सायकिल चलाना हम सभी को अच्छा लगता है। पर बिना सीट की साईकिल चलाना मुश्किल ही
नहीं असंभव लगता है। पर इसे सच कर दिखाया है हीरा लाल यादव जी ने। एक दिन में तो कई
बार वह 100 किलोमीटर तक साईकिल चलते हैं।
(नन्हीं ब्लागर अक्षिता ने बेटी बचाओ अभियान के लिए दी हीरा लाल यादव जी को पाँच हजार रूपये की भेंट)
उद्देश्य है-लोगों को जागरूक करना। इस बार उन्होंने अपनी यात्रा आरंभ की अरुणांचल
प्रदेश से अमृतसर तक। इलाहबाद पहुंचे तो हमारे घर भी मिलने आए। इससे पहले वह अंडमान
में भी हमसे मिल चुके हैं।
सर्वधर्म सद्भावना यात्रा के तहत बेटी बचाओ, वन
बचाओ, भाईचारा बचाओ का सन्देश लेकर अमृतसर तक बिना सीट की साईकिल से यात्रा कर रहे
हीरालाल यादव अंकल जी के जज्बे को मैं सलाम करती हूँ। उनके इस अभियान के लिए मैंने 'राष्ट्रीय बाल पुरस्कार' के तहत
प्राप्त राशि में से पाँच हजार रूपये भी भेंट किये।
साभार : पाखी की दुनिया
5 टिप्पणियां:
Bahut sundar karya
Aaj ke yug me log bahut hi swarthi hote jaa rahe hai phir bhi akshita ne jo kar diykhaya hai us karya ko yadukul blog me jagah milna hi chahiye tha main us blog ko dhanyawad deta hun. Akshita aap ache karya karte hao aur yadukul blog un sabhi badhiya karya ko prakashit karta rahe.
शाबास पाखी, आप तो लोगों के लिए प्रेरणा बन रही हो। नेक पहल के लिए मुबारकवाद।
THanks Dada Ji for sharing it here.Regards.
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