शुक्रवार, 18 अप्रैल 2014

जनता को राइट टू रिकॉल का अधिकार

'वोट' जरूर दीजिये और राजनैतिक दलों के लिए अपना भी घोषणा पात्र जारी कीजिये कि आखिर आप उनसे क्या चाहते हैं। 'सिविल सोसाइटी' और 'सिटिज़न जर्नलिस्ट' की अवधारणा भारतीय समाज में तेजी से कदम बढ़ा  रही है और यही कारण है  कि जनता अब खुलकर सवाल पूछ रही है।  मात्र वोट देकर पाँच साल का इंतज़ार क्यों ? लोहिया जी अक्सर कहा करते थे कि, 'जिन्दा कौमें पाँच साल तक इंतज़ार नहीं करतीं।' मतदान लोकतंत्र में जीवंतता का प्रतिक है तो अपने जनप्रतिनिधियों से सवाल करना और उन्हें कटघरे में खड़ा करना भी जनता का हक़ है !

इस चुनाव में तमाम मुद्दों के अलावा निम्न मुद्दे सभी राजनैतिक दलों की प्राथमिकता में होना चाहिए -

-जनता को राइट टू रिकॉल का अधिकार। 
- भ्रष्टाचारमुक्त शासन हेतु पारदर्शिता और आईटी पर जोर। 
-सभी के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छ पानी की गारंटी। 
- किसानों, ग्रामीणों व आदिवासियों को उनकी जमीन से बेदखल करने पर रोक। 
-महँगाई पर नियंत्रण। 
-पर्यावरण संरक्षण पर जोर। 
- चुनाव लड़ने हेतु न्यूनतम स्नातक अहर्ता। 
-नारी उत्पीड़न पर रोक और नारी -सशक्तीकरण को बढ़ावा।


(राम शिव मूर्ति यादव) 
स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी (से.नि.)
सिविल लाइंस, इलाहाबाद -211001 
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(साभार : दैनिक जागरण, 18 अप्रैल 2014)
http://epaper.jagran.com/epaper/18-apr-2014-79-edition-Allahabad-City-Page-5.html

सोमवार, 14 अप्रैल 2014

डॉ दिनेश्वर यादव को “BEST EDUCATIONIST AWARD 2014” का सम्मान

रामेश्वर लता संस्कृत महाविद्यालय दरभंगा के प्रधानाचार्य डॉ दिनेश्वर यादव को नई दिल्ली की संस्था इन्टरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एडुकेशन एंड मेनज़मेंट द्वारा “BEST EDUCATIONIST AWARD 2014” द्वारा 3 अप्रैल 2014 को नई दिल्ली में सम्मानित किया गया। डॉ दिनेश्वर यादव मूल रूप से समस्तीपुर के रहने वाले है। 

दिल्ली की संस्था इन्टरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एडुकेशन एंड मेनज़मेंट द्वारा 3 अप्रैल 2014 को नई दिल्ली में राष्ट्रीय स्तर पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया। इस अवसर पर देश भर से शिक्षा के क्षेत्र मे बेहतर कार्य और योगदान देने वाले को “BEST EDUCATIONIST AWARD 2014” से सम्मानित किया गया। यह संस्था प्रत्येक वर्ष देश भर से शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले को सम्मानित करती है। इसकी संस्था की पहचान देश ही नहीं विदेश स्तर पर है। 

इस अवसर पर श्री जोगिंदर सिंह पूर्व सीबीआई निदेशक, डॉ जी वी जी कृष्णमूर्ति पूर्व इलैक्शन कमिश्नर, डॉ भीष्म नारायण सिंह पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री, और पूर्व राज्यपाल श्री ओ पी वर्मा, पूर्व माननीय न्यायाधीश एवं देश के कई महान शिक्षाविद उपस्थित थे।