गुरुवार, 27 दिसंबर 2012

’मड़ई को अन्तर्राष्ट्रीय मानक


रावत नाच महोत्सव समिति द्वारा लोक संस्कृति पर केन्द्रित पत्रिका ’मड़ई’ का प्रकाशन पिछले पच्चीस वर्षों से किया जा रहा है। हिन्दी जगत के लब्धप्रतिष्ठ विद्वानों एवं लोक संस्कृति मर्मज्ञों के महत्वपूर्ण, चिंतनपरक, गंभीर आलेखों का प्रकाशन इसमें नियमित रूप से होता रहा है। भू-मंडलीकरण के इस उत्तर आधुनिक दौर में जब लोक संस्कृति के लिए साहित्य और समाज में बहुत कम स्पेस रह गया है, मड़ई लोक संस्कृति की नई सैद्धांतिकी की निर्मिति में एक महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह कर रही है। उसके इस विनम्र प्रयास को सर्वत्र प्रशंसा एवं व्यापक समर्थन प्राप्त हुआ है।

’मड़ई’ के महत्व को स्वीकार करते हुए केन्द्रीय हिन्दी संस्थान आगरा एवं संगीत नाटक अकादमी, दिल्ली द्वारा इसे प्रकाशन-अनुदान दिया जाता है। उल्लेखनीय है कि पूरे देश में चर्चित लोक संस्कृति की इस अनूठी पत्रिका का वितरण पूर्णतः निःशुल्क किया जाता है।

मड़ई के संपादक डा0 कालीचरण यादव ने सूचित किया है कि इस पत्रिका को ’निस्केयर’ (नेशनल इंस्टीट्यूट आफ साइंस कम्युनिकेशन एण्ड इन्फार्मेशन रिसोर्सेस), नई दिल्ली द्वारा अंतर्राष्ट्रीय मानक क्र. 2278-8352 प्रदान किया यगा है। उल्लेखनीय है कि आइ.एस.एस.एन. एक अंतर्राष्ट्रीय मानक है। इस प्रकार की अंतर्राष्ट्रीय मानक क्रमांक युक्त पत्रिका में छपे शोध-आलेख की प्रामाणिकता बढ़ जाती है। ’मड़ई’ की यह उपलब्धि निश्चित रूप से लोक संस्कृति के क्षेत्र में कार्यरत शोधार्थियों को उत्साहित करेगी।

रविवार, 2 दिसंबर 2012

समाजवादी पुरोधा राम करन यादव ‘दादा’ नहीं रहे


वयोवृद्व समाजवादी पार्टी के नेता एवं विधान परिषद के पूर्व सदस्य रामकरन यादव 'दादा' का शनिवार को वाराणसी के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। संक्रमण से पीड़ित 90 वर्षीय रामकरन दादा को लगभग दो माह पूर्व यहां भर्ती कराया गया था। रामकरन दादा का शव वाराणसी से उनके पैतृक गांव ईसोपुर स्थित सिघौना बाजार (सैदपुर गाजीपुर) ले जाया गया। कैथी (चौबेपुर, वाराणसी) स्थित मार्कण्डेय महादेव पर गंगा किनारे रामकरन दादा का रविवार दोपहर अंतिम संस्कार किया गया.  मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तथा सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने रामकरन दादा के तीन पुत्रों में सबसे बड़े एमएलसी विजय यादव को फोन कर शोक संवेदना व्यक्त की।
 
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी के वयोवृद्ध नेता रामकरन सिंह यादव ‘‘दादा’’
के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। एक शोक संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘‘दादा’’ ने राज्य में समाजवादी आन्दोलन को जन-जन तक पहुंचाने और उसे मजबूत बनाने में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के साथ लम्बे अरसे तक आम आदमी के हित में कार्य किया। उन्होंने कहा कि ‘‘दादा’’ ने वर्ष 1969 से 1974 और 1980 से 1985 तक दो बार विधानसभा में आम जनता का प्रतिनिधित्व करते हुए लोगों की आवाज सरकार तक पहुंचाने का काम किया था। उन्होंने 1989 से 2001 तक विधान परिषद में भी सदस्य के रूप में अपनी अमिट छाप छोड़ी है और आम लोगों के हित में कार्य करने के कारण उन्हें ‘गाजीपुर के गांधी’ नाम से प्रसिद्धि मिली थी। मुख्यमंत्री ने ‘‘दादा’’ के शिक्षा एवं सामाजिक क्षेत्र में कार्यों को याद करते हुए कहा कि उनके निधन से आम जनता की अपूरणीय क्षति हुई है। मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की शान्ति की कामना करते हुए शोक संतप्त परिजनों के प्रति गहरी सहानुभूति एवं संवेदना व्यक्त की है।
 
रामकरन यादव वास्तव में समाजवादी आंदोलन के मील का पत्थर थे। पूरे प्रदेश में खास कर पूर्वाचल में समाजवादी आंदोलन को जनजन तक पहुंचाने में उनका अविस्मरणीय योगदान रहा है। उनके निधन से समाजवादी आंदोलन के एक अध्याय का अंत हो गया। उनके स्थान की पूर्ति असंभव है। ..'यदुकुल' की तरफ से भाव-भीनी श्रद्धांजलि .
- राम शिव मूर्ति यादव, संयोजक- यदुकुल ब्लॉग (www.yadukul.blogspot.com)