सोमवार, 19 नवंबर 2012

इंदिरा मैराथन में अरविन्द यादव की हैट्रिक

इलाहबाद में 19 नवम्बर, 2012 को संपन्न संपन्न 28 वीं अखिल भारतीय इंदिरा मैराथन के पुरुष वर्ग में अरविन्द यादव ने हैट्रिक बनकर नया इतिहास रचा। अम्बेडकर नगर निवासी रेलवे के इस लम्बी दूरी के धावक ने अपने पिछले वर्ष (2::22:30) के समय में सुधार भी किया और मैराथन 2::21:50.8 सेकेण्ड में पूरी की। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे, रायपुर में वरिष्ठ लिपिक के पद पर तैनात 24 वर्षीय धावक अरविन्द यादव ने जीत का श्रेय अपने कोच द्रोणाचार्य अवार्ड प्राप्त जे।एल भाटिया को दिया। वे सप्ताह में 200 किलोमीटर की दौड़ लगते हैं और उनका अगला लक्ष्य 20 जनवरी, 2013 को होने वाली मुंबई मैराथन है। इससे पूर्व अरविन्द यादव वर्ष 2009 में आयोजित पुणे मैराथन में प्रथम, वर्ष 2011 में चंडीगढ़ तथा वर्ष 2012 में लखनऊ में आयोजित हाफ मैराथन में प्रथम स्थान प्राप्त कर चुके हैं। अरविन्द यादव को पुरस्कार स्वरुप 1.51 लाख रूपये मिले।
लद्दाख में तैनात कुमांयु रेजिमेंट के सैनिक सानरू यादव 2::22:41.6 सेकेण्ड में मैराथन पूरी कर तीसरे स्थान पर रहे। इस साल पठानकोट में आयोजित क्रास-कंट्री जीत चुके 27 वर्षीय सानरू यादव इलाहबाद इंदिरा मैराथन में पहली बार दौड़े। उन्होंने अपनी उपलब्धि का श्रेय प्रशिक्षक सूबेदार महेश सिंह को दिया। सानरू यादव को पुरस्कार स्वरुप 34 हजार रूपये मिले।
 
'यदुकुल' की तरफ से भी दोनों अग्रणी धावकों को हार्दिक बधाइयाँ।

मंगलवार, 13 नवंबर 2012

दीपावली की बेला पर 'यदुकुल' पर हुए 300 फालोवर्स...बधाइयाँ


!! दीपावली पर्व पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं !! 
आप सभी के समर्थन और प्रोत्साहन का ही नतीजा है कि आज 'शुभ-दीपावली' के दिन 'यदुकुल' ब्लॉग (www.yadukul.blogspot.com ) ने 300 समर्थकों का आंकड़ा छू लिया।
 
इस शुभ-बेला पर दीपोत्सव का आनंद उठायें और हाँ, घरों में दीये जलाएं न कि पटाखे। पर्यावरण के प्रति हमारी सचेतता ही सुखद भविष्य सुनिश्चित करेगी !!
 
  -राम शिव मूर्ति यादव : यदुकुल ब्लॉग (www.yadukul.blogspot.com)

अरुण कुमार यादव बने 'डूडल फार गूगल' कांटेस्ट के विजेता



प्रतिभा उम्र की मोहताज़ नहीं होती, बशर्ते उसे उचित परिवेश मिले। गूगल इंडिया ने चंडीगढ़ केंद्रीय विद्यालय के 9वीं क्लास के स्‍टूडेंट अरुण कुमार यादव को डुडल 4 गुगल कंपीटीशन-2012 का विजेता घोषित किया है। कंपीटीशन में विनिंग डुडल टाइटल इंडिया - प्रिज्म ऑफ मल्‍टीपलसिटी को 14 नवंबर चिल्ड्रन डे पर गुगल इंडिया के होम पेज पर लाइव डिस्प्ले किया जाएगा। ये डुडल क्लासमेट कंपनी की ओर से स्पेशल कलर पैक और बच्चें की ड्राइंग बुक्स पर भी चित्रित किया जाएगा। कंपीटीशन में फाइनल में पहुंचने वाले सभी प्रतिभागियों को सैमसंग टैबलेट और गुगल गुड डी बैग्स दिए जाएंगे।

इस साल के कंपीटीशन का थीम एकता में अनेकता था जिसमें दो लाख के करीब एंट्रीज मिली थी। कंपनी ने गुगल लोगो पर 5 से 16 साल के बच्‍चों को डुडलिंग के जरिए अपनी सृजन क्षमता दिखाने के लिए आमंत्रित किया था। प्रतियोगिता को तीन अलग -अलग कैटेगरीज में बांटा गया था। पहली कैटेगरी पहली से तीसरी क्लास , दूसरी में चौथी से छठी क्लास के और तीसरी कैटेगरी में 7वीं से 10वीं कक्षा के बच्‍चों को शामिल किया गया था। यादव के अलावा पहली से तीसरी क्लास की कैटेगरी में श्री अरबिंदो स्‍कूल ऑफ इंटरनेशनल एजुकेशन की सौभाग्‍य कालिया शामिल है। जबकि गुडग़ांव की अदिति तिवारी को चौथी से छठी क्लास वाली कैटेगरी में अंतिम तेरह में शामिल किया गया है। 'यदुकुल' की तरफ से अरुण कुमार यादव को हार्दिक बधाइयाँ !!
 
-राम शिव मूर्ति यादव : यदुकुल ब्लॉग (www.yadukul.blogspot.com)
 
 
Arun Kumar Yadav, a  student of Chandigarh, has been declared the winner of the Doodle4Google contest, which received 2 lakh submissions from 60 Indian cities.
More than 100 million people across India will have a look at his doodle on the search engine's homepage on Children's Day (November 14)
 
      
The doodle, titled 'A Prism of Multiplicity', shows a soccer player, a kathakali dancer, gold jewellery, a peacock, a farmer and flowers.
 
Arun Kumar Yadav is a Class-9 student of Kendriya Vidyalaya, Sector 31. The winning entry was announced at a picnic-cum-felicitation ceremony at the Rail Museum in New Delhi on Monday.
 
The entries were adjudged by a two-member jury comprising cartoonist Ajit Ninan and actor Boman Irani. The theme for this year's competition was 'Unity in Diversity'.
The Doodle4Google competition was instituted four years ago to encourage children to take up creative work, said Rajan Anandan, vice-president and managing director, Google India.
 
"We are also promoting art awareness through Google. The search engine has tied up with 41 countries under the Google Art Project to bring the best global art to more than 2 billion internet users," Anandan said.
 
"You can visit the best museums in London and Paris with your computer without moving out of your home," Anandan said. He added that Google was also working on a history and culture project.
 
 
(Picture : Actor Boman Irani (right), Google India MD Rajan Anandan (L) with national winner of Doodle 4G contest 2012, Arun Kumar Yadav during the announcement of winners of finals of the contest, in New Delhi on Monday.)

-Ram Shiv Murti Yadav @ www.yadukul.blogspot.com

        



 

सोमवार, 5 नवंबर 2012

ग्रामीण अंचल में रह रहे यादवों की उन्नति के लिए...


हमारी ज़्यादातर आबादी गाँव मे रहती है जब तक वो विकसित न होंगे तब तक हम पूर्ण रूप से विकसित न हो सकेंगे..ग्रामीण यादव परिवारों की तरक्की के लिए कार्य करना होगा तभी हम विकसित होंगे और तभी एकता कायम होगी. ग्रामीण यादव परिवार आज के समय में आर्थिक तंगी के शिकार होते चले जा रहे है जिस तरफ ध्यान देना जरूरी हो गया है अगर हम आप सब उन यादव परिवारों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने के लिए कुछ करें जो गांव में निवास करते है जिन्हें दो जून का खाना जुटा पाना असंभव हो रहा है और जो पूर्ण रूप से खेती पर निर्भर करते है और नजदीकी जगहों पर कार्य करना और प्राइवेट लोगो के यहाँ पर नौकरी करना यादव शान के खिलाफ़ मानते है और दूसरी तरफ बढते जनसँख्या दवाब के कारन जमींन में कमी आई है और उसी जमींन पर निर्भरता बढती जा रही है जिस कारण से यादव किसान परिवार कर्ज के बोझ टेल दबते चले जा रहे है इससे अगर हम आप सब मिलकर इनकी तरक्की के रास्ते बनाना शुरू करे यादवों में एकता का संचार ऑटोमेटिक शुरू हो जायेगा सिर्फ फेसबुक पर बाते करने या यादवमहासभा की मीटिंग कर लेने भर से हम आप अपने मकसद में कामयाब नहीं हो पाएंगे

हमारे विचार से ग्रामीण यादवों की आर्थिक तरक्की के लिए तथा सामाजिक एकता के लिए निम्न कार्य किये जा सकते हैं-

1- आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के बच्चे अगर परिक्षाओ में अच्छी सफलता अर्जित करते है तो उनके गाइडेंस तथा कोचिंग के लिए प्रदेश और राष्टीय स्तर पर फ्री कोचिंग सुविधा देने की 
व्यवस्था की जाये.

2- ग्रामीण यादव परिवार जिनका मुख्य खेती है उनके लिए कृषि से जुड़े हुए ब्यवसाय करने के लिए एक कार्य योजना बनाई जाये जैसे एक शहरी कसबे से लगे हुए गांव में दुग्ध उत्पादन हो और और कसबे में हमारे ही लोगो द्वारा एक केंद्र खोला जाये जो की इनसे इनका उत्पादन ख़रीदे जिससे इन्हें अपना उत्पाद बेचने में परेशानी ना हो जिससे इनकी आय में ब्रद्धि हो सके.

3- राजनेतिक क्षेत्र में कार्य करने वाले लोग शासकीय योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए काम करे क्योंकि हम हमेशा पिछड़ रहे है जिसके लिए हमें काम करना होता है.

4- आज के समय में सबसे बड़ी समस्या हो गई है दहेज जिसको खत्म तो नहीं किया सकता लेकिन कम जरूर किया जा सकता है क्योंकि लाखों परिवार आज अपनी बेटी की शादी के लिए बहुत चिंतित रहते है इसके लिए सामूहिक परिचय और विवाह सम्मलेन करने का आयोजन किया जाये जिससे आर्थिक रूप से पिछड़े परिवार उसका लाभ उठा सके और उनकी आर्थिक उन्नति हो सके.
 
- शिवम् यादव, झाँसी, उत्तर प्रदेश 
 

रविवार, 4 नवंबर 2012

नहीं रहे बहुआयामी व्यक्तित्व के स्वामी डॉ.जे.एस.यादव

अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त जीव वैज्ञानिक डॉ.जे.एस.यादव ने न केवल वैज्ञानिक के रूप में विश्व स्तर पर अपनी पहचान बनाई, बल्कि पर्यावरणविद, सामाजिक कार्यकर्ता, साहित्यकार और शिक्षाविद के रूप में भी राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया।

 8 नवम्बर, 1942 को दीपावली के दिन गाँव नीरपुर में नंदलाल सिंह तहसीलदार एवं श्रीमती निहालकौर के घर जन्में डॉ.जे.एस.यादव ने राजकीय महाविद्यालय नारनौल से एफ.एस.सी और डीएवी महाविद्यालय, जालंधर से एम.एस.सी.(ऑनर्स)करने उपरान्त पंजाब विश्व-विद्यालय से पी.एच.डी. की और कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में प्राणीशास्त्र विभाग में प्राध्यापक लगे। यहाँ अपने शोध कार्य को गति देते हुए आपने कोशिकानुवांशिकी के क्षेत्र के विश्वस्तर पर पहचान बनाई। उन्होंने 6 बड़े रिसर्च प्रोजेक्ट पूरे किए और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के प्रतिनिधि के रूप में 1982 में ढाई माह सोवियत रूस में कार्यरत रहे। उन्होंने स्पेन में आयोजित विश्व स्तरीय कांफे्रंस की अध्यक्षता की और राष्ट्र स्तर पर अपने विषय की अनेक संस्थाओं के अध्यक्ष रहे। उनके निर्देशन में तीन दर्जन से अधिक युवाओं ने पीएचडी और एम.फिल के शोध सम्पन्न किए। उनके 160 से भी अधिक शोध पत्र प्रकाशित हुए। उनके जनेटिक डिसआर्डर के क्षेत्र के किए गए कार्य के मध्यनजर सम्मान-स्वरूप एक डच वैज्ञानिक ने एक बीटल का नाम हाइड्रोक्स-यादवी रखा है। डॉ.यादव हिन्दी में प्रकाशित होने वाली एक मात्र शोध पत्रिका जीवन्ती के संस्थापक संपादक थे।

 वैज्ञानिक के रूप में कार्य करने के अतिरिक्त डॉ.यादव कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय में प्राणीशास्त्र विभाग के अध्यक्ष, डीन विज्ञान संकाय, दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के निदेशक, डीन स्टूडैंट वैल्फेयर रहे। डॉ.यादव ने पंजाब विश्वविद्यालय की सीनेट का तीन बार लगातार चुनाव जीता और 1988 से 2000 तक लगातार पंजाब विश्वविद्यालय की सीनेट के सदस्य रहे। इसके अलावा वे पंजाब विश्वविद्यालय की सिंडिकेट, फाइनेंस बोर्ड के सदस्य भी रहे। उन्हें विश्वविद्यालय ने डेयरी, पशुपालन तथा कृषि संकाय के डीन भी बनाया। वे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की विषय समिति के सदस्य भी रहे। डॉ.यादव अनेक कालेजों के प्रबंधन से भी जुड़े थे।

 डॉ यादव देश के जाने-माने पर्यावरणविद थे, वे दयानन्द नेशनल अकादमी आफॅ एन्वायरमैंटल साईंसिज, चण्डीगढ़ के उपाध्यक्ष, परिवेश-सोसायटी फार एन्वायरमैंटल एवेयरनेस हरियाणा के अध्यक्ष तथा नेशनल वर्किंग ग्रुप आफ जनेटिक डिसआर्डर के सदस्य थे। हरियाणा में पक्षी विज्ञान के वे एकमात्र ज्ञाता थे।

 डॉ.यादव जाने माने सामाजिक कार्यकर्ता भी थे। उन्होंने 1984 में जर्मनी गए भारतीय शांति दल का नेतृत्व किया था। डॉ.यादव सामाजिक न्यायमंच हरियाणा के संयोजक और यादव समाज सभा कुरुक्षेत्र के संस्थापक अध्यक्ष थे। उनके प्रयासों से कुरुक्षेत्र में यादव धर्मशाला का निर्माण हुआ है वहीँ एक चौक का नाम राव तुला राम चौक रखा गया है जिस पर राव राजा की 25 फुट ऊँची प्रतिमा स्थापित की गयी है। डॉ.यादव हरिजन सेवक संघ हरियाणा के उपाध्यक्ष भी थे। इसके अलावा भी वे दर्जनों संस्थाओं को अपने अनुभव से लाभान्वित कर रहे थे। डॉ.यादव आर्य समाज के गहरे जुड़े हुए थे और हिन्दी आंदोलन, गौरक्षा आंदोलनों में सक्रिय भूमिका उन्होंने निभाई।

 डॉ. यादव का साहित्य के क्षेत्र मे भी दखल था। वे हरियाणा प्रगतिशील लेखक संघ के प्रदेश संरक्षक रहे। उनकी करीब आधा दर्जन विभिन्न विषयों पर पुस्तकें भी प्रकाशित हो चुकी हैं। हाल ही में उनका काव्य संग्रह अकेलेपन का डर लोकार्पित हुआ था। अभी उनकी नई कृति विविधा प्रकाशनाधीन है। स्पष्ट वक्ता, मृदुभाषी डॉ.यादव ने सदा गरीब और पिछड़ों के लिए आवाज बुलन्द की, मगर दलितों और पिछड़ों का यह मसिहा 24 अक्टूबर, 2012 को इस नश्वर संसार को अलविदा कह गया।....श्रद्धांजली !!


 -रघुविन्द्र यादव

शनिवार, 3 नवंबर 2012

यदुकुल का बढ़ा गौरव : ब्लागिंग में उत्कृष्ट कार्य हेतु कृष्ण कुमार-आकांक्षा यादव को उ. प्र. के मुख्यमंत्री द्वारा 'अवध सम्मान'.

पिछले दिनों 'दशक के श्रेष्ठ दम्पति ब्लागर' सम्मान से नवाजे गए दम्पति कृष्ण कुमार यादव और आकांक्षा यादव को इस बार फिर एक बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने 1 नवम्बर, 2012 को इलाहाबाद परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएं कृष्ण कुमार यादव और उनकी पत्नी आकांक्षा यादव को ‘न्यू मीडिया एवं ब्लागिंग’ में उत्कृष्टता के लिए एक भव्य कार्यक्रम में ‘अवध सम्मान’ से सम्मानित किया गया. जी न्यूज़ द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का आयोजन ताज होटल, लखनऊ में किया गया था, जिसमें विभिन्न विधाओं में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मानित किया गया, पर यह पहली बार हुआ जब किसी दम्पति को युगल रूप में यह प्रतिष्ठित सम्मान दिया गया.

कहते हैं की  जीवन में कुछ करने की चाह हो तो रास्ते खुद-ब-खुद बन जाते हैं। हिन्दी-ब्लागिंग के क्षेत्र में ऐसा ही रास्ता अखि़्तयार किया दम्पति कृष्ण कुमार यादव व आकांक्षा यादव ने। उनके इस जूनून के कारण ही आज हिंदी ब्लागिंग को आधिकारिक तौर पर भी विधा के रूप में मान्यता मिलने लगी है.  ब्लागर दम्पति को सम्मानित करते हुए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जहाँ न्यू मीडिया के रूप में ब्लागिंग की सराहना की, वहीँ कृष्ण कुमार यादव ने अपने संबोधन में उनसे उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा दिए जा रहे सम्मानों में ‘ब्लागिंग’ को भी शामिल करने का अनुरोध किया. आकांक्षा यादव ने न्यू मीडिया और ब्लागिंग के माध्यम से भ्रूण-हत्या, नारी-उत्पीडन जैसे मुद्दों के प्रति सचेत करने की बात कही. अन्य सम्मानित लोगों में वरिष्ठ साहित्यकार विश्वनाथ त्रिपाठी, चर्चित लोकगायिका मालिनी अवस्थी, ज्योतिषाचार्य पं. के. ए. दुबे पद्मेश, वरिष्ठ आई.एस. अधिकारी जय शंकर श्रीवास्तव इत्यादि प्रमुख रहे.


जीवन में एक-दूसरे का साथ निभाने की कसमें खा चुके कृष्ण कुमार यादव और आकांक्षा यादव, साहित्य और ब्लागिंग में भी हमजोली बनकर उभरे हैं. कृष्ण कुमार यादव ब्लागिंग और हिन्दी-साहित्य में एक चर्चित नाम हैं, जिनकी 6 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं । उनके जीवन पर एक पुस्तक ’बढ़ते चरण शिखर की ओर’ भी प्रकाशित हो चुकी है। आकांक्षा यादव भी नारी-सशक्तीकरण को लेकर प्रखरता से लिखती हैं और उनकी दो पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं । कृष्ण कुमार-आकांक्षा यादव ने वर्ष 2008 में ब्लाग जगत में कदम रखा और 5 साल के भीतर ही सपरिवार विभिन्न विषयों पर आधारित दसियों ब्लाग का संचालन-सम्पादन करके कई लोगों को ब्लागिंग की तरफ प्रवृत्त किया और अपनी साहित्यिक रचनाधर्मिता के साथ-साथ ब्लागिंग को भी नये आयाम दिये। कृष्ण कुमार यादव का ब्लॉग ‘शब्द-सृजन की ओर’ (http://www.kkyadav.blogspot.in/) जहाँ उनकी साहित्यिक रचनात्मकता और अन्य तमाम गतिविधियों से रूबरू करता है, वहीँ ‘डाकिया डाक लाया’ (http://dakbabu.blogspot.in/) के माध्यम से वे डाक-सेवाओं के अनूठे पहलुओं और अन्य तमाम जानकारियों को सहेजते हैं. आकांक्षा यादव अपने व्यक्तिगत ब्लॉग ‘शब्द-शिखर’ (http://shabdshikhar.blogspot.in/) पर साहित्यिक रचनाओं के साथ-साथ सामाजिक सरोकारों और विशेषत: नारी-सशक्तिकरण को लेकर काफी मुखर हैं.
इस दम्पति के ब्लागों को सिर्फ देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी भरपूर सराहना मिली। कृष्ण कुमार यादव के ब्लाग ’डाकिया डाक लाया’ को 98 देशों, ’शब्द सृजन की ओर’ को 75 देशों, आकांक्षा यादव के ब्लाग ’शब्द शिखर’ को 68 देशों में देखा-पढ़ा जा चुका है. सबसे रोचक तथ्य यह है कि यादव दम्पति ने अभी से अपनी सुपुत्री अक्षिता (पाखी) में भी ब्लागिंग को लेकर जूनून पैदा कर दिया है. पिछले वर्ष ब्लागिंग हेतु भारत सरकार द्वारा ’’राष्ट्रीय बाल पुरस्कार’’ से सम्मानित अक्षिता (पाखी) का ब्लाग ’पाखी की दुनिया’ (http://pakhi-akshita.blogspot.in/) बच्चों के साथ-साथ बड़ों में भी काफी लोकप्रिय है और इसे 98 देशों में देखा-पढ़ा जा चुका है। इसके अलावा इस ब्लागर दम्पति द्वारा ‘उत्सव के रंग’, ‘बाल-दुनिया’, ‘सप्तरंगी प्रेम’ इत्यादि ब्लॉगों का भी सञ्चालन किया जाता है.
 

इस अवसर पर उ.प्र. विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय, रीता बहुगुणा जोशी, प्रमोद तिवारी, केबिनेट मंत्री दुर्गा प्रसाद यादव, अनुप्रिया पटेल, मेयर दिनेश शर्मा सहित मंत्रिपरिषद के कई सदस्य, विधायक, कार्पोरेट और मीडिया से जुडी हस्तियाँ, प्रशासनिक अधिकारी, साहित्यकार, पत्रकार, कलाकर्मी व खिलाडी इत्यादि उपस्थित रहे. आभार ज्ञापन जी न्यूज उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड के संपादक वाशिन्द्र मिश्र ने किया.

शुक्रवार, 2 नवंबर 2012

अभिनेता रघुवीर यादव फिल्म में सेक्स पिल बेचकर देंगे सन्देश


पीपली लाइव से लोकप्रिय हुए अभिनेता रघुवीर यादव अब अपनी अगली फिल्म में सेक्स पिल विक्रेता की भूमिका में नजर आएंगे।

 अभिनेता रघुवीर को उम्मीद है कि इस फिल्म से समाज में कुछ सकरात्मक बदलाव देखने को मिलेंगे। वह इस फिल्म में गांव में लोगों को सेक्स पिल बेचते दिखेंगे। हालांकि रघुवीर का मानना है कि कहानी दर्शकों को समझ में आएगी क्योंकि आज भी हमारे समाज में अपनी पर्सनल लाइफ के बारे में बात करने में लोग हिचकिचाते हैं।
 
रघुवीर ने बताया कि यह रोल मेरे लिए बहुत चुनौतीपूर्ण होगा। उनका कहना था कि पीपली लाइव के बाद आज तक की यह मेरी बेहतरीन भूमिका होगी। मुझे आशा है कड़ी मेहनत के बाद यह संदेश लोगों तक पहुंचेगा।

गुरुवार, 1 नवंबर 2012

निशा और रचना यादव ने एथलेटिक्स में बनाये नए रिकार्ड

लखनऊ में संपन्न राष्ट्रीय जूनियर एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में 30 अक्तूबर, 2012 को उत्तर प्रदेश की निशा यादव ने धमाकेदार प्रदर्शन करते हुए अंडर -18 के हैमर-थ्रो में रिकार्ड के साथ स्वर्ण पदक पर कब्ज़ा किया। बागपत के गुरसनी गाँव की निशा यादव ने नया राष्ट्रीय रिकार्ड बनाया और 54.39 मीटर की दूरी तक हैमर फेंककर हरियाणा की भावना का रिकार्ड तोड़कर यह सफलता प्राप्त की।
 
यही नहीं, निशा की बड़ी बहन रचना यादव ने भी अंडर -20 वर्ग के हैमर-थ्रो में 50.55 मीटर का थ्रो कर नए मीट रिकार्ड के स्वर्ण पदक पर कब्ज़ा जमाया।
 
लखनऊ के गुरु गोविन्द सिंह स्पोर्ट्स कालेज में संपन्न इस प्रतियोगिता में उड़नपरी पी टी उषा ने निशा और रचना यादव को मैडल पहनाकर गले लगाकर बधाइयाँ दी।

'यदुकुल' की तरफ से भी दोनों बहनों को हार्दिक बधाइयाँ।

- राम शिव मूर्ति यादव, संयोजक- यदुकुल ब्लॉग (www.yadukul.blogspot.com)