सोमवार, 5 मार्च 2018

मध्य प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव में यादवों ने दर्ज की जीत

मध्य प्रदेश में विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में दोनों ही सीटों पर यादवों ने जीत दर्ज की  है। 28 फरवरी को हुई मतगणना में  मुंगावली सीट पर 2124 वोटों से कांग्रेस प्रत्याशी बृजेंद्र सिंह यादव ने अपनी निकटतम प्रतिद्वंदी और बीजेपी की प्रत्याशी बाई साहब यादव को 2124 वोटों के अंतर से पराजित किया है। उधर, कोलारस में भी कांग्रेस के महेंद्र सिंह यादव ने 2013 में अपने पिता द्वारा जीती गई सीट को कायम रखा है। उन्होंने बीजेपी के देवेंद्र जैन को 8083 वोट से हराया है। 2013 में भी देवेंद्र जैन को महेंद्र के पिता राम सिंह ने हराया था। तब जीत का अंतर 24953 वोट का था। इस बार कांग्रेस को 82515 और बीजेपी को 74432 वोट मिले हैं। 

गुरुवार, 26 अक्टूबर 2017

राजस्थान लोकसेवा आयोग द्वारा आयोजित आरएएस परीक्षा में सचिन यादव का दूसरा स्थान

राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से 18 अक्टूबर, 2017 को घोषित परीक्षा परिणाम में सचिन पुत्र उमराव सिंह यादव निवासी अहीरों की ढाणी खादी बाग, पहली बार में ही आरएएस परीक्षा 2016 में सफलता हासिल करते हुए राजस्थान में दूसरा स्थान प्राप्त कर माता- पिता क्षेत्र का नाम रोशन किया। सचिन बीटेक के बाद आरएएस तैयारी में जुटे थे। इससे पहले इनका मार्च 2017 में असिस्टेंट कमांडेंट की पोस्ट पर भी चयन हो चुका है। अपनी सफलता का श्रेय सचिन यादव ने माता कमला देवी पिता उमराव सिंह को दिया। सचिन के पिता चितौड़गढ़ में सेल्स टैक्स डिपार्टमेंट में असिस्टेंट अकाउंट ऑफिसर के पद पर कार्यरत हैं। 


संकल्प में वह ताकत है कि पत्थर भी पिघलकर मोम बन जाता है। कुछ इसी तरह की कहानी है कोटपूतली  कस्बे के आदर्श नगर निवासी निशा यादव की। जिन्होंने दूसरी बार में आरएएस की परीक्षा में 255वीं रैंक प्राप्त की है। निशा ने बताया कि उसने शहर के इमानुएल स्कूल से 10वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की। इसके बाद सीनियर सेकंडरी स्कूल हंस इंटरनेशनल स्कूल से प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण की। जयपुर के पूर्णिका कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से आईटी में बीटेक कर द्वितीय प्रयास में आरएएस बनने का गौरव हासिल किया। उसने अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता गिरदावर रामनिवास यादव माता कौशल्या देवी, भाई अचीस संदीप को देते हुए बताया कि इन्ही के आशीर्वाद से द्वितीय बार में आरएएस की परीक्षा पास की। इस उपलब्धि पर परिवार में खुशी का माहौल है। 


12वीं कक्षा में दो बार फेल, फिर भी नहीं हारी हिम्मत 

आरएएस परीक्षा में चयनित शैतानसिंह यादव ने बताया कि वर्ष 2001 में माध्यमिक परीक्षा रायथल के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय से उत्तीर्ण करने कर बारहवीं में दो बार फेल होने के बाद अगस्त 2004 में सेना में सिपाही के पद पर नियुक्त हुआ तथा सेवा दौरान ही स्वयंपाठी के रूप में 12वीं तथा स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद मई 2012 में सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृति लेकर दिसम्बर 2014 में वरिष्ठ अध्यापक पद पर भीलवाड़ा में नियुक्त हुआ और दूसरे प्रयास में आरएएस 2016 में 318वीं रैंक के साथ चयन हुआ। 

'यदुकुल' की तरफ से सभी चयनित छात्र-छात्रों को बधाई और उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनायें !!

सोमवार, 16 अक्टूबर 2017

अवनीश यादव बने इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्र संघ अध्यक्ष


पूरब का ऑक्सफोर्ड कहे जाने वाले उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद स्थित इलाहाबाद विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव के परिणाम में अवनीश कुमार यादव छात्र संघ अध्यक्ष पद पर निर्वाचित हुए। अवनीश सपा के छात्र संगठन समाजवादी छात्र सभा से ताल्लुक रखते हैं। 

बुधवार, 6 सितंबर 2017

राजस्थान यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ अध्यक्ष बने पवन यादव

राजस्थान युनिवर्सिटी के चुनावी मुकाबले में अध्यक्ष पद पर बागी पवन यादव ने जीत हासिल की। उन्होंने एक निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था और  2656 वोटों से एबीवीपी के संजय माचेड़ी के हराया। इसी प्रकार जयपुर के ही महारानी कॉलेज में अध्यक्ष पद पर नेहा यादव निर्वाचित हुईं। 

रविवार, 27 अगस्त 2017

नन्ही ब्लॉगर अक्षिता यादव (पाखी) की पेंटिंग

राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित एवं नन्ही ब्लॉगर अक्षिता यादव (पाखी) की प्रतिष्ठित अंग्रेजी अख़बार दि टाइम्स ऑफ़ इण्डिया (जयपुर, राजस्थान) के किड्स जोन में प्रकाशित एक 'रेनबो' पेंटिंग। पाखी को बहुत-बहुत बधाई और स्नेहाशीष !!

मंगलवार, 22 अगस्त 2017

कर्मयोगी श्रीकृष्ण का जीवन प्रेरणादायक - डाक निदेशक कृष्ण कुमार यादव

श्रीकृष्ण हमारी संस्कृति के एक अद्भुत एवं विलक्षण महानायक हैं । ईश्वर होते हुये भी वे सबसे ज्यादा मानवीय लगते हैं । सच्चे अर्थों में लोकनायक के रूप में  वे हर विपरीत घड़ी में हमारे सामने आदर्श के रूप में उपस्थित होते हैं । इसीलिए श्रीकृष्ण को मानवीय भावनाओं, इच्छाओं और कलाओं का प्रतीक माना जाता है। एक हाथ में बाँसुरी और दूसरे हाथ में सुदर्शन चक्र से विभूषित श्री कृष्ण का पूरा जीवन पुरुषार्थ की प्रेरणा देता है। उक्त विचार राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएँ एवं चर्चित साहित्यकार श्री कृष्ण कुमार यादव ने यादव समाज, जोधपुर द्वारा गाँधी शांति प्रतिष्ठान केंद्र, जोधपुर में  15 अगस्त, 2017 को आयोजित जन्माष्टमी समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किये।  

डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि श्रीकृष्ण के व्यक्तित्व में भारत को एक प्रतिभासम्पन्न राजनीतिवेत्ता ही नहीं, एक महान कर्मयोगी और दार्शनिक प्राप्त हुआ, जिसका गीता-ज्ञान समस्त मानव-जाति एवं सभी देश-काल के लिए पथ-प्रदर्शक है। आज देश के युवाओं को श्रीकृष्ण के विराट चरित्र के बृहद अध्ययन की जरूरत है। श्री यादव ने कहा कि श्रीकृष्ण ने कभी कोई निषेध नहीं किया। उन्होंने पूरे जीवन को समग्रता के साथ स्वीकारा है। संसार के बीच रहते हुये भी उससे तटस्थ रहकर वे पूर्ण पुरुष कहलाए। यही कारण है कि उनकी स्तुति लगभग सारी दुनिया में किसी न किसी रूप में की जाती है। 

 निदेशक डाक सेवाएँ श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि श्री कृष्ण की लीलाएं सामाजिक समरसता व राष्ट्रप्रियता का प्रेरक मानदंड हैं । श्रीकृष्ण एक ऐसे आदर्श चरित्र हैं जो युद्ध क्षेत्र में अर्जुन की मानसिक व्यथा का निदान करते समय एक मनोवैज्ञानिक, कंस जैसे अधर्मी का संहार करते हुये एक धर्मावतार, स्वार्थ पोषित राजनीति का प्रतिकार करते हुये एक आदर्श राजनीतिज्ञ, बंशी बजैया के रूप में संगीतज्ञ, बृजवासियों के समक्ष प्रेमावतार, सुदामा के समक्ष एक आदर्श मित्र तो सुदर्शन चक्रधारी के रूप में एक योद्धा और सामाजिक क्रांति के प्रणेता हैं।

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में पधारे  बाबा खेतानाथ आश्रम, नीमराना के महंत शंकर दास ने कहा कि हमारे अध्यात्म के विराट आकाश में श्रीकृष्ण ही अकेले ऐसे व्यक्ति हैं जो धर्म की परम गहराइयों व ऊंचाइयों पर जाकर भी गंभीर या उदास नहीं हैं। श्री दरियाब सिंह यादव, निदेशक प्राविधिक शिक्षा मंडल  ने कहा कि भगवान् श्री कृष्ण  के चरित्र में सर्वत्र समदर्शिता प्रकट होती है।  यूथ हॉस्टल, जोधपुर के प्रबंधक ले. कर्नल (सेनि) प्रकाश चन्द्र यादव ने श्री कृष्ण के विचारों को सदैव प्रासंगिक बताते हुए उनके  जीवन से प्रेरणा लेने की बात कही। 

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे यादव समाज, जोधपुर के अध्यक्ष डॉ. शैलेष यादव ने कहा कि कृष्ण की सभी लीलाएँ कुछ न कुछ सन्देश देती हैं। उन लीलाओं को उनके आध्यात्मिक स्वरूप में ही समझा जा सकता है। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मानित भी किया। इस अवसर पर बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति भी की गई। इस अवसर पर प्रो सुंदर लाल, बृजमोहन यादव,  डॉ. राम रतन यादव,  नंदकिशोर यादव,  प्रविंद्र यादव, मदन सिंह यादव, गोपाल यादव, राजेश यादव, ललित यादव, डॉ. योगेश यादव, राम नरेश यादव, जेपी यादव, दिनेश यादव,  विवेक यादव, राजकुमार यादव, गजेंद्र, विवेक सिंह  सहित यादव समाज के  तमाम प्रबुद्ध जन, महिलाएं व् बच्चे  उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन नंदकिशोर यादव ने किया।

मंगलवार, 11 जुलाई 2017

साहित्यकार दंपति कृष्ण कुमार यादव व आकांक्षा यादव ''रचना स्वर्ण प्रतिभा सम्मान'' से सम्मानित

मंजिल ग्रुप साहित्यिक मंच (मगसम), दिल्ली  द्वारा राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर के निदेशक डाक सेवाएं एवं चर्चित साहित्यकार  व् ब्लॉगर श्री कृष्ण कुमार यादव और उनकी साहित्यकार पत्नी सुश्री आकांक्षा यादव को देश भर में उनकी रचनाओं के पाठ के दौरान श्रोताओं द्वारा श्रेष्ठता आधार पर, ''रचना स्वर्ण प्रतिभा सम्मान'', ''रचना प्रतिभा सम्मान'' और ''शतकवीर सम्मान'' से सम्मानित किया गया।  यादव दम्पति को यह सम्मान जोधपुर के एक होटल में आयोजित  कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि वरिष्ठ कवि-कथाकार श्री रविदत्त मोहता, वरिष्ठ साहित्यकार श्री हरिदास व्यास, सेवानिवृत्त न्यायधीश श्री मुरलीधर वैष्णव और मंजिल ग्रुप साहित्यिक मंच के राष्ट्रीय संयोजक श्री सुधीर सिंह सुधाकर ने प्रदान किये। सुश्री आकांक्षा यादव की अस्वस्थता के चलते उनका सम्मान भी श्री यादव ने ही ग्रहण किया।  सम्मान स्वरुप श्री यादव को श्रीफल, शाल, प्रशस्ति-पत्र और स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया। श्री यादव ने इस  दौरान अपने सम्बोधन में कहा कि रचना का कद रचनाकार से सदैव बड़ा होता है, ऐसे में अपनी रचनाओं को सम्मानित किये जाने से हम अभिभूत हैं । 

सोमवार, 10 जुलाई 2017

राजस्थान की बालिका वधू रूपा यादव बनी डॉक्टर

जब मन में लगन हो तो परिस्थितियाँ भी रास्ता दिखाने को मजबूर हो जाती हैं।  ऐसा ही हुआ राजस्थान की बालिका वधू रूपा यादव के साथ। जयपुर के करेरी गांव की रहने वाली रूपा यादव की कहानी दिलचस्प और प्रेरणादायक है। भारत में बाल विवाह पर कानूनी प्रतिबंध है, लेकिन राजस्थान समेत देश के कई अन्य राज्यों में आज भी बच्चों की शादी काफी कम उम्र में कर दी जाती है।  जब रूपा  महज आठ साल की थी और तीसरी कक्षा में पढ़ रही थी तभी उसकी शादी सातवीं में पढ़ने वाले शंकर लाल से कर दी गई। इतना ही नहीं उसी समारोह में उसकी बड़ी बहन की शादी शंकर के बड़े भाई से कर दी गई। 

जिस उम्र में रूपा को शादी का मतलब भी नहीं पता था, उस उम्र में वह शादी के बंधन में बंध गईं। जब वह दसवीं कक्षा में पहुंची तो उसका गौना हुआ। यानी वह  अपने माता-पिता का घर छोड़कर अपनी ससुराल आ गई। लेकिन रूपा की मेहनत और लगन ने अंतत: रंग दिखाया और 21 साल पूरा करने से पहले ही अब वह राजस्थान के एक सरकारी मेडिकल कॉलेज से डॉक्टर बनने की पढ़ाई करेगी। 

ज्यादा जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें : 

शनिवार, 25 फ़रवरी 2017

साहित्य जगत के चमकते सितारे : कृष्ण कुमार यादव, आकांक्षा यादव, अक्षिता (पाखी) @ शेरगढ़ एक्सप्रेस, जोधपुर



साहित्य और लेखन के क्षेत्र में विरले ही ऐसे परिवार हैं, जो अपने व्यक्तित्व  और कृतित्व की बदौलत नित् नए मुकाम रच रहे हैं। ऐसे ही एक परिवार पर जोधपुर से प्रकाशित हिंदी पत्रिका "शेरगढ़ एक्सप्रेस" ने फरवरी-2017 अंक "साहित्य जगत  के चमकते सितारे" शीर्षक से राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव, उनकी पत्नी  श्रीमती आकांक्षा यादव और उनकी बिटिया एवं  भारत की सबसे कम उम्र की  राष्ट्रीय बाल पुरस्कार विजेता अक्षिता (पाखी) पर विशेषांक रूप में जारी किया है। 

बकौल पत्रिका के संपादक मनोज जैन, साहित्य और लेखन  के क्षेत्र में जहाँ एक-दो नहीं बल्कि तीन प्रतिभाएँ एक ही परिवार से हों और एक-दूसरे से बढ़-चढ़कर, तो  इसे दुर्लभ संयोग ही कहा जायेगा।  पत्रिका में 'प्रशासन और साहित्य के ध्वजवाहक : कृष्ण कुमार यादव',  'युवा पंखों की ऊँची उड़ान : आकांक्षा यादव',   'आँगन की रंगोली से क्षितिज तक : कृष्णाकांक्षा' और 'भारत की सबसे कम उम्र की राष्ट्रीय बाल पुरस्कार विजेता  नन्ही ब्लॉगर अक्षिता (पाखी)' शीर्षक से लिखे लेखों में विभिन्न विद्वानों ने इनके कृतित्व के विभिन्न पहलुओं को रेखांकित करने का महनीय प्रयास किया है।   

पत्रिका के इस विशेष अंक को राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने जारी किया।  इस अवसर पर संपादक मनोज जैन ने बताया कि उनका प्रयास जोधपुर से जुड़े या यहाँ पर रह रहे विभिन्न क्षेत्रों की हस्तियों के योगदान को रेखांकित करते हुए विभिन्न विशेषांक निकालना है।  इस क्रम में यहाँ के चिकित्सा, इंजीनियरिंग, चार्टेड अकाउंटेंट, शिक्षा, प्रशासन, न्याय, साहित्य, कला, संस्कृति और लोक रंग इत्यादि से जुड़े व्यक्तियों के बारे में अंक प्रकाशित किये जायेंगे।  डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि, मनोज जैन का प्रयास प्रशंसनीय है और इसके माध्यम से जोधपुर की माटी की खुशबू को बाहर भी महसूस किया जा सकेगा ।

सोमवार, 12 दिसंबर 2016

यादव समाज की 190 प्रतिभाओं का हुआ सम्मान, पूर्व सांसद डॉ. कर्ण सिंह यादव और निदेशक डाक सेवाएँ कृष्ण कुमार यादव ने किया सम्मानित


यादव (अहीर) समाज, जोधपुर  द्वारा गाँधी शांति प्रतिष्ठान, जोधपुर में 27 नवम्बर, 2016  को प्रतिभा सम्मान समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने वाली यदुवंशी प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया। प्रतिभा सम्मान समारोह में बतौर मुख्य अतिथि पूर्व सांसद एवम राजस्थान यादव महासभा  अध्यक्ष डॉ. कर्ण सिंह यादव ने कहा कि, कोई भी समाज अपनी होनहार प्रतिभाओं के बलबूते ही समृद्ध होता है और उन प्रतिभाओं प्रतिभाओं का सम्मान करने से उनका मनोबल बढ़ता है एवं समाज प्रगति के पथ पर अग्रसर होता है। डॉ. कर्ण सिंह ने अपने उद्बोधन में बालिका शिक्षा और देश निर्माण में उनकी बढ़ती महती भूमिका की चर्चा करते हुये समाज में उनके नये कर्तव्य निर्माण की ओर भी ध्यान आकर्षित किया।

समारोह के विशिष्ट अतिथि के रूप में राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर के निदेशक डाक सेवाएँ श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि युवाओं की  सशक्त और सजग भागीदारी ही समाज और राष्ट्र को समृद्ध बना सकती है। महान् कर्मयोगी भगवान् श्री कृष्ण ने गीता में इसीलिए कर्म के भाव को ही अपनाने पर जोर दिया। ऐसे में युवाओं की महती जिम्मेदारी है कि वे अपनी इस भूमिका को पहचानें  और इस दिशा में सकारात्मक पहल करते हुए नए आयाम रचें। जोधपुर के जिला शिक्षा अधिकारी श्री मोहनलाल यादव ने शिक्षा और समाज विकास के सम्बन्ध को बताते हुए शिक्षा और कौशल विकास से  समाज व  राष्ट्र निर्माण की चर्चा की।
इस अवसर पर यादव (अहीर) समाज द्वारा पश्चिमी राजस्थान के विभिन्न जिलों के उच्चतर कक्षाओं में उत्कृष्ट स्थान प्रदान करने वाले विद्यार्थियों, शिक्षा, चिकित्सा, इंजीनियरिंग और विभिन्न सरकारी सेवाओं में चयनित प्रतिभाओं, राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर विभिन्न खेलों में स्थान पाने वाली प्रतिभाओं, समाज सेवा में तत्पर और भामाशाहों सहित कुल 190 प्रतिभाओं को  पूर्व सांसद डॉ. कर्ण सिंह यादव  और निदेशक डाक सेवाएँ श्री कृष्ण कुमार यादव ने सम्मानित किया। आजीवन सदस्यता ग्रहण  करने वाले सदस्यों को भी स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम संयोजक डॉ. रामरतन यादव ने बताया कि समाज के भावी कार्यक्रमों में छात्रावास निर्माण, मेडिकल कैम्प, नवयुवक-नवयुवती परिचय सम्मलेन के  आयोजन किया जायेगा।

कार्यक्रम में स्वागत संबोधन और कार्यक्रम की रूपरेखा के बारे में  यादव समाज के अध्यक्ष डॉ. शैलेष यादव और सचिव श्री परविन्दर यादव,  आभार ज्ञापन  कर्नल  पी.सी. यादव एवम  कार्यक्रम का संचालन श्री नन्द किशोर द्वारा किया गया। 

समारोह में श्री रामनेरश यादव, निदेशक, वाई.सी.एल., श्री बी.एस. यादव, प्रधानाचार्य डी.पी.एस स्कूल, जोधपुर,  श्री निहाल सिंह, श्री गोपाल यादव, श्री सुरेश यादव , मदन सिंह यादव सहित यादव समाज के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।





शुक्रवार, 2 दिसंबर 2016

डाक विभाग के निदेशक व साहित्यकार कृष्ण कुमार यादव का साहित्य समिति ने किया अभिनंदन

प्रशासन के साथ साहित्य का अद्भुत संगम विरले ही देखने को मिलता है। इसके बावजूद तमाम प्रशासनिक अधिकारी अपनी व्यस्तताओं के मध्य हिन्दी साहित्य को समृद्ध कर रहे हैं। उक्त उद्गार साहित्य समिति, सादुलपुर, चूरू द्वारा निराला अस्पताल में राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर के निदेशक डाक सेवाएँ एवं साहित्यकार श्री कृष्ण कुमार यादव के सम्मान एवं अभिनंदन के दौरान वक्ताओं ने व्यक्त किये। 

साहित्य समिति के मंत्री  अनिल शास्त्री ने कहा कि डाक विभाग में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी होने के साथ ही श्री कृष्ण कुमार यादव राष्ट्रीय स्तर के खयातनाम साहित्यकार भी हैं, ऐसे में उनका सम्मान हमारे लिए गौरव की बात है। 
इस अवसर पर श्री यादव की पत्नी एवं अग्रणी महिला ब्लॉगर व लेखिका आकांक्षा यादव का भी लाजवंती घोटड व गायत्री बैरासर ने प्रतीक चिन्ह भेंट कर स्वागत किया। वहीं वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. रामकुमार घोटड ने समिति की गतिविधियों पर चर्चा करते हुए इस बात पर प्रसन्नता जाहिर की कि श्री कृष्ण कुमार यादव और आकांक्षा यादव युगल रूप में हिन्दी साहित्य को समृद्ध करते हुए विभिन्न विधाओं में निरंतर लेखन कर रहे हैं। 

इस अवसर पर साहित्यकार संतोष कुमार जांगिड़, सत्यभान पूनियाँ, अनिता सोनी ने अपनी साहित्य कृतियां श्री कृष्ण कुमार यादव और आकांक्षा यादव को भेंट की। इसके अलावा लघुकथा त्रैमासिक पत्रिका ‘सारा’ की हाल ही में प्रकाशित लघुकथा विशेषांक की प्रति भेंट की गई। कार्यक्रम में स्थानीय डाकपाल बलवीर सिंह, रामवतर बैरासरिया, पुरुषोत्तम  देव पाण्डिया, सुनील अग्रवाल, सांवरमल भार्गव, विजय कुमार सोनी आदि ने भी श्री यादव का अभिनंदन किया। कार्यक्रम का संचालन अनिल शास्त्री ने किया। 





बुधवार, 23 नवंबर 2016

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री राम नरेश यादव का निधन

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और मध्य प्रदेश के पूर्व गवर्नर रामनरेश यादव का 22 नवम्बर, 2016 को लखनऊ में निधन हो गया। 89 साल के राम नरेश यादव का  लखनऊ के पीजीआई अस्पताल में इलाज चल रहा था। उनके फेफड़े में इन्‍फेक्‍शन था। 

किसानों की बने थे आवाज, 1977 में मिली थी सीएम की कुर्सी
- जुलाई 1928 में यूपी के आजमगढ़ में रामनरेश का जन्म हुआ था।
- राम नरेश पहली बार चौधरी चरण सिंह की मदद से 1977 में जनता पार्टी के सीएम बने थे। रामनरेश यादव 23 जून 1977 से 28 फरवरी 1979 तक यूपी के सीएम रहे। वे किसानों की आवाज उठाने के लिए जाने जाते थे।
- उनको राजनीतिक माहौल घर से ही मिला था, क्योंकि उनके पिता गया प्रसाद महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू और डॉ. राममनोहर लोहिया के अनुयायी थे। 
- उन्‍होंने बीएचयू से बीए, एमए और एलएलबी की पढ़ाई की और यहीं छात्र संघ की राजनीति से भी जुड़े रहे। 
- इसके बाद कुछ वक्त के लिए वे जौनपुर के पट्टी स्थित नरेंंद्रपुर इंटर कॉलेज में प्रवक्ता भी रहे। 1953 में उन्‍होंने आजमगढ़ में वकालत की शुरुआत की।
- रामनरेश ने समाजवादी विचारधारा के तहत विशेष रूप से जाति तोड़ो, विशेष अवसर के सिद्धांत, बढ़े नहर रेट, किसानों की लगान माफी, समान शिक्षा, आमदनी और खर्च की सीमा बांधने, वास्तविक रूप से जमीन जोतने वालों को उनका अधिकार दिलाने, अंग्रेजी हटाओ आदि आंदोलनों को लेकर कई बार गिरफ्तारियां दीं। 
- इमरजेंसी के दौरान वे मीसा और डीआईआर के अधीन जून 1975 से फरवरी 1977 तक आजमगढ़ जेल और केंद्रीय कारागार नैनी, इलाहाबाद में बंद रहे।
- रामनरेश 1988 में राज्यसभा सदस्य बने और 12 अप्रैल 1989 को राज्यसभा के अंदर डिप्टी लीडरशिप, पार्टी के महामंत्री और अन्य पदों से त्यागपत्र देकर तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की सदस्यता ली।
- लखनऊ स्थित अंबेडकर यूनिवर्सिटी को सेंट्रल यूनि‍वर्सिटी का दर्जा दिलाने में भी उनका अहम योगदान था।

इसी साल रामनरेश की आई थी किताब
- इसी साल अगस्‍त महीने में रामनरेश यादव की पहली किताब 'मेरी कहानी' सामने आई थी।
- इस किताब में उन्‍होंने कांग्रेस में आने, सीएम बनने और यूपी में उनके सीएम रहते समय हुए सांप्रदायिक दंगों को सुलझाने के घटनाक्रम के बारे में बताया था। 
- हालांकि, किताब में मप्र के गवर्नर रहते हुए उन्होंने अपने दामन पर आए व्यापमं के छींटों का कोई जिक्र नहीं किया था।
ऐसा था रामनरेश का कार्यकाल
- 23 जून 1977 से 28 फरवरी 1979 तक यूपी के सीएम रहे।
- जून 2014 से 19 जुलाई 2014 तक छतीसगढ़ के गवर्नर रहे।
- 26 अगस्‍त 2011 से 7 सितंबर 2016 तक मध्‍य प्रदेश के गवर्नर रहे।

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री राम नरेश यादव जी के निधन के साथ ही समाज और देश ने एक कद्दावर जननेता खो दिया है।  उनके निधन पर हार्दिक श्रद्धांजलि !!

सोमवार, 31 अक्टूबर 2016

हिन्दी ब्लॉगिंग में नए आयाम रचता एक परिवार

हिंदी में ब्लागिंग का तेजी से विस्तार हो रहा है. आज ब्लागिंग प्रिंट-मिडिया और इलेक्ट्रानिक मीडिया में चर्चा में है, तो ब्लागिंग को लेकर तमाम विश्लेषण भी हो रहे हैं. ब्लागिंग को लेकर तमाम सम्मान-पुरस्कार भी दिए जा रहे हैं. इनमें से कुछेक प्रतिष्ठित पुरस्कार ब्लागिंग से जुड़े लोगों द्वारा हैं तो कुछेक राजकीय तौर पर या न्यूज चैनलों द्वारा. हिंदी-ब्लागिंग में एक ऐसा भी परिवार सक्रिय है, जिसकी तीन पीढियां ब्लागिंग में सक्रिय हैं. यह सक्रियता मात्र ब्लॉग चलाने तक ही नहीं है, बल्कि ब्लागिंग को लेकर चल रहे विमर्श में शामिल होने, ब्लागिंग को साहित्य के साथ-साथ सरोकारों से जोड़ने, ब्लॉग पर विविध विषयों पर पोस्ट लिखने से लेकर ब्लागिंग से तमाम लोगों को जोड़ने तक शामिल है. पर सबसे बड़ी बात यह है कि इस परिवार को ही अब तक हिंदी ब्लागिंग से जुड़े सबसे ज्यादा सम्मान भी प्राप्त हुए हैं. ये सम्मान ब्लागिंग से जुडी संस्थाओं से लेकर न्यूज-चैनल और भारत सरकार तक प्रदान किये गए हैं. 

इस परिवार में शामिल हैं- कृष्ण कुमार यादव, उनकी पत्नी आकांक्षा यादव और सुपुत्री अक्षिता (पाखी). वे अपने व्यक्तिगत ब्लॉग के साथ-साथ कई ब्लॉगों से भी जुड़े हुए हैं. एक तरफ वे स्थापित साहित्यकार हैं, जिनकी कई पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, वहीँ देश-विदेश की प्राय: अधिकतर प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में विभिन्न विधाओं में उनकी रचनाएँ प्रकशित हो चुकी हैं. उनके ब्लॉगों पर रवीश कुमार से लेकर डा. जाकिर अली रजनीश तक ने कलम चलाई है, वहीँ विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं ने उनके ब्लॉग की पोस्ट को कई बार अपने स्तंभों में प्रकाशित किया है.... फ़िलहाल ये ब्लॉगर दम्पति इसलिए पुनः चर्चा में हैं क्योंकि इनके ब्लॉगों को टॉप हिंदी ब्लॉग्स में शामिल किया गया है। 

 देश-विदेश में इंटरनेट पर हिंदी के व्यापक प्रचार-प्रसार और ब्लागिंग के माध्यम से अपनी रचनाधर्मिता को विस्तृत आयाम देने वाले ब्लॉगर दम्पति राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर  के निदेशक डाक सेवाएं कृष्ण कुमार यादव और उनकी पत्नी आकांक्षा  यादव के ब्लॉग क्रमश: "डाकिया डाक लाया" (http://dakbabu.blogspot.in/) और "शब्द-शिखर" (http://shabdshikhar.blogspot.in/) को  टॉप हिंदी ब्लॉग्स में शामिल किया गया है। वर्ष 2008 से ब्लॉगिंग में सक्रिय एवम  ''दशक के श्रेष्ठ हिंदी ब्लॉगर दम्पति'' और  सार्क देशों के सर्वोच्च ''परिकल्पना ब्लॉगिंग सार्क शिखर सम्मान'' से सम्मानित  दम्पति के दोनों ब्लॉगों को इंडियन टॉप ब्लॉग्स द्वारा 2015-16 के  लिए हाल ही में जारी हिंदी के सर्वश्रेष्ठ 130 ब्लॉगों की डायरेक्टरी में स्थान दिया गया है। वर्तमान में हिंदी में एक लाख से ज्यादा ब्लॉग संचालित हैं।

 डाक निदेशक कृष्ण कुमार यादव और उनकी पत्नी आकांक्षा यादव  नेपाल, भूटान और श्रीलंका सहित तमाम देशों में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर्स सम्मेलन में सम्मानित हो चुके हैं। जर्मनी के बॉन शहर में होने वाले ग्लोबल मीडिया फोरम (2015) के दौरान 'पीपुल्स चॉइस अवॉर्ड' श्रेणी में  आकांक्षा यादव के ब्लॉग 'शब्द-शिखर'  को हिंदी के सबसे लोकप्रिय ब्लॉग के रूप में भी सम्मानित किया जा चुका है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा वर्ष  2012 में इस दम्पति को  ”न्यू मीडिया एवं ब्लाॅगिंग” में उत्कृष्टता के लिए ''अवध सम्मान'' से भी विभूषित किया जा  चुका  है। सौ से ज्यादा देशों में देखे-पढ़े जाने वाले इनके ब्लॉग 'डाकिया डाक लाया' और 'शब्द-शिखर' पर अब तक 738 और 512 पोस्ट प्रकाशित हैं।

ब्लॉगिंग के साथ-साथ कृष्ण कुमार यादव और आकांक्षा यादव साहित्य और लेखन में भी सक्रिय हैं।  विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होने के साथ-साथ,  अब तक श्री यादव की 7 पुस्तकें और नारी सम्बन्धी मुद्दों पर प्रखरता से लिखने वालीं आकांक्षा यादव की 3 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। देश-दुनिया में शताधिक सम्मानों से विभूषित यादव दम्पति एक लंबे समय से ब्लॉग और सोशल  मीडिया के माध्यम से हिंदी साहित्य एवं विविध विधाओं में अपनी रचनाधर्मिता को प्रस्फुटित करते हुये अपनी व्यापक पहचान बना चुके हैं।