वयोवृद्व समाजवादी पार्टी के नेता एवं विधान परिषद के पूर्व सदस्य रामकरन यादव 'दादा' का शनिवार को वाराणसी के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। संक्रमण से पीड़ित 90 वर्षीय रामकरन दादा को लगभग दो माह पूर्व यहां भर्ती कराया गया था। रामकरन दादा का शव वाराणसी से उनके पैतृक गांव ईसोपुर स्थित सिघौना बाजार (सैदपुर गाजीपुर) ले जाया गया। कैथी (चौबेपुर, वाराणसी) स्थित मार्कण्डेय महादेव पर गंगा किनारे रामकरन दादा का रविवार दोपहर अंतिम संस्कार किया गया. मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तथा सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने रामकरन दादा के तीन पुत्रों में सबसे बड़े एमएलसी विजय यादव को फोन कर शोक संवेदना व्यक्त की।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी के वयोवृद्ध नेता रामकरन सिंह यादव ‘‘दादा’’
के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया है। एक शोक संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘‘दादा’’ ने राज्य में समाजवादी आन्दोलन को जन-जन तक पहुंचाने और उसे मजबूत बनाने में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के साथ लम्बे अरसे तक आम आदमी के हित में कार्य किया। उन्होंने कहा कि ‘‘दादा’’ ने वर्ष 1969 से 1974 और 1980 से 1985 तक दो बार विधानसभा में आम जनता का प्रतिनिधित्व करते हुए लोगों की आवाज सरकार तक पहुंचाने का काम किया था। उन्होंने 1989 से 2001 तक विधान परिषद में भी सदस्य के रूप में अपनी अमिट छाप छोड़ी है और आम लोगों के हित में कार्य करने के कारण उन्हें ‘गाजीपुर के गांधी’ नाम से प्रसिद्धि मिली थी। मुख्यमंत्री ने ‘‘दादा’’ के शिक्षा एवं सामाजिक क्षेत्र में कार्यों को याद करते हुए कहा कि उनके निधन से आम जनता की अपूरणीय क्षति हुई है। मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की शान्ति की कामना करते हुए शोक संतप्त परिजनों के प्रति गहरी सहानुभूति एवं संवेदना व्यक्त की है।
रामकरन यादव वास्तव में समाजवादी आंदोलन के मील का पत्थर थे। पूरे प्रदेश में खास कर पूर्वाचल में समाजवादी आंदोलन को जनजन तक पहुंचाने में उनका अविस्मरणीय योगदान रहा है। उनके निधन से समाजवादी आंदोलन के एक अध्याय का अंत हो गया। उनके स्थान की पूर्ति असंभव है। ..'यदुकुल' की तरफ से भाव-भीनी श्रद्धांजलि .
- राम शिव मूर्ति यादव, संयोजक- यदुकुल ब्लॉग (www.yadukul.blogspot.com)
- राम शिव मूर्ति यादव, संयोजक- यदुकुल ब्लॉग (www.yadukul.blogspot.com)
3 टिप्पणियां:
बेहद दुखद। श्रद्धांजलि
बेहद दुखद।
यादव जी नमस्कार !
यह दुखद है और एक और बात दु;सही है की हम उन्बातों का उल्लेख करने बचाते हैं जो किसी भी बात को और प्रमाणिक बनाती हैं.
दादा का यह चित्र दादा के ब्लॉग से लिया गया है परन्तु फोटो किसने ली है इसका जिक्र न किया जाना मर्यादाओं के अनुरूप नहीं है, चंद्रजीत जी का सुप्रीम कोर्ट वाला चित्र भी मेरा लिया हुआ है .
अतः मेरा हक़ बनता है की मैं इसका उलाहना आपको दूँ.
सादर
आपका अपना
कोटीसः धन्यवाद सहित कौम के तमाम लोगों को इस तल पर लाने के लिए.
डॉ.लाल रत्नाकर यादव
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