहा था कि टाईम्स समूह के अखबार में उनके बारे में खबर छपना दरअसल हितों का टकराव है क्योंकि टाईम्स समूह की मैजिकब्रिक्स डॉट कॉम में हिस्सेदारी है जो हाउसिंग डॉट कॉम का सीधा प्रतिद्वंदी है।

इससे पहले यादव की एक वेंचर कैपिटल फर्म सैक्योरिया कैपिटल को चेतावनी देती मेल भी लीक हुई जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर उनके स्टाफ को तोड़ा गया तो वे उस वेंचर कंपनी के सारे कर्मचारियों को तोड़कर उसे खाली कर देंगे। जाहिर है, इन नकारात्मक प्रचारों ने निवेशकों को चिंतित कर दिया क्योंकि स्नैपडील और अलीबाबा जैसी बड़ी कंपनियों ने भी हाउसिंग डॉट कॉम में निवेश कर रखा है।

स्टार्ट अप्स के केजरीवाल!

हालांकि इस्तीफा वापस लेने के बाद भी राहुल उन्हीं पुराने कारणों से चर्चा में आ गए। उन्होंने ओलाकैब्स और जोमैटो जैसे स्टार्ट अप्स के मुखिया को चुनौती दे दी कि वे भी अपने कर्मचारियो को अपने आधे शेयर देकर दिखाएं! उन्होंने ये चुनौती फेसबुक पर लिखकर दे दी। इसका उनको जवाब भी दिलचस्प मिला। जोमैटो के दीपेंदर गोयल का जवाब आया, ‘अरविंद केजरीवाल को यह देखकर बहुत खुशी हुई होगी कि उन्हें टेक स्टार्टअप्स की दुनिया में अपना एक साथी मिल गया है।’

- राम शिव मूर्ति यादव @ www.yadukul.blogspot.com/