बुधवार, 3 अक्टूबर 2012

शालू यादव बनीं इलाहाबाद विश्विद्यालय की छात्र संघ उपाध्यक्ष


 इलाहाबाद विश्विद्यालय की छात्र संघ उपाध्यक्ष पद पर आइसा की शालू यादव विजयी हुई हैं. एक लम्बे समय बाद इस पद पर किसी महिला ने परचम फहराया है. 28 सालो बाद कोई महिला नेतृत्व जीता है.   शालू ने ये पद अपने निकटतम प्रत्याशी आलोक कुमार सिंह से 925 वोटो से जीता है.


यही कारण था कि मऊ के छोटे से व्यवसायी प्रमोद यादव का सीना गर्व से चौड़ा था। आखिर हो भी क्यों नहीं, बेटी शालू छात्रसंघ भवन के प्राचीर से उपाध्यक्ष पद की शपथ जो ले रही थी। बेटी ने वह कर दिखाया है, जिसके बारे में इस परिवार ने कभी सोचा भी नहीं था। कभी यहीं के छात्र रहे प्रमोद के लिए बेटी को गौरवशाली इतिहास वाले इस छात्रसंघ का हिस्सा बनते देखना काफी भावुक करने वाला लम्हा था।

हालांकि प्रमोद अब भी बेटी को आईएएस बनते देखना चाहते हैं लेकिन यदि राजनीति में कॅरियर संवारती है तो रोकेंगे भी नहीं। शपथ ग्रहण समारोह में प्रमोद के अलावा शालू के नाना गांधी यादव, नाना के छोटे भाई योगेंद्र प्रताप यादव, मामा हर्षवर्धन और भाई हेमंत भी मौजूद रहे। प्रमोद का कहना है, वह शुरू से ही मेधावी रही है और उसे आईएएस बनाना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि परिवार में पहली सदस्य है जिसने राजनीति में इतनी दूर तक की सफर तय किया है। निश्चित ही पूरे परिवार के लिए गौरव करने वाला पल है। गांव में भी मिठाइयां बंटीं। उन्होंने कहा, इच्छा है कि शालू इस पद का पूरी ईमानदारी से निर्वहन करते हुए पढ़ाई पर ध्यान दे। नाना गांधी तथा परिवार के अन्य लोग भी शालू की इस उपलब्धि पर काफी उत्साहित थे। नाना का कहना है कि उसे इसी उम्र में खुद को साबित किया है। अब उसे कोई नहीं रोकेगा।

दिनेश यादव बने इलाहाबाद विश्विद्यालय के छात्र संघ अध्यक्ष

इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव के नतीजे हमेशा से महत्वपूर्ण रहे हैं. एक लम्बे समय बाद संपन्न इन चुनावों में तिन प्रमुख पदों पर यदुवंशियों ने परचम फहराया. अध्यक्ष पद पर समाजवादी छात्र सभा के प्रत्याशी दिनेश सिंह यादव, उपाध्यक्ष पद पर आइसा की शालू यादव तो संयुक्त मंत्री पद पर गयाशंकर यादव निर्वाचित हुए हैं।
 
अध्यक्ष पद चुने गए दिनेश यादव का बचपन से ही राजनीति के प्रति रुझान रहा। यही कारण रहा कि परिवार ने भी पूरी छूट दे रखी है। शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद भाई उमेेश सिंह यादव ने बताया कि कक्षा छह में ही उसमें नेतृत्व के गुण दिखने लगे थे। इसलिए उसे राजनीति करने से कभी नहीं रोका गया लेकिन लगातार नसीहत दी जाती रही कि ध्येय राष्ट्रहित हो। उसने लंबे संघर्ष के बाद यह उपलब्धि हासिल की है। उम्मीद है छात्र-छात्राओं से किए गए वादे पूरा करेगा। उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि जिस विचारधारा के साथ वह राजनीति में आया है उसे और आगे बढ़ाएगा।
 
शपथ ग्रहण के बाद छात्रों को संबोधित करते हुए इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्रसंघ के नवनिर्वाचित अध्यक्ष दिनेश सिंह यादव ने कहा कि चुनाव से पूर्व छात्रों से जो वायदे किए हैं उसे पूरा किया जाएगा। कैंपस में पठन-पाठन का माहौल बने, सुविधाएं बहाल होंगी। छात्रसंघ का दरवाजा छात्र-छात्राओं की किसी भी समस्या के लिए हमेशा खुले रहेंगे। कैंपस में अराजकता, गुंडागर्दी, छेड़छाड़ और रैगिंग बर्दाश्त नहीं की जाएगी। छात्रावासों की हालत सुधरेगी, लाइब्रेरी में सुविधाएं और किताबें बढ़ेंगी।
 
उल्लेखनीय है कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय में आखिरी बार 2005 में छात्र संघ चुनाव चुनाव हुए थे। मायावती ने 2007 में सत्ता में आने के बाद छात्रसंघ चुनावों पर रोक लगा दी थी। इस वर्ष विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के सत्ता में आने के बाद अखिलेश यादव सरकार ने छात्रसंघ बहाल किया। गौरतलब है कि इलाहाबाद विश्विद्यालय में छात्र संघ के अध्यक्ष पद पर निर्वाचित होने वाले प्रथम यदुवंशी कृष्ण मूर्ति सिंह यादव रहे हैं. दिनेश यादव केंद्रीय विश्विद्यालय बनने के बाद पहले छात्र संघ अध्यक्ष हैं.