हीरालाल यादव का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है. इन पर हमने 'यदुकुल' पर पूर्व में भी जानकारी दी थी.बगैर सीट वाली साइकिल से 54 वर्षीय हीरालाल यादव पिछले एक दशक में देश और दुनिया में 65,000 किमी की दूरी नाम चुके हैं, कभी वे किसी युद्धबंदी के परिजनों के पास बैठकर खत लिख रहे होते हैं तो कभी शहीद के परिजन से दुःख बांटते हैं, अन्य दिनों में वे युद्धबंदियों की रिहाई पर केंद्रित अपनी प्रदर्शनी में व्यस्त होते हैं या फिर सभागार में अभागे फौजियों और उनके परिजनों पर लिखी कविताएं सुना रहे होते हैं। गोरखपुर जिले के, पेशे से बीमा एजेण्ट हीरालाल यादव का यह जुनून 1997 में आजादी की स्वर्ण जयंती से शुरू हुआ. वे साइकिल से सद्भावना यात्रा पर निकल पड़े. 1999 में उन्होने कारगिल सलाम सैनिक यात्रा की. इसके बाद तो यह सिलसिला उनके जीवन का हिस्सा ही बन गया। हाल ही में 26-11 की आतंकी घटना में शहीद एन.एस. जी. कमांडो संदीप उन्नीकृष्णन के पिताजी के साथ इण्डिया गेट से गेट-वे-इण्डिया तक की सायकिल यात्रा करके हीरालाल यादव पुन: चर्चा में रहे !!
सफलता का गुरः कोई काम नामुमकिन नही है.
सबसे बड़ी बाधाः जब लोग इस अभियान के ’फायदे’ पर बहस करते हैं.
सबसे बड़ी ताकतः फल की दुकान चलाने वाली उनकी पत्नी शकुन्तला, जो अक्सर दौरे पर रहती है.
जिंदगी का सबसे अहम क्षणः 30 जुलाई 99 का दिन जब कारगिल में सैनिकों ने उनकी अगवानी की और उन्हें सगे भाई से ज्यादा सगा कहा.
हीरालाल यादव पर लखनऊ से प्रकाशित मासिक पत्रिका 'दस्तक टाइम्स' (मई, 2011) की एक रिपोर्ताज की कापी यहाँ सुधि-पाठकों हेतु संलग्न है. इस पर चटका लगाकर इसे बड़ा करके पढ़ा जा सकता है
15 टिप्पणियां:
राम शिव मूर्ती जी, हीरालाल यादव जैसे देश भक्तों से परिचय कराने के लिए धन्यवाद. लेकिन यह बिना सीट वाली साइकल क्या होती है, यह समझ नहीं आया! :)
हीरा लाल यादव जी अ कार्य प्रन्श्नीय एवं सराहनीय है.
हीरालाल जी का यह कदम तो स्तुत्य है...सलाम ऐसे जाबांज को.
हीरालाल जी का यह कदम तो स्तुत्य है...सलाम ऐसे जाबांज को.
मेरे ब्लॉग पर आकर प्रोत्साहित करने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया!
हीरालाल जी जैसे महान देशभक्त से रूबरू करवाने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद! उनका ये कदम बहुत ही बढ़िया और सराहनीय रहा !
ऐसे लोगों के बारे में पढ़कर-सुनकर एक अलग तरह की ऊर्जा मिलती है।
सलाम ऐसे जाबांज को. ...
राम शिव मूर्ती जी आभार .हीरा लाल जी को सलाम .उनके हौसले को सलाम .
हीरा लाल जी को मेरा सादर प्रणाम
इनके जज्बे को भी प्रणाम,
ये कितने मेहनती है, एक हम है, तेल जलाते रहते है,
हीरालाल यादव जी जैसे लोग भारत को जोड़ने में मदद कर सकते हैं और देश में सद्भावना का वातावरण बना सकते हैं।
हीरा लाल जी को शत-शत नमन.
हीरा लाल जी के जज्बे को नमन......
हमारा भी सलाम पहुंचे1
---------
बाबूजी, न लो इतने मज़े...
चलते-चलते बात कहे वह खरी-खरी।
हीरा लाल यादव के जज़्बे और जुनून को सलाम.
Yah jajba bana rahe...
एक टिप्पणी भेजें