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डा. यादव ने ऐसा रासायनिक मिश्रण तैयार किया है, जो ’रसेल वाइपर’ के जहर को बेअसर करने में कारगर साबित हुआ है। इसे परीक्षण के लिए सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीडीआरई) लखनऊ भेजा गया है। यदि सीडीआरई की लैब में यह रासायनिक मिश्रण खरा उतरा तो जहर को बेअसर करने की दवा सस्ती हो सकती है। साथ ही सांप के डंसने से होने वाली मौत पर नियंत्रण में भी मदद मिलेगी।
डा. यादव बताते हैं कि सांप के डंसने के बाद मिचली, उल्टी और घबराहट होने लगती है। साथ ही ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है, डंसने के स्थान पर सूजन आ जाती है और खून के थक्का बनने की प्रक्रिया थम जाती है। हार्ट फेल होने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे लक्षण विष के एंजाइम ’फास्को लिपेस ए-2’ के चलते सामने आते हैं। उन्होंने बताया कि दो वर्षों के दौरान प्रयोगों से पता चला है कि ’पायराजोलो (3, 4-डी) पिरीमिडीन’ नाम रसायन सर्प दंश से होने वाली जलन को कम करने और खून का थक्का बनाने में कारगर है। डा. यादव ने बताया कि दो पायरोजोलो 3, 4-डी पिरीमिडीन को ट्राई मेथिलीन लिंकर से मिलाया गया तो पता चला कि यह मिश्रण साँप के जहर को फैलने से रोक देता है। बायोफिजिक्स के वैज्ञानिक ने बताया कि ’रसेल वाइपर’ के बाद अब गेहुंअन और करैत पर भी यह मिश्रण प्रयोग चला रहा है। गौरतलब है कि अब तक सांप के विष को बेअसर करने की दवा नहीं बनी है।
- राम शिव मूर्ति यादव (Ram Shiv Murti Yadav) : यदुकुल
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