शुक्रवार, 24 जून 2011

आकाश यादव बने यू. पी. बोर्ड में हाई स्कूल टापर

उत्तर प्रदेश हाई स्कूल बोर्ड के 11 जून, 2011 को घोषित रिजल्ट में फैजाबाद के श्याम सुन्दर सरस्वती इंटर कालेज के विद्यार्थी आकाश यादव 92.33 प्रतिशत नंबर के साथ पूरे प्रदेश में अव्वल रहे. आकाश यादव की इस सफलता पर तमाम गणमान्य व्यक्तियों, राजनेताओं और संस्थाओं ने उसे सम्मानित कर प्रोत्साहित किया.

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव ने फैजाबाद के एसएसबी इंटर कॉलेज के इस 14 वर्षीय मेधावी छात्र को 50,000 रुपए की पुरस्कार राशि देते हुए भविष्य में भी उसकी शिक्षा में सहयोग का आश्वासन दिया। श्री यादव ने आकाश से कहा कि अब उसे आगे की पढ़ाई में और ज्यादा मेहनत करनी होगी क्योंकि उसकी जिम्मेदारी भी बढ़ गई है। उन्होंने बताया मैं तो खेत में काम करता था। पढ़ाई करता था और कुश्ती भी लड़ता था। कुश्ती में नाम कमाया। उसमें कई बड़े पहलवानों को चित किया। लेकिन साथ ही साथ पढ़ाई भी जरूरी है। मैंने उसके लिए भी मेहनत की। उन्होंने आकाश से कहा पढ़ाई के साथ खेल भी आवश्यक है क्योंकि इससे सेहत ठीक रहती है। शरीर पुष्ट होता है। स्वस्थ तन में ही स्वस्थ मन होता है।

टॉपर छात्र आकाश यादव के पिता श्री राम कुमार यादव, माता श्रीमती लालमणि यादव, बहन दिव्या, तथा भाई अरविंद यादव सभी इस मौके पर काफी खुश हैं. यदुकुल की तरफ से आकाश को ढेरों बधाइयाँ और उन्नति की कामना !!

शनिवार, 11 जून 2011

राजकुमार यादव अभिनीत रागिनी एमएमएस

फ़िल्मी दुनिया में अब कुछेक यदुवंशी दिखने लगे हैं. इनमें से एक हैं राजकुमार यादव. इन्होने रागिनी एमएमएस में बतौर मुख्य अभिनेता काम किया है. धोखा, सेक्स और हॉरर पर आधारित रागिनी एमएमएस फिल्म की एक समीक्षा साभार यहाँ प्रस्तुत है-

मुख्य कलाकार : राज कुमार यादव, कैनाज मोतीवाला। निर्देशक : पवन कृपलानी तकनीकी टीम : निर्माता- शोभा कपूर, एकता कपूर, कथा-पटकथा-पवन कृपलानी, वास्पर दांडीवाला, संवाद-मयंक तिवारी, गीत-मजरूह सुल्तानपुरी, विराग मिश्रा, फैजान हुसैन, ऐग्नेल बोमन, इंदीवर , संगीत-एस डी बर्मन, शमीर टंडन, फैजान हुसैन, ऐग्नेल बोमन, बप्पी लाहिरी। 0 हिंदी फिल्मों में आ रहे बदलाव का एक नमूना रागिनी एमएमएस है। इसे हाथों में लिए कैमरे से शूट किया गया है। ज्यादातर फ्रेम हिलते-डुलते और कई बार उड़ते नजर आते हैं। लव सेक्स और धोखा के बाद एकता कपूर ने दिबाकर बनर्जी की प्रयोगात्मक शैली को यहां शिल्प बना दिया है। इसके फायदे और नुकसान फिल्म में नजर आते हैं। रागिनी और उदय के बीच प्रेम है। उदय भदेस युवक है। रागिनी संभ्रांत मध्यवर्गीय युवती है। दोनों वीकएंड मनाने के उद्देश्य से शहर से बाहर निकलते हैं। इस वीकएंड का एक मकसद शारीरिक संबंध भी बनाना है। रागिनी मानसिक रूप से इसके लिए तैयार है। बस, उसे यह नहीं मालूम कि उदय इसी बहाने उसका एमएमएस तैयार कर अपनी लालसा पूरी करना चाहता है। दोनों एक वीराने फार्म हाउस में पहुंचते हैं। उनके वहां पहुंचने के थोड़ी देर के बाद दर्शकों को बता दिया जाता है कि उस घर में कोई और भी रहती है आत्मा के रूप में। फिल्म के प्रचार से हमें पहले से मालूम है कि फिल्म में सेक्स और हॉरर है। सिनेमाघर में बैठते ही उत्कंठा और आशंका बनती है, जो पाश्‌र्र्व संगीत के प्रभाव से चढ़ती और उतरती है। इस फिल्म से पाश्‌र्र्व संगीत हटा दें तो डर भी भूत की तरह अदृश्य हो सकते हैं। हालीवुड की पैरानार्मल एक्टिविटी से प्रभावित यह हिंदी फिल्म रामसे बंधुओं की भुतहा फिल्मों का मल्टीप्लेक्स संस्करण हैं, जिसमें तकनीक का उम्दा और संगत इस्तेमाल किया गया है। शूटिंग स्टाइल में नयापन है और पश्चिमी तर्ज पर उसे तेज और धारदार रखा गया है। हिंदी फिल्मों की डरावनी परंपरा में इसे म्यूजिकल भी नहीं रखा गया है। फिल्म में सेक्स का पर्याप्त तड़का है। हीरो-हीरोइन के बीच के दृश्यों में अंतरंगता और सहजता है। दोनों मुख्य किरदारों का स्थूल शारीरिक अभिनय दर्शकों के एक समूह की उत्तेजना बढ़ा सकता है। निर्माता और निर्देशक का यही मकसद भी है। राज कुमार यादव और कायनाज मोतीवाला ने अपने किरदारों के साथ न्याय किया है। डर तो यह है कि कहीं राज कुमार यादव ऐसी फिल्मों और किरदारों के लिए टाइप होकर अपनी प्रतिभा का नुकसान न कर बैठें। कायनाज मोतीवाला ने मुश्किल दृश्यों में अपना डर बनाए रखा है। दोनों के बीच की केमिस्ट्री फिल्म को विश्वसनीय बनाती है। इस हिंदी फिल्म की आत्मा मराठी भाषा में बातें करती है।

रेटिंग-***तीन स्टार -अजय ब्रह्मात्मज

शुक्रवार, 10 जून 2011

शाबाश ! शालिनी यादव


बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (Bihar School Examination Board) (BSEB) द्वारा 25 जून, 2011 को घोषित 10वीं के परीक्षा परिणाम में पटना जिला के खगौल स्थित घनश्याम बालिका उच्च विद्यालय की छात्रा शालिनी यादव ने 460 अंक प्राप्त कर प्रथम स्थान प्राप्त किया. खगौल के शिक्षक राम श्रंगार यादव व पुष्पा यादव की इकलौती बेटी शालिनी यादव मूलत:ग्रामीण परिवेश से ताल्लुक रखती है. शालिनी ने कहा-मुङो उम्मीद नहीं थी कि मैं टॉपर बनूंगी. उसने अपनी सफलता का श्रेय मां-पिता व शिक्षकों को दिया. कहा-मैं प्रतिदिन सात-आठ घंटे पढ़ाई करती थी. मैं डॉक्टर बनना चाहती हूं व गरीबों की सेवा करना चाहती हूं.

उसकी सफलता पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि राज्य में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है और सरकार प्रतिभाओं को उभरने और निखरने में हर संभव सहयोग देगी।नीतीश कुमार ने शालिनी यादव के पटना के फुलवारी शरीफ स्थित आवास पर जाकर उसे पंद्रह हजार रुपये का चेक देने के साथ ही सम्मान स्वरूप एक लैपटॉप भेंट किया। उन्होंने शालिनी को उसकी शानदार सफलता के लिए बधाई देते हुए आगे की पढ़ाई भी पूरे मन से करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि यह सफलता अंतिम नहीं है और लक्ष्य काफी दूर है और लक्ष्य प्राप्त करने के लिए निरंतर संघर्षशील रहना पड़ता है।

गुरुवार, 9 जून 2011

साइकिल यात्री हीरालाल यादव के जूनून को सलाम

हीरालाल यादव का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है. इन पर हमने 'यदुकुल' पर पूर्व में भी जानकारी दी थी.बगैर सीट वाली साइकिल से 54 वर्षीय हीरालाल यादव पिछले एक दशक में देश और दुनिया में 65,000 किमी की दूरी नाम चुके हैं, कभी वे किसी युद्धबंदी के परिजनों के पास बैठकर खत लिख रहे होते हैं तो कभी शहीद के परिजन से दुःख बांटते हैं, अन्य दिनों में वे युद्धबंदियों की रिहाई पर केंद्रित अपनी प्रदर्शनी में व्यस्त होते हैं या फिर सभागार में अभागे फौजियों और उनके परिजनों पर लिखी कविताएं सुना रहे होते हैं। गोरखपुर जिले के, पेशे से बीमा एजेण्ट हीरालाल यादव का यह जुनून 1997 में आजादी की स्वर्ण जयंती से शुरू हुआ. वे साइकिल से सद्भावना यात्रा पर निकल पड़े. 1999 में उन्होने कारगिल सलाम सैनिक यात्रा की. इसके बाद तो यह सिलसिला उनके जीवन का हिस्सा ही बन गया। हाल ही में 26-11 की आतंकी घटना में शहीद एन.एस. जी. कमांडो संदीप उन्नीकृष्णन के पिताजी के साथ इण्डिया गेट से गेट-वे-इण्डिया तक की सायकिल यात्रा करके हीरालाल यादव पुन: चर्चा में रहे !!





सफलता का गुरः कोई काम नामुमकिन नही है.
सबसे बड़ी बाधाः जब लोग इस अभियान के ’फायदे’ पर बहस करते हैं.
सबसे बड़ी ताकतः फल की दुकान चलाने वाली उनकी पत्नी शकुन्तला, जो अक्सर दौरे पर रहती है.
जिंदगी का सबसे अहम क्षणः 30 जुलाई 99 का दिन जब कारगिल में सैनिकों ने उनकी अगवानी की और उन्हें सगे भाई से ज्यादा सगा कहा.









हीरालाल यादव पर लखनऊ से प्रकाशित मासिक पत्रिका 'दस्तक टाइम्स' (मई, 2011) की एक रिपोर्ताज की कापी यहाँ सुधि-पाठकों हेतु संलग्न है. इस पर चटका लगाकर इसे बड़ा करके पढ़ा जा सकता है

बुधवार, 8 जून 2011

उजाला करने के लिए सलाम बाबा रामदेव !!


बाबा रामदेव के साथ सत्ता के मद में चूर लोगों ने जो किया, उसकी जितनी भी निंदा की जाय कम होगी. भ्रष्टाचार की विषबेल काफी लम्बी फ़ैल चुकी है, इसका समाधान तो निकालना ही होगा. एक बाबा पर अत्याचार करके सत्ता भले ही उन्हें दिल्ली से दूर कर ले, पर उन आवाज़ों का क्या जो लोगों के दिलों में उमड़ रही है. 'स्वार्थ' ब्लॉग पर रफत आलम जी की एक ऐसी ही कविता पढ़ी तो उसे साभार यहाँ प्रकाशित करने का मोह नहीं छोड़ पाया-

उजाला करने के लिए
सलाम आपको बाबा!

करोड़ों आखों को
आज यही ईमान की रौशनी चाहिए
अन्यथा
गाँव का सबसे ईमानदार आदमी
शराब के ठेकेदार से
सरपंच का चुनाव हारता रहेगा
रातो-रात बदलती रहेंगी निष्ठाएं

माहौल की सड़न इसी तरह
सदा बिकने वाले को
मेले का खरीदार बना देती है
जड़ों में फैली गंद को
कमल ने सर पे रख लिया है.
यानी व्यवस्था की खराबी को
जनता आवश्यकता मानने लगी है

मन से रोती है परन्तु
खुश-खुश ‘सुविधा शुल्क’ दे रही है
ले रही है

आप बाखूब जानते हैं बाबा साहिब!
ये वह दुनिया है जहाँ
मसीहाओं के उजालों का
स्वागत सदा सियारों ने किया है
जो मौका पाते ही सूली में कीलें ठोकते हैं।

हमाम के ये ही नंगे
कल आपके साथ हो लेंगे
कुछ तो अभी से शेर की बोली बोल रहे हैं।

ये केवल सत्ता के दलाल हैं
इन्हें तख्ते नही तख़्त की है आरज़ू
इन्होने सदा ही संवदनाओं का शोषण किया है
इन्होने ही पनपाया है
भ्रष्टाचार को विष वृक्ष
इन बेईमानों को दूर रखना है ज़रूरी
कल हमें इन्ही के पास कैद
काले धन को आज़ाद कराना है।

शोषण से त्रस्त सारा देश
आपको आशा से देख रहा है
लाखों दीपक चल पड़ने को हैं आतुर
आपके उजाले के साथ।

कल कश्मीर से कन्याकुमारी तक
करोड़ों नारे लगने तय हैं
भ्रष्टाचार मुर्दाबाद!
कल ज़रूर मैली धूप उजली होगी।

- रफत आलम