भारतीय ओलम्पिक संघ द्वारा पहलवान सुशील कुमार को लंदन ओलम्पिक खेलों में भारतीय दल का ध्वज वाहक नियुक्त किया गया, जिसके क्रम में उन्होंने उद्घाटन समारोह में बखूबी अपनी भूमिका का निर्वाह किया. गौरतलब है कि यदुवंश से सम्बन्ध रखने वाले सुशील कुमार ने विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप 2010 में 66 किलो भारवर्ग की फ्रीस्टाइल प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक तथा वर्ष 2008 में बीजिंग ओलम्पिक में पुरुष के 66 किलोग्राम फ्रीस्टाइल कुश्ती प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीता था. यह बीजिंग ओलम्पिक में भारत का तीसरा पदक था. पहला पदक निशानेबाज अभिनव बिन्द्रा ने 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में जीता जो कि ओलम्पिक इतिहास में भारत का पहला व्यक्तिगत स्वर्ण पदक था. दूसरा विजेन्द्र कुमार ने मुक्केबाजी में कांस्य पदक जीता. अपनी इन्हीं सब उपलब्धियों के चलते जुलाई 2009 में सुशील कुमार सोलंकी को भारत का सर्वोच्च खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न पुरुस्कार प्रदान किया गया. यह भारत के लिए कुश्ती में दूसरा पदक था. इससे पहले वर्ष 1952 में हैलेसिंकी ओलम्पिक खेल में केडी जाधव (K D Jadhav) ने कांस्य पदक जीता था.
--राम शिव मूर्ति यादव : यदुकुल
--राम शिव मूर्ति यादव : यदुकुल
4 टिप्पणियां:
Congts.
यदुवंशियों के लिए बड़े गर्व की बात है.
susil kumar solanki is a jat
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