सोमवार, 4 जुलाई 2011

एक सन्देश बाबा रामदेव के लिए


भ्रष्टाचार करना कुछ व्यक्तियों का, जातियों का, वर्गों, धर्मों, दलों का जन्मना हक़ है, बाबा तेरी सामत आयी थी क्या ? जो नज़र उठाकर उनको देखने की कोशिश की. वैसे तो यह कहते हैं कि जाति न पूछो साधू की, पर बाबा तू ठहरे 'यादव' जाति के इसलिए इन्होने जो किया है, बाबा वक्त तो ठीक है पर जो आपके साथ हैं वह 'आनंद' लेने इलाज कराने और आपके नाम पर दुकान चलाने वाले हैं , संघर्षों में इनका रूप आपकी समझ में आ गया होगा. आपके असली वफादार इंतजार में हैं, पहले अपने आस पास के भ्रष्टाचारियों से निजात पाईये.

फेसबुक पर डा. लाल रत्नाकर

5 टिप्‍पणियां:

Gyan Darpan ने कहा…

बात तो आपकी एकदम खरी है जी |

निर्मला कपिला ने कहा…

ागर भ्रष्टाचारिओं से बाबा निज़्ज़्त पा गये तो बाबा कहाँ रहेंगे/ उनके सिर पर ही तो बाबा का धन्धा चल रहा है क्या इमानदारी से वो करोडपति बन पाते?

KK Yadav ने कहा…

काश बाबा सचेत हो पाते...!!

R R RAKESH ने कहा…

BABA KA ANDOLAN KO MIL RAHE APAR JANSAMARTHAN KO DEKHKAR KUCH KUTIL LOGO KO BARDASHT NAHI HUA.KUTIL LOGO KO LAGA AGAR AANDOLAN SAPHAL HOTA HAI TO BABA DESHA KE NAYAK HO JAYENGE JO SAMANYA WARG ME AANE WALI KUCH LOGO KO MANJUR NAHI THA.YAHI AGAR BABA AGRE JAATI KE HOTE TO SARKAR 100 BAAR SOCH KAR PHI DAMANKARI NITI NAHI CHALATI SIR.

Bhanwar Singh ने कहा…

बाबा भी धीरे-धीरे सब राजनीती समझ रहे हैं...