मंगलवार, 24 जनवरी 2012

शशिकांत यादव को प्रथम सुकवि रमेश हठीला सम्मान

सीहोर में 9 जनवरी, 2012 को आयोजित सुकवि जनार्दन शर्मा, गीतकार रमेश हठीला, शायर डॉ. कैलाश गुरू स्वामी तथा गीतकार मोहन राय की स्मृति में आयोजित पुण्य स्मरण संध्या में कवि श्री शशिकांत यादव को प्रथम सुकवि रमेश हठीला सम्मान से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर शशिकांत यादव ने काव्य पाठ से पहले अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि सीहोर मुझे अपना ही शहर लगता है यहां कविता के संस्कार हैं । श्री यादव ने अपनी सुप्रसिद्ध कविता फैसला तो हो चुका है फासले घटाइये सहित कई छंद और मुक्तक पढ़े । श्रोताओं के अनुरोध पर उन्होंने गुजरात सरकार के लिये लिखी अपनी कविता मतदान ज़रूरी है भी पढ़ी ।

ब्ल्यू बर्ड स्कूल के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में नगरपालिका अध्यक्ष श्री नरेश मेवाड़ा उपस्थित थे कार्यक्रम की अध्यक्षता शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में हिंदी की विभागाध्यक्ष डॉ पुष्पा दुबे ने की। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शहर के बुद्धिजीवी, कवि, पत्रकार, साहित्यकार तथा श्रोता उपस्थित थे। स्मृति के अध्यक्ष तथा साहित्यकार पंकज सुबीर ने यह जानकारी दी.
-राम शिव मूर्ति यादव : यदुकुल

6 टिप्‍पणियां:

KK Yadav ने कहा…

Congts. Shashikant ji.

KK Yadav ने कहा…

आइये हम सभी गणतंत्र के इस जश्न में शामिल हों और भारत को एक समृद्ध राष्ट्र बनायें.
गणतंत्र दिवस की शुभकामनायें !! जय हिंद !! जय भारत !!

Bhanwar Singh ने कहा…

Badhai Hathila ji ko..

Bhanwar Singh ने कहा…

People don’t remember,
But I have it in my mind,
My Indian flag
Keep it always on top,
Happy Republic day..आपको और समस्त मित्रों को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें.

मधेपुरा टाइम्स ने कहा…

यदुकुल के सभी पाठकों को वासुदेव श्रीकृष्ण सामाजिक सेवा संस्थान की ओर से नए वर्ष की हार्दिक शुभकानाए.
कृपया नीचे के लिंक का अनुसरण करें:
http://vasudeokiss.blogspot.com/

मधेपुरा टाइम्स ने कहा…

हे यादवश्रेष्ठ ! वासुदेव श्रीकृष्ण की असीम दया से आपका नया वर्ष २०१२ मंगलमय हो.आपका तेज नए साल में और बिखरे.आप और अधिक समृद्धशाली एवं वैभवशाली बनें.हे यदुवंशी ! देवकीनंदन की कृपा से आपका तेज एवं वैभव आपके चतुर्मुखी विकास के साथ-साथ समाज के उपेक्षित यादवों के उत्थान में उपयोग हो.आज यादव समाज में श्रीकृष्ण की जरूरत है, जो गोवर्धन पहाड़ उठा सके एवं सभी ग्वाला एवं गोपियों की रक्षा कर सके.आज अधिसंख्य ग्वाला दिशाहीन होकर इधर-उधर भटक रहे हैं.समाज में आपराधिक एवं विध्वंसक गतिविधियों में अपनी ऊर्जा का दुरूपयोग कर रहे हैं.जबकि इतिहास गवाह है कि हम यदुवंशियों की ऊर्जा सदैव अपने मान सम्मान की रक्षा के साथ-साथ दूसरों में सुरक्षा की भावना जगाने में काम आता रहा है.यशोदानंदन कृष्ण बिना अस्त्र-शास्त्र उठाये ही महाभारत की लड़ाई जीत लिए.आज जरूरत है कि हम सभी यदुवंशी अपने-अपने बच्चों को श्रीकृष्ण की तरह तेजस्वी, विद्वान एवं बलवान बनायें.उन्हें उच्चतम कोटि की शिक्षा की आवश्यकता है ताकि समाज के सर्वांगीण विकास एवं उत्थान में रचनात्मक भूमिका अदा कर सके.पूरा समाज, राज्य एवं देश को आपके ऊपर गर्व है.
आयें, हम सभी यदुवंशी उपर्युक्त लिखे उद्येश्य के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ें एवं अपने कुल की मर्यादा को गौरवान्वित करें.