यदुकुल से अभी तक नौ मुख्यमंत्री बन चुके हैं, पर राज्यपाल बनने का मौका सिर्फ़ तीन व्यक्तियों को मिला है. यादव राज्यपालों में गुजरात में महिपाल शास्त्री (2 मई 1990- 21 दिसंबर 1990) एवं हिमाचल प्रदेश व राजस्थान में बलिराम भगत (क्रमशः 11 फरवरी 1993-29 जून 1993 व 20 जून 1993-1 मई 1998) रहे हैं. हाल ही में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रहे 83 वर्षीय रामनरेश यादव को मध्य प्रदेश का राज्यपाल बनाया गया है। यदुकुल से राज्यपाल बनने वाले वह तीसरे व्यक्ति हैं.
आजमगढ़ के गांव आंधीपुर (अम्बारी) में एक साधारण किसान परिवार में 1 जुलाई 1928 को जन्मे रामनरेश यादव एक शिक्षक और एक अधिवक्ता के रूप में सामाजिक रूप से प्रगति करते हुए आगे चलकर एक ईमानदार और मूल्यों की राजनीति करने वाले आम आदमी के मददगार और एक दिग्गज राजनीतिज्ञ कहलाए। पेशे से वकील श्री यादव राजनारायण के विचारों से प्रभावित हो जनता पार्टी से जुड़े। 1977 में आजमगढ़ लोकसभा सीट से जीतकर वे छठवीं लोकसभा के सदस्य बने।इसी दरमियाँ वह 23 जून 1977 को उप्र के मुख्यमंत्री बने और इस पद पर 28 जून 1979 तक रहे। बाद में श्री यादव कांग्रेस पार्टी से जुड़े और संगठन में विभिन्न पदों पर भी रहे। सही मायनों में उनके प्रभावशाली व्यक्तित्व का कोई मुकाबला नही है उत्तर प्रदेश की राजनीति में दिग्गजों के बीच एक दिग्गज राजनीतिज्ञ का खिताब आज भी उनके पास है, बस फर्क इतना है कि आज के कई बड़े कहलाए जा रहे राजनेता माफियाओं, गुंडों और बदमाशों के नेता/सरगना कहे जाते हैं और रामनरेश यादव एक आम आदमी के और मूल्यों आधारित राजनीति के साथ चलने वाले नेता माने जाते हैं। भीड़ एवं सुरक्षा कर्मियों के घेरे में चौबीस घंटे रहने की महत्वकांक्षा उन पर कभी भी भारी नहीं पड़ सकी। जो लोग रामनरेश यादव के सामाजिक और राजनीतिक जीवन से परिचित हैं वे इन लाइनों से जरूर सहमत होंगे। उद्योगपतियों की तरह अरबपति या खरबपति राजनेता बनने की होड़ में शामिल राजनेताओं से यदि रामनरेश यादव की तुलना की जाए तो सभी जानते हैं कि उन्होंने अकूत दौलत को छोड़कर नैतिक मूल्यों को अपनी पूंजी बनाया है वे अन्य नेताओं की तरह धनसंपदा के पीछे नही भागे, यही कारण है कि अपने राजनीतिक जीवन में वे कई बार उपेक्षा के शिकार भी हुए हैं। कहने वाले कहते हैं कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के पास जो कद्दावर नेता हैं या जिन्हें वज़नदार नेता कहा जाता है उनमें रामनरेश यादव का पड़ला काफी भारी है।
रामनरेश यादव का समाजवादी आंदोलन और भारतीय राजनीति में हमेशा विशिष्ट स्थान रहा है। उन्होंने दलितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों और गरीबों के दुख-दर्द को बहुत करीब और गहराई से समझा है, डॉ लोहिया की विचारधारा से प्रेरित होने के नाते उनमें किसी के लिए तनिक भी भेदभाव नहीं दिखाई देता है। काशी हिंदू विश्वविद्यालय वाराणसी से निकले रामनरेश यादव प्रसिद्ध समाजवादी चिंतक एवं विचारक आचार्य नरेंद्र देव के प्रभाव में रहे हैं। पंडित मदनमोहन मालवीय और भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के भारतीय दर्शन से उनका सामाजिक जीवन काफी प्रभावित है।
फ़िलहाल देर से ही सही, राम नरेश यादव जी की योग्यता के मद्देनजर उन्हें मध्य प्रदेश जैसे महत्वपूर्ण राज्य का राज्यपाल बनाया जाना एक सुखद संकेत है . यदुकुल की तरफ से इस उपलब्धि पर हार्दिक बधाइयाँ !!
आजमगढ़ के गांव आंधीपुर (अम्बारी) में एक साधारण किसान परिवार में 1 जुलाई 1928 को जन्मे रामनरेश यादव एक शिक्षक और एक अधिवक्ता के रूप में सामाजिक रूप से प्रगति करते हुए आगे चलकर एक ईमानदार और मूल्यों की राजनीति करने वाले आम आदमी के मददगार और एक दिग्गज राजनीतिज्ञ कहलाए। पेशे से वकील श्री यादव राजनारायण के विचारों से प्रभावित हो जनता पार्टी से जुड़े। 1977 में आजमगढ़ लोकसभा सीट से जीतकर वे छठवीं लोकसभा के सदस्य बने।इसी दरमियाँ वह 23 जून 1977 को उप्र के मुख्यमंत्री बने और इस पद पर 28 जून 1979 तक रहे। बाद में श्री यादव कांग्रेस पार्टी से जुड़े और संगठन में विभिन्न पदों पर भी रहे। सही मायनों में उनके प्रभावशाली व्यक्तित्व का कोई मुकाबला नही है उत्तर प्रदेश की राजनीति में दिग्गजों के बीच एक दिग्गज राजनीतिज्ञ का खिताब आज भी उनके पास है, बस फर्क इतना है कि आज के कई बड़े कहलाए जा रहे राजनेता माफियाओं, गुंडों और बदमाशों के नेता/सरगना कहे जाते हैं और रामनरेश यादव एक आम आदमी के और मूल्यों आधारित राजनीति के साथ चलने वाले नेता माने जाते हैं। भीड़ एवं सुरक्षा कर्मियों के घेरे में चौबीस घंटे रहने की महत्वकांक्षा उन पर कभी भी भारी नहीं पड़ सकी। जो लोग रामनरेश यादव के सामाजिक और राजनीतिक जीवन से परिचित हैं वे इन लाइनों से जरूर सहमत होंगे। उद्योगपतियों की तरह अरबपति या खरबपति राजनेता बनने की होड़ में शामिल राजनेताओं से यदि रामनरेश यादव की तुलना की जाए तो सभी जानते हैं कि उन्होंने अकूत दौलत को छोड़कर नैतिक मूल्यों को अपनी पूंजी बनाया है वे अन्य नेताओं की तरह धनसंपदा के पीछे नही भागे, यही कारण है कि अपने राजनीतिक जीवन में वे कई बार उपेक्षा के शिकार भी हुए हैं। कहने वाले कहते हैं कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के पास जो कद्दावर नेता हैं या जिन्हें वज़नदार नेता कहा जाता है उनमें रामनरेश यादव का पड़ला काफी भारी है।
रामनरेश यादव का समाजवादी आंदोलन और भारतीय राजनीति में हमेशा विशिष्ट स्थान रहा है। उन्होंने दलितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों और गरीबों के दुख-दर्द को बहुत करीब और गहराई से समझा है, डॉ लोहिया की विचारधारा से प्रेरित होने के नाते उनमें किसी के लिए तनिक भी भेदभाव नहीं दिखाई देता है। काशी हिंदू विश्वविद्यालय वाराणसी से निकले रामनरेश यादव प्रसिद्ध समाजवादी चिंतक एवं विचारक आचार्य नरेंद्र देव के प्रभाव में रहे हैं। पंडित मदनमोहन मालवीय और भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के भारतीय दर्शन से उनका सामाजिक जीवन काफी प्रभावित है।
फ़िलहाल देर से ही सही, राम नरेश यादव जी की योग्यता के मद्देनजर उन्हें मध्य प्रदेश जैसे महत्वपूर्ण राज्य का राज्यपाल बनाया जाना एक सुखद संकेत है . यदुकुल की तरफ से इस उपलब्धि पर हार्दिक बधाइयाँ !!
12 टिप्पणियां:
एक ईमानदार नेता के रूप में आजमगढ़ के लोग अपना भविष्य देखते हैं. मेरी तरफ से ढेर सारी सुभकामनाएँ .
Ram Naresh ji deserve that.
राम नरेश यादव जी की योग्यता के मद्देनजर उन्हें मध्य प्रदेश जैसे महत्वपूर्ण राज्य का राज्यपाल बनाया जाना एक सुखद संकेत है . इस उपलब्धि पर हार्दिक बधाइयाँ !!
निश्चय ही राम नरेश जी बेहद ईमादार राजनीतिज्ञ हैं। उनका सम्मान ईमानदारी का सम्मान है,वह इसके सुयोग्य पात्र हैं। उनका राकज्यपाल बनना उन्हें आपके माध्यम से एवं आप सब को बहौत-बहौत मुबारक हो।
Congts...
आज तो गणेश-चतुर्थी है. गणेश भगवान जी तो मुझे बहुत प्रिय हैं. कित्ते सारे मोदक (लड्डू) खा जाते हैं. कोई रोकने-टोकने वाला भी नहीं. और हम बच्चे अगर ज्यादा मिठाई खाने लगें तो दांत से लेकर पेट तक ख़राब होने की बात. ...गणेश चतुर्थी पर सभी को बधाई !!
राम नरेश जी के बारे में इतनी सुन्दर जानकारी के लिए शुक्रिया..
आजमगढ़ के लिए गौरव की बात है..बधाई.
यदुकुल का गौरवशाली इतिहास जानकार बहुत अच्छा लगा। राम नरेश जी जैसे इमानदार व्यक्तित्व ही इस पद के असली हक़दार हैं। बधाई।
Ram Naresh ji iske hakdar bhi hain..Badhai.
bahu bahut badhai ho....
राम नरेश जी जैसे इमानदार व्यक्तित्व ही इस पद के असली हक़दार हैं| सुभकामनाएँ|
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