भारतीय राजनीति ने फिर अपना एक गौरव पुत्र खो दिया है. । देश रत्न श्री बलिराम भगत पर भारत को गर्व था । देश रत्न श्री बलिराम भगत एक मेधावी छात्र , स्वतंत्रा सेनानी, पत्रकार , लेखक, राज्यपाल, विदेश मंत्री, लोकसभा अध्यक्ष, आदि आदि थे ।
बिहार के समस्तीपुर के मूल निवासी देश रत्न श्री बलिराम भगत का जन्म ०७-१०-१९२२ को हुआ । पटना कॉलेज से स्नातक और पटना विश्वविध्यालय से ही अर्थशास्त्र में परास्नातक किया। उस वक्त परास्नातक करना बहुत बड़ी बात थी। १९३९ में मात्र १७ वर्ष के नाबालिग उम्र में स्वतंत्रा संग्राम की लड़ाई लड़ने भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस में शामिल हो गए । १९४२ में भारत छोडो आन्दोलन में शामिल होने कॉलेज त्याग दिया। जबकि श्री भगत पटना विश्वविध्यालय के मेधावी छात्र थे। देश रत्न श्री बलिराम भगत १९४६ में कांग्रेस के महासचिव बनाये गए । श्री भगत १९४७ में पटना से राष्ट्र दूत नमक हिंदी पत्रिका शुरू किया। समाचार पत्रों में आर्थिक, राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय मामलो पर नियमित रूप से लिखते रहे। देश रत्न श्री बलिराम भगत ने अंतराष्ट्रीय विषयों पर कई पुस्तक लिखे। उनके लेखन से तत्कालीन कई राजनेता लेखक प्रभावित थे। देश रत्न श्री बलिराम भगत की प्रतिभा का उपयोग कांग्रेस ने जमकर किया। श्री भगत अंतराष्ट्रीय मामलो के कुशल जानकार थे। वे जितने बेहतर लेखक थे उतने ही बेहतर वक्ता भी थे। श्री भगत विभिन्न अंतराष्ट्रीय मंचो पर भारतीय संसद का प्रतिनिधित्व करते रहे । इन्स्ताबुल,लन्दन,कोलोम्बो और जापान में श्री भगत ने अपने कुशल भाषण से सभी को प्रभावित किया था।
देश रत्न श्री बलिराम भगत पूर्व प्रधानमंत्री श्री राजीव गाँधी की सरकार में भारत सरकार में विदेश मंत्री रहे । श्री भगत हिमाचल प्रदेश और राजस्थान के राज्यपाल के रूप में देश के सेवा करते रहे । पांचवी लोकसभा के अध्यक्ष बन उन्होंने साबित किया योग्यता की परिभाषा क्या होती है। श्री भगत की योग्यता का लोहा पूर्व प्रधानमंत्री नेहरु, इंदिरा भी मानती थी। देश रत्न श्री भगत हम सब को छोड़कर ०२ जनवरी २०११ में चले गए । पर एक ऐसी नजीर गढ़ गए जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा-पुंज बनी रहेगी !!
वंदना यादव
4 टिप्पणियां:
देश रत्न बलिराम भगत हम सब को छोड़कर ०२ जनवरी २०११ में चले गए । पर एक ऐसी नजीर गढ़ गए जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा-पुंज बनी रहेगी ...श्रद्धांजलि !!
बलिराम भगत जी एक प्रखर चिन्तक ,महान राष्ट्र सेवी और बहु आयामी व्यक्तित्व के धनी थे .सामाजिक मूल्यों की रक्षा के लिए उन्हें सदा याद किया जायगा .मेरी विनम्र श्रद्धांजलि .
मेरी विनम्र श्रद्धांजलि .
मेरी विनम्र श्रद्धांजलि .
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