सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने जीवन के 75वें बसंत को भी पार कर लिया। रामपुर में मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन को शाही अंदाज में मनाया जा रहा है। सपा प्रमुख ने खासकर लंदन से लाई गई विक्टोरियाई बग्घी से सीआरपीएफ कैम्प से मौलाना मुहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय स्थित आयोजन स्थल तक 14 किलोमीटर का सफर तय किया। सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने जौहर विश्वविद्यालय में मध्यरात्रि के समय 75 फुट लंबा केक काटकर अपना 75 वां जन्मदिन मनाया. इस मौके पर राज्य के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, मंत्री आजम खान, सहित पार्टी के नेता, सांसद और विधायक मौजूद थे.
समाजवादी पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के 75 साल के होने पर यूपी के कैबिनेट मंत्री आजम खान के गृहनगर रामपुर में शुक्रवार को उनका जन्मदिन बेहद शाही अंदाज में मनाया गया। रात में आयोजित कार्यक्रम में मशहूर सूफी गायक हंसराज हंस और कव्वाली गायक साबरी ब्रदर्स ने प्रस्तुति दी। पंडाल में रात 12 बजे मुलायम सिंह यादव ने 75 फीट लंबा केक काटा। इस मौके पर मुलायम ने रामपुर को मेडिकल कॉलेज का तोहफा दिया। सीएम अखिलेश यादव ने भी रामपुर के लिए कई योजनाओं की घोषणा की।
कार्यक्रम स्थल को सजाने के लिए 400 किलो फूलों का इस्तेमाल किया गया। कार्यक्रम के लाइव टेलिकास्ट का इंतजाम भी किया गया था। इसके लिए जौहर यूनिवर्सिटी कैंपस (जहां कार्यक्रम हुआ) के अलावा शहर में कई जगहों पर एलसीडी स्क्रीन लगवाई गई थी। मेहमानों की सुरक्षा में 15 सौ पुलिस वाले तैनात किए गए थे। बताया जा रहा है कि मेहमानों के लिए खास तरह के व्यंजनों का इंतजाम किया गया था। इसके लिए लखनऊ और दिल्ली से कारीगर बुलाए गए थे। आजम के नजदीकी सूत्रों के मुताबिक, वैसे तो कई व्यंजन तैयार किए गए, लेकिन लखनऊ के कबाब और बिरयानी का विशेष इंतजाम था। इसके अलावा, मेहमानों को केसरिया दूध भी परोसा गया।
शुक्रवार दोपहर बाद मुलायम सिंह यादव अपने बेटे और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ विक्टोरियन स्टाइल की बग्घी पर बैठकर समारोह स्थल पहुंचे। मुलायम के साथ बग्घी में उनके बेटे अखिलेश, भाई शिवपाल यादव के अलावा आजम खान और विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय सवार थे। बग्घी के पीछे 50 कारों का काफिला था, जिनमें उत्तर प्रदेश सरकार के 40 मंत्री सवार थे। इस काफिले ने करीब 14 किलोमीटर की दूरी तय की।
समाजवादी पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के 75 साल के होने पर यूपी के कैबिनेट मंत्री आजम खान के गृहनगर रामपुर में शुक्रवार को उनका जन्मदिन बेहद शाही अंदाज में मनाया गया। रात में आयोजित कार्यक्रम में मशहूर सूफी गायक हंसराज हंस और कव्वाली गायक साबरी ब्रदर्स ने प्रस्तुति दी। पंडाल में रात 12 बजे मुलायम सिंह यादव ने 75 फीट लंबा केक काटा। इस मौके पर मुलायम ने रामपुर को मेडिकल कॉलेज का तोहफा दिया। सीएम अखिलेश यादव ने भी रामपुर के लिए कई योजनाओं की घोषणा की।
कार्यक्रम स्थल को सजाने के लिए 400 किलो फूलों का इस्तेमाल किया गया। कार्यक्रम के लाइव टेलिकास्ट का इंतजाम भी किया गया था। इसके लिए जौहर यूनिवर्सिटी कैंपस (जहां कार्यक्रम हुआ) के अलावा शहर में कई जगहों पर एलसीडी स्क्रीन लगवाई गई थी। मेहमानों की सुरक्षा में 15 सौ पुलिस वाले तैनात किए गए थे। बताया जा रहा है कि मेहमानों के लिए खास तरह के व्यंजनों का इंतजाम किया गया था। इसके लिए लखनऊ और दिल्ली से कारीगर बुलाए गए थे। आजम के नजदीकी सूत्रों के मुताबिक, वैसे तो कई व्यंजन तैयार किए गए, लेकिन लखनऊ के कबाब और बिरयानी का विशेष इंतजाम था। इसके अलावा, मेहमानों को केसरिया दूध भी परोसा गया।
शुक्रवार दोपहर बाद मुलायम सिंह यादव अपने बेटे और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ विक्टोरियन स्टाइल की बग्घी पर बैठकर समारोह स्थल पहुंचे। मुलायम के साथ बग्घी में उनके बेटे अखिलेश, भाई शिवपाल यादव के अलावा आजम खान और विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय सवार थे। बग्घी के पीछे 50 कारों का काफिला था, जिनमें उत्तर प्रदेश सरकार के 40 मंत्री सवार थे। इस काफिले ने करीब 14 किलोमीटर की दूरी तय की।
मुलायम सिंह यादव का जन्म 22 नवम्बर 1939 को इटावा जिले के सैफई गांव में मूर्ती देवी और सुघर सिंह के किसान परिवार में हुआ था। पिता सुघर सिंह उन्हें पहलवान बनाना चाहते थे, लेकिन पहलवानी में अपने राजनीतिक गुरू नत्थूसिंह को मैनपुरी में आयोजित एक कुश्ती प्रतियोगिता में प्रभावित करने के बाद उन्होंने नत्थूसिंह के परम्परागत विधान सभा क्षेत्र जसवन्त नगर से अपना राजनीतिक सफर शुरू किया।
राजनीति में आने से पहले मुलायम सिंह आगरा विश्वविद्यालय से एमए और जैन इंटर कॉलेज मैनपुरी से बीटी की। इसके बाद कुछ दिनों तक इंटर कॉलेज में पढ़ाया भी। एक कवि सम्मेलन में उस समय के विख्यात कवि दामोदर स्वरूप विद्रोही ने अपनी चर्चित रचना दिल्ली की गद्दी सावधान! सुनाई तो पुलिस का एक दरोगा मंच पर चढ़ आया और विद्रोही से माइक छीन लिया। उस वक्त एक लड़का बड़ी फुर्ती से वहां पहुंचा और उसने उस दरोगा को मंच पर ही उठाकर दे मारा।
विद्रोही जी ने मंच पर बैठे कवि उदय प्रताप सिंह से पूछा ये नौजवान कौन है तो पता चला कि यह मुलायम सिंह यादव है। उस समय मुलायम सिंह उस कालेज के छात्र थे और उदय प्रताप सिंह वहाँ प्राध्यापक थे। बाद में यही मुलायम सिंह यादव जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने विद्रोही जी को उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान का साहित्य भूषण सम्मान प्रदान किया।
मुलायम सिंह 1967 में पहली बार विधान सभा के सदस्य चुने गये और मंत्री बने, 1992 में उन्होंने समाजवादी पार्टी बनाई। वे तीन उत्तर प्रदेश के मुख्य मन्त्री रहे। इसके अतिरिक्त वे भारत सरकार में रक्षा मन्त्री भी रह चुके हैं। मुलायम सिंह पर कई पुस्तकें लिखी जा चुकी हैं। इनमें पहला नाम मुलायम सिंह यादव-चिन्तन और विचार और मुलायम सिंह-पॉलिटिकल बायोग्राफी आदी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव को जन्मदिन की बधाई दी। अपने बधाई संदेश में मोदी ने मुलायम के लिए लंबे और स्वस्थ जीवन की कामना की। मुलायम सिंह यादव 75 साल के हो गए हैं। पीएम ने ट्वीट किया, 'मुलायम सिंह यादव जी के जन्मदिन पर मैं उन्हें शुभकामना देता हूं और प्रार्थना करता हूं कि उन्हें लंबा और स्वस्थ जीवन मिले।' पीएम की बधाई पर अखिलेश ने फेसबुक और ट्विटर के माध्यम से उनका शुक्रिया अदा किया। अखिलेश ने लिखा, '@narendramodi, आपकी शुभकामनाओं के लिए शुक्रिया।'
मुलायम सिंह यादव जी को जन्मदिन पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ। उम्र के 75वें बसंत के पड़ाव को उन्होंने पूरा कर लिया है, कामना है कि शतायु हों, स्वस्थ और सुखी हों।
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