रविवार, 22 नवंबर 2015

तेजस्वी यादव बने बिहार के उप-मुख्यमंत्री


बिहार में हुए विधान सभा चुनावों ने जहाँ नई इबारतें लिखीं, वहीँ इसके माध्यम से तेज तर्रार और अपनी हाजिर जवाबी के लिए मशहूर राजनीतिज्ञ लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के  दोनों बेटों तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव ने भी बकायदा अपना राजनैतिक कैरियर आरम्भ किया है। तेजस्वी यादव जहाँ राष्ट्रीय जनता दल के विधायक दल के नेता चुने गए, वहीँ 20 नवंबर, 2015 को नीतीश मंत्रिमंडल में उप मुख्यमंत्री का ओहदा भी मिला।  वे भारत में सबसे कम उम्र के विधायक दल के नेता और उपमुख्यमंत्री बने हैं।इसके अलावा वे पथ निर्माण, भवन निर्माण, पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्रालय की ज़िम्मेदारी भी संभालेंगे। वहीं लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव को स्वास्थ्य, लघु जल-संसाधन और पर्यावरण एवं वन विभाग का मंत्री बनाया गया है। 

क्रिकेटर से डिप्टी चीफ मिनिस्टर तक : 
9 नवम्बर 1989 को जन्मे तेजस्वी यादव का राजनीति में कदम रखने से पहले सपना एक सफल क्रिकेटर बनने का था, जिसकी शुरुआत उन्होंने साल 2009 में झारखंड की ओर से प्रथम श्रेणी क्रिकेट में डेब्यू करके की थी, लेकिन आगे चलकर उन्होंने राजनीति की ओर रुख कर लिया। पटना के मशहूर लालू-राबड़ी परिवार में जन्मे नौ बड़े भाई-बहनों में सबसे छोटे तेजस्वी अपने क्रिकेट करियर के प्रति काफी संजीदा थे। उन्होंने अपना लुक भी कुछ ऐसा ही रखा था। अपने लंबे बालों, थोड़ी बढ़ी हुई दाढ़ी और दिल्ली पब्लिक स्कूल, मथुरा रोड के बैकग्राउंड के कारण वे अपनी उम्र के बच्चों के बीच अलग ही नजर आते थे। उन्होंने कक्षा 9 में स्कूल से नाता तोड़ लिया।  तेजस्वी चार सत्रों तक दिल्ली डेयरडेविल्स टीम के रोस्टर में रहे। वे स्पिन के साथ-साथ सीम बॉलिंग भी कर सकते थे और निचले क्रम में बैटिंग भी कर सकते थे, इस प्रकार वे एक ऑलराउंडर रहे, लेकिन वे दिल्ली की आईपीएल टीम के प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं बना सके। इस पर हमेशा विनोदपूर्ण अंदाज में रहने वाले उनके पिता लालू प्रसाद यादव ने कहा था, 'कम से कम उसे खिलाड़ियों को पानी पिलाने का मौका ही मिल जाता।' मात्र एक प्रथम श्रेणी गेम, दो ए-श्रेणी मैच और 4 टी-20 मैचों का अनुभव रखने वाले तेजस्वी का क्रिकेट करियर वास्तव में कभी भी परवान नहीं चढ़ा। बैटिंग में उनका सर्वोच्च स्कोर 19 रन रहा, वहीं बॉलिंग में उनके नाम 10 ओवर में 1 विकेट रहा। ये आंकड़े उनके करियर की कहानी सहज ही बयां कर देते हैं।   तेजस्वी सच्चे टीममैन थे। भले ही वे आईपीएल मैच खेलने का मौका नहीं मिलने पर निराश थे, लेकिन उन्हें टीम कंपोजिशन और टीम के तालमेल का महत्व पता था। अब तेजस्वी का यह क्रिकेटीय अनुभव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की गठबंधन वाली कैबिनेट में उन्हें सही भूमिका निभाने में मदद करेगा।


आलोचनाओं का जवाब दिया तेजस्वी ने :

तेजस्वी यादव को डिप्टी चीफ मिनिस्टर बनाते ही विरोधियों ने उन पर राजनैतिक वार करना आरम्भ कर दिया।  कहा गया कि वे सिर्फ 9वीं पास हैं और  सिर्फ 26 साल के हैं। उन्होंने पहली बार चुनाव लड़ा और जीतने के बाद उन्हें इतनी बड़ी जिम्मेदारी मिली है। उनके पिता लालू प्रसाद जी ने ने पार्टी के सीनियर और अनुभवी नेताओं को इग्नोर किया है। इस पर बिहार के डिप्टी चीफ मिनिस्टर तेजस्वी यादव ने अपने आलोचकों को जवाब देते हुए कहा है कि वे बिहार का विकास करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि किताब का कवर पेज देखकर उसका फैसला न करें। उन्होंने साफ किया कि बिहार में विकास का नया रिकॉर्ड बनेगा। उन्होंने अपनी आलोचनाओं पर शनिवार को कुछ ट्वीट्स भी किए। 

ट्वीट्स में  तेजस्वी ने कहा कि, 'मैं ब्रांड बिहार की वैल्‍यू बढ़ाने और राज्‍य के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ूंगा। किसी को भी कवर देखकर किताब पर फैसला नहीं करना चाहिए। अमृत की मिठास और दवाई की कड़वाहट का असली फायदा वक्‍त के साथ पता लगता है।'

 'बिहार के विकास में अपनी ओर से मैं कोई कसर नहीं छोडूंगा। ब्रांड बिहार को आगे ले जाऊंगा, ताकि नीतीश कुमार को मुझे डिप्टी सीएम बनाने पर गर्व हो।'

 'सनकी, पूर्वाग्रही और हित साधने वाले लोग भले ही उसे खारिज करें, लेकिन बिहार के लोगों ने युवाओं पर जो भरोसा जताया है, उनको इसका फल जरूर मिलेगा।'

 'बिहार का विकास करने में हम कोई कसर नहीं छोडेंगे। बिहार की भलाई के लिए युवा कैबिनेट के जोश को अनुभवी सीएम से बेहतर मार्गदर्शन मिलेगा।'
 - राम शिव मूर्ति यादव @ यदुकुल : Ram Shiv Murti Yadav @ www.yadukul.blogspot.com
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