राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से 18 अक्टूबर, 2017 को घोषित परीक्षा परिणाम में सचिन पुत्र उमराव सिंह यादव निवासी अहीरों की ढाणी खादी बाग, पहली बार में ही आरएएस परीक्षा 2016 में सफलता हासिल करते हुए राजस्थान में दूसरा स्थान प्राप्त कर माता- पिता क्षेत्र का नाम रोशन किया। सचिन बीटेक के बाद आरएएस तैयारी में जुटे थे। इससे पहले इनका मार्च 2017 में असिस्टेंट कमांडेंट की पोस्ट पर भी चयन हो चुका है। अपनी सफलता का श्रेय सचिन यादव ने माता कमला देवी पिता उमराव सिंह को दिया। सचिन के पिता चितौड़गढ़ में सेल्स टैक्स डिपार्टमेंट में असिस्टेंट अकाउंट ऑफिसर के पद पर कार्यरत हैं।
संकल्प में वह ताकत है कि पत्थर भी पिघलकर मोम बन जाता है। कुछ इसी तरह की कहानी है कोटपूतली कस्बे के आदर्श नगर निवासी निशा यादव की। जिन्होंने दूसरी बार में आरएएस की परीक्षा में 255वीं रैंक प्राप्त की है। निशा ने बताया कि उसने शहर के इमानुएल स्कूल से 10वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की। इसके बाद सीनियर सेकंडरी स्कूल हंस इंटरनेशनल स्कूल से प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण की। जयपुर के पूर्णिका कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से आईटी में बीटेक कर द्वितीय प्रयास में आरएएस बनने का गौरव हासिल किया। उसने अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता गिरदावर रामनिवास यादव माता कौशल्या देवी, भाई अचीस संदीप को देते हुए बताया कि इन्ही के आशीर्वाद से द्वितीय बार में आरएएस की परीक्षा पास की। इस उपलब्धि पर परिवार में खुशी का माहौल है।
12वीं कक्षा में दो बार फेल, फिर भी नहीं हारी हिम्मत
आरएएस परीक्षा में चयनित शैतानसिंह यादव ने बताया कि वर्ष 2001 में माध्यमिक परीक्षा रायथल के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय से उत्तीर्ण करने कर बारहवीं में दो बार फेल होने के बाद अगस्त 2004 में सेना में सिपाही के पद पर नियुक्त हुआ तथा सेवा दौरान ही स्वयंपाठी के रूप में 12वीं तथा स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद मई 2012 में सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृति लेकर दिसम्बर 2014 में वरिष्ठ अध्यापक पद पर भीलवाड़ा में नियुक्त हुआ और दूसरे प्रयास में आरएएस 2016 में 318वीं रैंक के साथ चयन हुआ।
'यदुकुल' की तरफ से सभी चयनित छात्र-छात्रों को बधाई और उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनायें !!