10 नवम्बर 2008 को 'यदुकुल' ब्लाग का आरम्भ किया गया था। इसके पीछे उद्देश्य था कि समाज-राजनीति-प्रशासन-साहित्य-संस्कृति इत्यादि तमाम क्षेत्रों में यादव समाज के लोग देश-विदेश में नाम रोशन कर रहे हैंण् इनमें से कई ऐसे नाम और काम हैं जो समाज के सामने नहीं आ पाते या यूँ कहें कि उन्हें ऐसा कोई मंच नहीं मिलता जिसके माध्यम से वे और उनकी उपलब्धियाँ सामने आयें. यादव समाज पर केन्द्रित कुछेक पत्र-पत्रिकाएं जरुर प्रकाशित हो रही हैंए पर नेटवर्क और संसाधनों के अभाव में उनकी पहुँच काफी सीमित है. तमाम मित्रों और बुद्धिजीवियों का भी आग्रह था कि अंतर्जाल के इस माध्यम का इस दिशा में उपयोग किया जाय. ऐसे में ‘यदुकुल‘ के रूप में यह प्रयास सामने आया। यदुकुल के माध्यम से यह कोशिश की गई कि यादव समाज में और यादव समाज द्वारा किये जा रहे उन तमाम प्रयासों को यहाँ रेखांकित किया जाय और उनसे संबंधित रचनाएँ इत्यादि भी यहाँ प्रस्तुत की जाएँ. इसके अलावा विभिन्न विषयों पर सारगर्भित लेख, पत्र-पत्रिकाओं और पुस्तकों की समीक्षाए, जानी-अनजानी यादव विभूतियों पर आलेख इत्यादि भी यदुकुल में समाहित किये जा रहे हैं. ‘यदुकुल‘ को जहाँ आप सभी का पूरा सहयोग मिला, वहीं अब इसकी चर्चा प्रिन्ट मीडिया में भी होने लगी है। प्रतिष्ठित हिन्दी अखबार हिन्दुस्तान में आज 29 अप्रैल 2009 को ‘‘ब्लाग वार्ता‘‘ के तहत रवीश कुमार ने इस ब्लाग की यदुकुल गौरव माडल और जाति की एकता शीर्षक से व्यापक चर्चा की है। समालोचनात्मक रूप में प्रस्तुत इस ब्लाग वार्ता में उन्होंने इसकी अच्छाइयों-कमियों दोनों को रेखांकित किया है। हमारा उद्देश्य दिनों-ब-दिन ‘यदुकुल‘ ब्लाग को और भी समग्र बनाना है।
मुरलीगंज रेलवे प्लेटफार्म पर मिला एक व्यक्ति का शव
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सहरसा पूर्णिया रेलखंड के बीच मुरलीगंज रेलवे स्टेशन के एक नंबर प्लेटफार्म पर
शनिवार की सुबह करीब 5 बजे एक व्यक्ति का शव पाया गया। स्टेशन अधीक्षक द्वारा
इस...
33 मिनट पहले
29 टिप्पणियां:
achcha prayas hai.isi bahane yese logo ko jode jo yadav samaj ki bhalai ke liye kuch kar sake.
yadukul ke bare me hindustan me pada pad kar kushi hui parntu model banne par jo bdai ap logo ne ki usse me sahmat nahi hu koyoki ydavo ki sanskrti sari dunyia ki prachin sanskri or hamari sanskrti kbhi bhi nagnanta ka samrtan nahi karti ap jara sochiye ki akhir ak model bannane ke liye ladkiyo ko kya kya karna parta he ye kisi se chupa hua nahi he ab tak jitni miss world ya miss universe bani he sab ka ak he laksya raha he bollywood me phuchna aur yadav sanskrti kabhi bhi ase kam ki anumati nahi deti att.apne bachoo ko issese bachaye sikander yadav.ghaziabad 9818704000
मुबारक हो.
"यदुकुल" की चर्चा मैंने भी आज के हिंदुस्तान अख़बार में पढ़ी.रवीश कुमार जी ने इसे बेहद रोचक रूप में प्रस्तुत किया है...आपको बधाई.
"यदुकुल" की चर्चा मैंने भी आज के हिंदुस्तान अख़बार में पढ़ी.रवीश कुमार जी ने इसे बेहद रोचक रूप में प्रस्तुत किया है...आपको बधाई.
आपका ब्लॉग एक बेहतरीन ब्लॉग है. इसकी चर्चा होना स्वाभाविक है.
यदुकुल" की चर्चा मैंने भी ब्लॉग वार्ता के तहत हिंदुस्तान पत्र में देखी. आपका कार्य सराहनीय है.
@ Sikander !!
सब अपनी-अपनी समझ का फेर है. हर समझदार व्यक्ति संस्कृति की अपनी परिभाषा गढ़ लेता है. पर संस्कृति और तालिबानीकरण का अंतर भी देखना होगा.
Wah Janab..bahut khub..Yadukul ki jay ho.I also read the same..Congts.
uchit prayaas.......
ye yadavo ka ek pariwar hai jo sabhi ko ek saath ek manch per lata hai mujhe ispe garv hai.
is site ko dekh kar accha laga. Kafi utsahit hun. Isse pata chalta hai ki yadavo ka ithas bhi gauranvit hai.
Uttam Prayas.
we really need a YADAV point on net hope this is a step towards.
Thanx very much.
अच्छे कार्य की हर तरफ सराहना होती है...बधाई.
समालोचनात्मक रूप में प्रस्तुत इस ब्लाग वार्ता में उन्होंने इसकी अच्छाइयों-कमियों दोनों को रेखांकित किया है। हमारा उद्देश्य दिनों-ब-दिन ‘यदुकुल‘ ब्लाग को और भी समग्र बनाना है। .....हम सबकी शुभकामनायें आपके साथ हैं !!
बहुत सुन्दर ब्लॉग. आज "हिंदुस्तान" अख़बार में चर्चा हो रही है, कल अन्य जगहों पर होगी. वैसे रवीश जी अच्छा लिखे हैं.
देरी से टिपण्णी के लिए खेद है.इस ब्लॉग की चर्चा मैंने "हिंदुस्तान" अख़बार में पढ़ ली थी...बहुत-बहुत मुबारकवाद.
आप सभी की प्रतिक्रियाओं और प्यार के लिए आभारी हूँ. बस यूँ ही हौसला अफजाई करते रहें.
मेरी तरफ से और "यादव साम्राज्य" पत्रिका की ओर से ढेरों बधाई !!
यदुकुल के माध्यम से यह कोशिश की गई कि यादव समाज में और यादव समाज द्वारा किये जा रहे उन तमाम प्रयासों को यहाँ रेखांकित किया जाय और उनसे संबंधित रचनाएँ इत्यादि भी यहाँ प्रस्तुत की जाएँ.....बड़ा उम्दा प्रयास है आपका. हम तो आपके पहले से ही मुरीद हैं.
its very appreciable that people are coming forward from over caste too...
that was very true that we have talented people but there was no such plateform..thanks for providing it....
रवीश कुमार हमेशा ही यादवों के प्रति दुराग्रह से पीड़ित रहे हैं....अपनी इस पोस्ट में भी उन्होने अपने दुराग्रह का ही परिचय दिया है....
uooncha kul "Yadukul" Yadavon kee aan Yadukul. Gauravshali Yadav itihas janane ka sasta aur saral sadhan. yadavon kee seva aviral chalti rahe. Yahee kamna hai.
Jai Yadav Jai Madhav.
Dhhanyvad.
जय हो।
अहीर रेजिमेंट के बारे में भी कोशिश करे।
अहीर रेजिमेंट के बारे में भी कोशिश करे।
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