मंगलवार, 14 जनवरी 2014

अरुण यादव बने मध्यप्रदेश कांग्रेस के नए अध्यक्ष

पूर्व केंद्रीय मंत्री व खंडवा से सांसद अरुण यादव मध्यप्रदेश कांग्रेस के नए अध्यक्ष नियुक्त हुए हैं। कांग्रेस हाईकमान के निर्णय के बाद पार्टी महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने इसकी जानकारी दी।

चार राज्यों में विधानसभा चुनावों में करारी हार के बाद संगठनात्मक फेरबदल की कसरत जारी है। युवाओं के भरोसे आम चुनाव की नैया पार लगाने की मंशा से सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री और मौजूदा राष्ट्रीय सचिव अरुण यादव को मध्य प्रदेश कांग्रेस का नया अध्यक्ष मनोनीत किया। वह कांतिलाल भूरिया की जगह लेंगे। अरुण यादव पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व मंत्री सुभाष यादव के पुत्र हैं। 

कांग्रेस ने चला ओबीसी कार्ड

कांग्रेस हाईकमान ने प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए सांसद अरुण यादव पर भरोसा जताकर एक तरफ तो ओबीसी कार्ड चला है, दूसरी ओर पार्टी कार्यकर्ताओं को यह संदेश देने की कोशिश भी की है कि प्रदेश के क्षत्रपों की अब ज्यादा नहीं चलेगी। प्रदेश में पिछड़े वर्ग की संख्या 50' से भी अधिक है।

भाजपा ने दस साल के शासन में तीन मुख्यमंत्री उमा भारती, बाबूलाल गौर और शिवराज सिंह चौहान दिए जो ओबीसी से आते हैं। यादव के बहाने कांग्रेस इसी वोट बैंक में जनाधार बढ़ाने का प्रयास करेगी। करीबियों की मानें तो प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद यादव लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगे और संगठन की मजबूती के लिए काम करेंगे।

माना जा रहा है कि इस पद के लिए कांग्रेस आलाकमान को किसी निर्विवाद चेहरे की तलाश थी। अरुण के रूप में कांग्रेस को युवा के साथ यह चेहरा भी मिल गया। यादव जल्द ही निवृतमान पीसीसी चीफ कांतिलाल भूरिया का स्थान लेंगे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि विधानसभा चुनाव में हार के बाद भूरिया ने हाईकमान को इस्तीफा भेज दिया था। इस्तीफा स्वीकार करने की बजाए हाईकमान ने भूरिया को कहा कि वे पद पर बने रहें।

इसके बाद पार्टी केंद्रीय राज्यमंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को यह जिम्मेदारी देने का मन बना रही थी। कमलनाथ समर्थक पूर्व मंत्री बाला बच्चन के नाम पर भी विचार किया गया था। बहरहाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष पद पर सत्यदेव कटारे की नियुक्ति और अब यादव को बड़ी जिम्मेदारी देकर पार्टी ने नए नेतृत्व को आगे करने का प्रयास किया है।


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