कानपुर की चर्चित साहित्यिक, सांस्कृतिक एवं सामाजिक संस्था ‘‘अभिव्यंजना‘‘ द्वारा युवा कवयित्री एवं साहित्यकार श्रीमती आकांक्षा यादव को हिन्दी साहित्य में सृजनात्मक योगदान एवं काव्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय सेवा के लिए ‘‘काव्य-कुमुद‘‘ की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया है। देश की तमाम प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं एवं अन्तर्जाल पर प्रकाशित होने वाली श्रीमती आकांक्षा यादव वर्तमान में राजकीय बालिका इण्टर कालेज, नरवल, कानपुर में प्रवक्ता हैं। नारी विमर्श, बाल विमर्श एवं सामाजिक सरोकारों सम्बन्धी विमर्श में विशेष रूचि रखने वाली श्रीमती आकांक्षा यादव को इससे पूर्व भी विभिन्न साहित्यिक-सामाजिक संस्थानों द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। जिसमें इन्द्रधनुष साहित्यिक संस्था, बिजनौर द्वारा ‘‘साहित्य गौरव‘‘ व ‘‘काव्य मर्मज्ञ‘‘, राष्ट्रीय राजभाषा पीठ इलाहाबाद द्वारा ‘‘भारती ज्योति‘‘, श्री मुकुन्द मुरारी स्मृति साहित्यमाला, कानपुर द्वारा ‘‘साहित्य श्री सम्मान‘‘, मथुरा की साहित्यिक-सांस्कृतिक संस्था ‘‘आसरा‘‘ द्वारा ‘‘ब्रज-शिरोमणि‘‘ सम्मान, मध्यप्रदेश नवलेखन संघ द्वारा ‘‘साहित्य मनीषी सम्मान‘‘, छत्तीसगढ़ शिक्षक-साहित्यकार मंच द्वारा ‘‘साहित्य सेवा सम्मान‘‘, देवभूमि साहित्यकार मंच, पिथौरागढ़़ द्वारा ‘‘देवभूमि साहित्य रत्न‘‘, ऋचा रचनाकार परिषद, कटनी द्वारा ‘‘भारत गौरव‘‘, ग्वालियर साहित्य एवं कला परिषद द्वारा ‘‘शब्द माधुरी‘‘, भारतीय दलित साहित्य अकादमी द्वारा ‘‘वीरांगना सावित्रीबाई फुले फेलोशिप सम्मान‘ इत्यादि प्रमुख हैं। आकांक्षा जी को प्राप्त इस सम्मान पर ''यदुकुल'' द्वारा शत्-शत् बधाई !!!
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12 घंटे पहले
12 टिप्पणियां:
आकांक्षा जी की रचनाएँ अक्सर ही पढने को मिलती रहती हैं. कम उम्र में ही उन्होंने अपनी अच्छी पहचान बनायीं है. इस सम्मान पर आकांक्षा जी को ढेरों बधाई !!
सुविख्यात समालोचक श्री सेवक वात्स्यायन इस साहित्यकार दम्पत्ति को पारस्परिक सम्पूर्णता की उदाहृति प्रस्तुत करने वाला मानते हुए लिखते हैं - ’’जैसे पंडितराज जगन्नाथ की जीवन-संगिनी अवन्ति-सुन्दरी के बारे में कहा जाता है कि वह पंडितराज से अधिक योग्यता रखने वाली थीं, उसी प्रकार श्रीमती आकांक्षा और श्री कृष्ण कुमार यादव का युग्म ऐसा है जिसमें अपने-अपने व्यक्तित्व एवं कृतित्व के कारण यह कहना कठिन होगा कि इन दोनों में कौन दूसरा एक से अधिक अग्रणी है।’’.....इसके बाद कुछ कहने को रह जाता है.
आकांक्षा यादव को हिन्दी साहित्य में सृजनात्मक योगदान एवं काव्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय सेवा के लिए ‘‘काव्य-कुमुद‘‘ की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया है....आपकी योग्यता को नमन करता हूँ.
देश की तमाम प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं एवं अन्तर्जाल पर प्रकाशित होने वाली आकांक्षा यादव जी को इस मानद-सम्मान पर बधाइयाँ .
उपलब्धियां मनुष्य को महान बनाती हैं....आकांक्षा को हार्दिक शुभकामनायें !!
Congts. to Mrs. Akanksha ji.
आकांक्षा जी का अभिनन्दन !!
आकांक्षा यादव जी की कलम यूँ ही चलती रहे, हमें अच्छी-अच्छी रचनाएँ पढने को मिलती रहें.
सारस्वत सुषमा की अप्रतिम संवाहक;
कविताएं और आलेख रचती हैं !
नारी और बाल विमर्श विषयों पर;
लिखती और ससम्मान खूब छपती हैं !
हिन्दी, संस्कृत संग शिक्षा, साहित्य की;
आकांक्षा जी कर रहीं सेवा निरन्तर !
प्रशस्तियाँ और पुरस्कार प्राप्त करके;
बिखेरतीं चतुर्दिक् यश-कीर्ति दिव्यतर !!
Many-Many Congts. to Akanksha ji !!
आकांक्षा जी ! उत्तर प्रदेश के सूचना विभाग द्वारा प्रकाशित पत्रिका "उत्तर प्रदेश" में साहित्य नोबेल विजेता क्लेजियो पर आपका बेहद सुन्दर आलेख को मैंने दिल्ली के एक बुक-स्टाल पर पढ़ा. शायद जनवरी का अंक है.....आपकी लेखनी यूँ ही चलती रहे.
Learning history is so easy but
making history is so difficult.
Make a history of yourself and
make others to learn it!
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