गुरुवार, 20 जनवरी 2011

स्मृति शेष 'बालेश्वर यादव' ...बस यादें रह गईं

* निक लागे तिकुलिया गोरखपुर के
* मनुआ मरदुआ सीमा पे सोये, मौगा मरद ससुरारी मे.
* कजरा काहें न देहलू
* फुलौड़ी बिना चटनी कइसे बनी
* सात सहेलिया खड़ी खड़ी
* रोज रोज ससुरा दारु पियत है
* कटहर के कोवा तू खइलऽ त ई मोटकी मुगरिया के खाई.

अगर आपो लोगन में से केहू ई गाना के ऊपर मस्ती से झुमल होखे या ई गाना कै शौक़ीन रहल होये तै अब ई आवाज अब कबहू न सुनाई देई. काहें से की ई मशहूर गाना कै गवैया बालेश्वर यादव जी अब ई दुनिया से जा चुकल बटे.

रविवार ०९ जनवरी २०११ को इन्होने लखनऊ के श्यामा प्रसाद मुखर्जी अस्पताल में आखिरी साँस ली, जहाँ ये कुछ समय से इलाज के लिये भर्ती थे। १ जनवरी १९४२ को आजमगढ़ - मऊ क्षेत्र के मधुबन कस्बे के पास चरईपार गाँव में जन्मे, बालेश्वर यादव भोजपुरी के मशहूर बिरहा और लोकगायक थे.

अई...रई... रई...रई... रे, के विशेष टोन से गीतों को शुरू करने वाले बालेश्वर ने अपने बिरहा और लोकगीतों के माध्यम से यू. पी.- बिहार समेत पूरे भोजपुरिया समाज के दिलों पर वर्षों तक राज किया. वे जन जन के ये सही अर्थों में गायक थे. इनके गीत " निक लागे तिकुलिया गोरखपुर के " ने एक समय पुरे पूर्वांचल में काफी धूम मचाई थी.जन जन में अपनी गायकी का लोहा मनवाने वाले इस गायक पर मार्कंडेय जी और कल्पनाथ राय जैसे दिग्गज राजनीतिज्ञों की नज़र पड़ी तो तो यह गायक गाँव- गाँव की गलियों से निकलकर शहरों में धूम मचाने लगा और कल्पनाथ राय ने अपने राजनितिक मंचों से लोकगीत गवाकर इन्हें खूब सोहरत दिलवाई. बालेश्वर यादव २००४ में देवरिया के पडरौना लोकसभा सीट से कांग्रेस पार्टी के टिकट पर जीतकर लोकसभा में भी पहुंचे. इनके गाये गानों पर नयी पीढ़ी के गायक गाते हुए आज मुंबई में हीरो बन प्रसिद्धि पा गये, मगर ये लोकगायक इन सबसे दूर एक आम आदमी का जीवन जीता रहा. ये आम लोंगों के गायक थे और उनके मन में बसे थे. अभी हाल में ही आजमगढ़ के रामाशीष बागी ने महुआ चैनल के सुर संग्राम में इनके गाये गीतों पर धूम मचा दी थी.

भोजपुरी के उत्थान और प्रचार -प्रसार में इनका महत्वपूर्ण योगदान है. इनके गीत न केवल अपने देश में ही प्रसिद्ध हुए बल्कि जहाँ भी भोजपुरिया माटी के लो जाकर बस गए , वहाँ भी इन्हें गाने के लिये बुलाया जाता रहा. इन्होने अपने भोजपुरी गीतों का डंका सूरीनाम, गुयाना, त्रिनिदाद, मारीशस, फिजी, हौलैंड इत्यादि देशो में भी बजाया . सन १९९५ में बालेश्वर यादव को उत्तर प्रदेश की सरकार ने लोक-संगीत में अतुलनीय योगदान हेतु 'यश भारती सम्मान 'से सम्मानित किया था.
इनके गाये कुछ और भोजपुरी लोकगीत इस लिकं पर क्लिक करके सुने जा सकते है
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आज जबकि भोजपुरी लोक-संगीत अपनी अस्मिता की लड़ाई में संघर्षरत है,वैसे में बालेश्वर यादव जैसे लोक-गायक के असमय निधन से भोजपुरी अंचल और इसके लोकसंगीत को अपूरणीय क्षति हुई है.बालेश्वर यादव भोजपुरी समाज और भाषा के महेंद्र मिश्र वाली परंपरा के लोक कलाकार थे.श्री यादव लखनऊ के श्यामा प्रसाद मुखर्जी अस्पताल में कुछ समय से इलाज़ हेतु भर्ती थे.बालेश्वर यादव को उत्तर प्रदेश की सरकार ने 'उनके लोक-संगीत में अतुलनीय योगदान हेतु 'यश भारती सम्मान'से नवाज़ा था.इतना ही नहीं बालेश्वर पुरस्कारों की सरकारी लिस्ट के गायक नहीं बल्कि सही मायनों में जनगायक थे,उन्होंने भोजपुरी के प्रसार के अगुआ के तौर पर देश-विदेश में पहचाने गए.ब्रिटिश गुयाना,त्रिनिदाद,मारीशस,फिजी,सूरीनाम,हौलैंड इत्यादि देशो में मशहूर बालेश्वर यादव जी के मौत भरत शर्मा,मदन राय,प्रो.शारदा सिन्हा, आनंद मोहन,गोपाल राय जैसे गायकों को भोजपुरी अस्मिता में उनका साथ देने वाले एक स्तम्भ के गिरने जैसा है.ईश्वर बालेश्वर यादव जी की आत्मा को शांति दे और भोजपुरी गीत संगीत से बलात्कार करने वाले सड़कछाप गायकों को सद्बुद्धि दे !!
चित्र साभार : भोजपुरिया. com

10 टिप्‍पणियां:

Amit Kumar Yadav ने कहा…

बालेश्वर यादव का जाना वाकई सभीके लिए दुखदायी रहा. बिरहा और लोक गीत में उन्होंने तमाम नए प्रयोग किये...श्रद्धांजलि.

R R RAKESH ने कहा…

SRI YADAV KA SANGEET SUNKAR SUNNE WALE SOCHNE KO MAJBOOR HO JATE THE.

Harikesh ने कहा…

आपने लिखा है कि बालेश्वर जी पडरौना से साँसद रहे है ये गलत है।जो साँसद रहे है वो दुसरे बालेश्वर यादव जी है ये दो बार साँसद रह चुके है।

Unknown ने कहा…

अमर रहें

Unknown ने कहा…

Baleswar ji bahut hi nek dil ke the

Unknown ने कहा…

Bhojpuri Gayak Diwakar Dwivedi baleswar ji ki sabse priya shisy the aur unka nam abhi bhi bdha rhe hai is jankari ko update kriye pls

Unknown ने कहा…

Bhojpuri Gayak Diwakar Dwivedi baleswar ji ki sabse priya shisy the aur unka nam abhi bhi bdha rhe hai is jankari ko update kriye pls

Unknown ने कहा…

https://youtu.be/jScxztxbEHI

Unknown ने कहा…

Balrser Yadav ji song jo Mai khoj Raha ho ki mujhe nahi mil Raha Kahi bhi nahi mil Raha hai gana ka bol tha Bina ticket rail me chadhla to , yaisa hi kuch ,help me for this song

Rakesh Sahu ने कहा…

आपका कथन सही है मित्र , गायक बालेश्वर यादव कभी राजनीति में नही गये