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अपनी अगली फिल्म 'शाहिद' में वे सच्चाई का साथ देने वाले वकील शाहिद आजमी की भूमिका निभा रहे हैं। यह सच्ची घटना पर आधारित फिल्म है। सच की राह पर चलने से उस वकील को काफी परेशानियां झेलनी पड़ती हैं। पुलिस उसे खूब टार्चर करती है। वैसे ही एक टार्चर सीन के दौरान राजकुमार यादव को एक न्यूड शॉट देना पड़ा। वे कहते हैं, 'मुझे कोई शर्म नहीं आई। मैं उस वक्त सिर्फ उस वकील के दर्द को महसूस कर रहा था। मुझे इस बात की भी परवाह नहीं थी कि किस हद तक मुझे न्यूड दिखाया जाएगा। मैं जानना-समझना चाहता था कि पुलिस किस तरह टार्चर करती है? एक आरोपी को किस सीमा तक की बेइज्जती झेलनी पड़ती है? फिल्म के निर्देशक वह शॉट सिर्फ कैमरामैन के साथ लेना चाहते थे, लेकिन मैंने तकनीशियन समेत सबको सेट पर बुला लिया।
मैं महसूस करना चाहता था कि सब के सामने किसी को निर्वस्त्र करने पर उसके भीतर क्या चल सकता है? यह जरूरी है कि पुलिस के अमानवीय ट्रायल को पर्दे पर जरूर दिखाया जाए ताकि लोगों को मालूम हो कि जेल की चारदीवारी के भीतर क्या-क्या होता है ?
Ram Shiv Murti Yadav @ www.yadukul.blogspot.com/
1 टिप्पणी:
होली मुबारक
अभी 'प्रहलाद' नहीं हुआ है अर्थात प्रजा का आह्लाद नहीं हुआ है.आह्लाद -खुशी -प्रसन्नता जनता को नसीब नहीं है.करों के भार से ,अपहरण -बलात्कार से,चोरी-डकैती ,लूट-मार से,जनता त्राही-त्राही कर रही है.आज फिर आवश्यकता है -'वराह अवतार' की .वराह=वर+अह =वर यानि अच्छा और अह यानी दिन .इस प्रकार वराह अवतार का मतलब है अच्छा दिन -समय आना.जब जनता जागरूक हो जाती है तो अच्छा समय (दिन) आता है और तभी 'प्रहलाद' का जन्म होता है अर्थात प्रजा का आह्लाद होता है =प्रजा की खुशी होती है.ऐसा होने पर ही हिरण्याक्ष तथा हिरण्य कश्यप का अंत हो जाता है अर्थात शोषण और उत्पीडन समाप्त हो जाता है.
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