बुधवार, 25 मई 2016

डाक निदेशक कृष्ण कुमार यादव गिरिराज सम्मान से हुए सम्मानित


प्रशासन के साथ-साथ हिंदी साहित्य और लेखन के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय सेवाओं के लिए राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर के निदेशक डाक सेवाएँ  श्री कृष्ण कुमार यादव को गगन स्वर प्रकाशन द्वारा " गिरिराज सम्मान -2016" से  सम्मानित किया गया। श्री यादव को यह सम्मान उनके रफी अहमद किदवई नेशनल पोस्टल एकेडमी, गाजियाबाद में प्रवास के दौरान गगन स्वर के सम्पादक ए. के मिश्र  ने शाल ओढ़ाकर, नारियल फल देकर  एवं प्रशस्ति पत्र देकर अभिनन्दन के साथ किया।  गौरतलब है कि श्री यादव को यह सम्मान गत माह हिंदी भवन, नई दिल्ली में आयोजित अखिल भारतीय साहित्यकार समारोह में पद्मभूषण डॉ. गोपाल दास नीरज द्वारा पद्मश्री डॉ. अशोक चक्रधर और वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. कुँवर बेचैन की सादर उपस्थिति में प्रदान किया जाना था।  पर अपनी व्यस्तताओं के चलते कार्यक्रम  शामिल न हो पाने पर डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव को यह सम्मान गाजियाबाद में उनके प्रवास के दौरान दिया गया। 

कार्यक्रम के संयोजक ए. के मिश्र  ने कहा कि, श्री कृष्ण कुमार यादव भारतीय डाक सेवा  के अत्यन्त ऊर्जस्वी और गतिमान युवा अधिकारी हैं। उच्च कोटि के चिंतक, लेखक एवं ब्लॉगर होने के साथ-साथ आपके व्यक्तित्व एवं कृतित्व की साम्यता अद्भुत एवं विलक्षण है। आपने विभिन्न विषयों पर कुल 7 पुस्तकें लिखी हैं, जिनमें   'अभिलाषा' (काव्य-संग्रह) 'अभिव्यक्तियों के बहाने' व 'अनुभूतियाँ और विमर्श' (निबंध-संग्रह), India Post : 150 glorious years , 'क्रांति-यज्ञ : 1857-1947 की गाथा' , ’जंगल में क्रिकेट’ (बाल-गीत संग्रह) एवं ’16 आने 16 लोग’(निबंध-संग्रह) शामिल हैं। श्री यादव के व्यक्तित्व-कृतित्व पर भी एक पुस्तक ‘‘बढ़ते चरण शिखर की ओर" (सं0 डाॅ0 दुर्गाचरण मिश्र) प्रकाशित हो चुकी  है। 

देश-विदेश से प्रकाशित तमाम पत्र पत्रिकाओं एवं इंटरनेट पर भी प्रमुखता से प्रकाशित होने वाले श्री कृष्ण कुमार यादव को इससे पूर्व उ.प्र. के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव द्वारा ’’अवध सम्मान’’, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल श्री केशरी नाथ त्रिपाठी द्वारा ’’साहित्य सम्मान’’, छत्तीसगढ़ के राज्यपाल श्री शेखर दत्त द्वारा ”विज्ञान परिषद शताब्दी सम्मान”,  साहित्य मंडल, श्रीनाथद्वारा, राजस्थान द्वारा ”हिंदी भाषा भूषण”, परिकल्पना समूह द्वारा ’’दशक के श्रेष्ठ हिन्दी ब्लाॅगर दम्पति’’ सम्मान, विक्रमशिला हिन्दी विद्यापीठ, भागलपुर, बिहार द्वारा डाॅक्टरेट (विद्यावाचस्पति) की मानद उपाधि, भारतीय दलित साहित्य अकादमी द्वारा ‘’डाॅ0 अम्बेडकर फेलोशिप राष्ट्रीय सम्मान‘‘, वैदिक क्रांति परिषद, देहरादून द्वारा ‘’श्रीमती सरस्वती सिंहजी सम्मान‘’, भारतीय बाल कल्याण संस्थान द्वारा ‘‘प्यारे मोहन स्मृति सम्मान‘‘, ग्वालियर साहित्य एवं कला परिषद द्वारा ”महाप्राण सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला‘ सम्मान”, राष्ट्रीय राजभाषा पीठ इलाहाबाद द्वारा ‘‘भारती रत्न‘‘, अखिल भारतीय साहित्यकार अभिनन्दन समिति मथुरा द्वारा ‘‘महाकवि शेक्सपियर अन्तर्राष्ट्रीय सम्मान‘‘, भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ द्वारा ’’पं0 बाल कृष्ण पाण्डेय पत्रकारिता सम्मान’’, सहित विभिन्न प्रतिष्ठित सामाजिक-साहित्यिक संस्थाओं द्वारा विशिष्ट कृतित्व, रचनाधर्मिता और प्रशासन के साथ-साथ सतत् साहित्य सृजनशीलता हेतु तमाम सम्मान और मानद उपाधियाँ प्राप्त हो चुकी हैं।  

मंगलवार, 24 मई 2016

नरसिंह यादव का रियो ओलिंपिक में पदक का दावा पुख्ता

नरसिंह यादव। यह नाम आजकल बहुत चर्चा में है। नरसिह ने 2015 में वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में ओलिंपिक क्वॉलिफाइंग स्पॉट जीता। लेकिन दो बार के ओलिंपिक पदक विजेता सुशील कुमार चाहते हैं कि 74 किलोग्राम भारवर्ग में ट्रायल हो और उसका विजेता रियो जाए। गौरतलब है कि नरसिंह यादव ने फिनलैंड की राजधानी हेलसिंकी में चल रहे चौथे और अंतिम ओलिम्पिक क्वालीफाइंग कुश्ती टूर्नामेंट में 74 किग्रा. वर्ग में स्वर्ण पदक के साथ ओलिम्पिक टिकट हासिल कर लिया। 

नरसिंह पंचम यादव एक किसान परिवार से आते हैं। उनका जन्म 6 अगस्त 1989 को हुआ। वह सुशील कुमार से छह साल छोटे हैं। नरसिंह यादव ने 13 साल की उम्र में अपने भाई विनोद, जो खुद एक पहलवान हैं, के साथ रेसलिंग शुरू की थी। नरसिंह ने मुंबई के जोगेश्वरी इलाके में कुश्ती का ककहरा सीखा। 2010 कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक जीतने के बाद पहली बार नरसिंह को कुश्ती में राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली। उस समय भी वह 74 किलोग्राम भारवर्ग में ही हिस्सा लेते थे। 

रियो ओलिंपिक में 74 किलोग्राम भार वर्ग में अलग-अलग देशों के 19 पहलवान शामिल होंगे, इनमें कुछ पदक के प्रबल दावेदार हैं। इनमें से सात पहलवानों को भारत के नरसिंह पंचम यादव हरा चुके हैं। नरसिंह की यह उपलब्धि रियो में पदक के उनके दावे को पुख्ता करती है। भारतीय कुश्ती संघ के प्रधान बृजभूषण शरण सिंह भी नरसिंह को पदक का दावा मजबूत मान रहे हैं। उनका कहना है कि नरसिंह का प्रदर्शन लगातार बेहतर रहा है और उम्मीद है कि वह इसे बनाए रखेंगे। 

रियो ओलिंपिक जाने वाले जिन विदेशी पहलवानों को नरसिंह हरा चुके हैं, उनमें उन देशों के पहलवान भी शामिल हैं, जिनका विश्व कुश्ती में रुतबा है। यानी विश्व चैंपियनशिप से लेकर ओलिंपिक तक जिन देशों के पहलवान पदक जीतने में माहिर हैं। इनमें जॉर्जिया के जकोब कमर शबिलि यूरोपियन गेम्स के पदक विजेता हैं। फ्रांस के जेलिमखन खदजिव जूनियर विश्व चैंपियनशिप में पदक जीत चुके हैं और क्यूबा के लिओन लोपेज लंदन 2012 में कांस्य पदक व तीन बार विश्व चैंपियनशिप में पदक जीत चुके हैं। मंगोलिया के पहलवान उनुर्बत पुरेवजब विश्व चैंपियनशिप में दो बार के पदक विजेता हैं। तुर्की के सोनेर देमिरतस यूरोपियन गेम्स और जूनियर चैंपियनशिप में पदक जीत चुके हैं। अजरबैजान के जाब्रायिल हसनोव दो बार विश्व चैंपियनशिप में पदक, पांच बार यूरोप चैंपियनशिप व विश्व कप में पदक जीत चुके हैं। बुल्गारिया के जिओर्गी इवानोव ने विश्व क्वालीफायर राउंड में शानदार प्रदर्शन कर रियो का टिकट पक्का किया है। इन सब को अलग-अलग जगहों पर हुए मुकाबलों में नरसिंह हरा चुके हैं। इन्हीं पहलवानों से रियो ओलिंपिक में नरसिंह का मुकाबला होना है।

74 किलोग्राम वर्ग में रियो ओलंपिक में जाने को लेकर सुशील कुमार ने अब कोर्ट का रुख किया है। 32 साल के सुशील कुमार ने नरसिंह यादव के साथ ट्रायल कराने को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में जाने का फैसला किया है। इससे पहले खेल मंत्रालय ने पहले ही साफ कर दिया है कि 74 किलोग्राम वर्ग में देश का प्रतिनिधित्व कौन करेगा, इस बात का फैसला फेडरेशन को लेना है। इससे पहले सिर्फ एक बार ही ट्रायल हुआ है। 1996 अटलांटा ओलंपिक से पहले पप्पू यादव और काका पवार के बीच ट्रायल हुआ था। जिसमें काका पवार ने बाजी मारी थी औऱ उन्होंने अटलांटा ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया था।
Ram Shiv Murti Yadav @ http://yadukul.blogspot.in/

मध्य प्रदेश बोर्ड की हाई स्कूल परीक्षा में दिव्या यादव ने किया टॉप

माध्यमिक शिक्षा मंडल, मध्य प्रदेश द्वारा 16 मई, 2016 को घोषित कक्षा 10वीं के परीक्षा परिणाम में गांव के किसान की बेटी दिव्या यादव ने 589 अंक पाकर प्रदेश की मैरिट सूची में पहला स्थान प्राप्त किया है। दिव्या यादव जबलपुर जिले की पाटन तहसील के तान्या कांवेंट स्कूल की छात्रा है। पाटन से पांच किमी दूर थाने गांव के किसान अरुण यादव की बेटी दिव्या ने संस्कृत विषय में 100 में से 100 अंक, गणित और विज्ञान में 99-99 अंक प्राप्त किए हैं। 
दिव्या यादव ने बताया कि उन्होंने एमपी टॉप रहने का टारगेट बनाकर पढ़ाई की थी। इसके लिए सुबह शाम मेहनत की । वह आगे चलकर कलेक्टर बनना चाहती हैं। दिव्या ने कोई कोचिंग नहीं की बल्कि अपना मुकाम घर में पढ़ाई करके प्राप्त किया है। इसमें उनके स्कूल टीचर और माता-पिता का सहयोग रहता था। दिव्या का कहना है कि सभी छात्र अपना टारगेट तय कर यदि पढ़ाई करें तो निश्चित ही सफलता मिलती है। दिव्या की इस सफलता से उसके माता-पिता और शिक्षक काफी खुश हैं।

Girl student from rural area, Divya Yadav outshined in the state merit list of class X examination, 2016, by securing 589 marks out of 600. Madhya Pradesh Board of Secondary Education (MPBSE), declared the result of High School, 2016, on Monday.

Divya Yadav, student of Tanya Convent Higher Secondary School, Patan, brought laurel to the name of State, district and school by securing first position with 98.16 percent in Madhya Pradesh state merit list in the Class X, Madhya Pradesh Board of Secondary Education, 2016.

On this achievement, Divya Yadav said “This is the biggest moment for me and for my parents and school too. All this possible with the support of my parents and school teachers who were always present for me, always providing their guidance whenever I needed. My father is a farmer and mother is housewife.

I always wanted that my parents should feel proud of me and today, I have fulfilled their dreams. I always gave 6 to 7 hours for the studies, and I had never taken any kind of coaching. My teachers were always there for me, for clearing my doubts. I thank all my teachers and Principal. I have secured 100 marks in Sanskrit, 99 in Mathematics and Science. I want to take Maths Science group and after XII, I want to serve the nation and I will have to work hard for preparation of IAS examination.
Ram Shiv Murti Yadav @ http://yadukul.blogspot.in/
राम शिव मूर्ति यादव @ यदुकुल