हिंदी ब्लॉगिंग के माध्यम से समाज और साहित्य के बीच सेतु निर्माण के निमित्त चर्चित ब्लागर एवं इलाहाबाद परिक्षेत्र के निदेशक डाक सेवाएँ कृष्ण कुमार यादव और उनकी पत्नी आकांक्षा यादव को क्रमशः ”परिकल्पना साहित्य सम्मान” व ”परिकल्पना ब्लॉग विभूषण सम्मान” के लिए चुना गया है। यह सम्मान 13-14 सितंबर 2013 को नेपाल की राजधानी काठमाण्डू के राजभवन में आयोजित ‘अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन‘ में प्रदान किया जायेगा। इन सम्मान के अंतर्गत स्मृति चिन्ह, सम्मान पत्र, श्री फल, पुस्तकें अंगवस्त्र और एक निश्चित धनराशि प्रदान किए जाएंगे।
गौरतलब है कि यादव दंपति एक लम्बे समय से साहित्य और ब्लागिंग से अनवरत जुडे़ हुए हैं। अभी पिछले वर्ष ही इन दम्पति को उ.प्र. के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा न्यू मीडिया ब्लागिंग हेतु ”अवध सम्मान” और हिन्दी ब्लागिंग के दस साल पूरे होने पर ”दशक के श्रेष्ठ हिन्दी ब्लागर दम्पति” सम्मान से भी नवाजा गया था। कृष्ण कुमार यादव जहाँ “शब्द-सृजन की ओर“ (www.kkyadav.blogspot.com/) और “डाकिया डाक लाया“ (www.dakbabu.blogspot.com/) ब्लॉग के माध्यम से सक्रिय हैं, वहीं आकांक्षा यादव “शब्द-शिखर“ (www.shabdshikhar.blogspot.com/) ब्लॉग के माध्यम से। इसके अलावा इस दंपत्ति द्वारा सप्तरंगी प्रेम, बाल-दुनिया और उत्सव के रंग ब्लॉगों का भी युगल संचालन किया जाता है। कृष्ण कुमार-आकांक्षा यादव ने वर्ष 2008 में ब्लॉग जगत में कदम रखा और 5 साल के भीतर ही विभिन्न विषयों पर आधारित दसियों ब्लॉग का संचालन-सम्पादन करके कई लोगों को ब्लागिंग की तरफ प्रवृत्त किया और अपनी साहित्यिक रचनाधर्मिता के साथ-साथ ब्लागिंग को भी नये आयाम दिये। कृष्ण कुमार यादव के ब्लॉग सामयिक विषयों, मर्मस्पर्शी कविताओं व जानकारीपरक, शोधपूर्ण आलेखों से परिपूर्ण है; वहीं नारी विमर्श, बाल विमर्श एवं सामाजिक सरोकारों सम्बन्धी विमर्श में विशेष रुचि रखने वाली आकांक्षा यादव अग्रणी महिला ब्लॉगर हैं और इनकी रचनाओं में नारी-सशक्तीकरण बखूबी झलकता है। गौरतलब है कि इस ब्लागर दम्पति की सुपुत्री अक्षिता (पाखी) को ब्लागिंग हेतु 'पाखी की दुनिया' (www.pakhi-akshita.blogspot.com/) ब्लॉग के लिए सबसे कम उम्र में 'राष्ट्रीय बाल पुरस्कार' प्राप्त हो चुका है। अक्षिता को परिकल्पना समूह द्वारा श्रेष्ठ नन्ही ब्लागर के ख़िताब से भी सम्मानित किया जा चुका है।
लगभग समान अभिरुचियों से युक्त इस दंपति की विभिन्न विधाओं में रचनाएँ देश-विदेश की प्रायः अधिकतर प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं और इंटरनेट पर वेब पत्रिकाओं व ब्लॉग पर निरंतर प्रकाशित होती रहती है। कृष्ण कुमार यादव की 6 कृतियाँ ”अभिलाषा” (काव्य संग्रह), ”अभिव्यक्तियों के बहाने” व ”अनुभूतियाँ और विमर्श” (निबंध संग्रह), इण्डिया पोस्ट: 150 ग्लोरियस ईयर्ज (2006) एवं ”क्रांतियज्ञ: 1857-1947 की गाथा” (2007), ”जंगल में क्रिकेट” (बालगीत संग्रह) प्रकाशित हैं, वहीं आकांक्षा यादव की एक मौलिक कृति ”चाँद पर पानी” (बालगीत संग्रह) प्रकाशित है।
1 टिप्पणी:
शुभकामनाएं;
अनेक पुरस्कारों और उपाधियों की परतें कहीं सच को ढकने के काम तो नहीं आती.
मुझे हमेशा ही इसमे राजनीती की बू आती है, चयन की प्रक्रिया क्या है कैसे इतना सब संभव हो जाता है, जो लोग इस तरह के पुरस्कार बाँटते हैं वो कौन हैं, पता नहीं पर मुझे कभी कोई पुरस्कार नहीं मिला हो सकता है इसलिए ये भाव इसीलिए आते हों पर अधिकाँश पुरस्कार जुगाड़ से ही मिलते हैं.
कहीं इस पुँरस्कार को ऐसा ही न समझा जाय.
प्रतिभा को सम्मान .
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