हिन्दी के प्रति मुलायम सिंह यादव का मोह जगजाहिर है। बात चाहे कम्प्यूटर और अंग्रेजी थोपने के विरोध की हो या फिर हिन्दी-उर्दू में नेमप्लेट लगवाने की, मुलायम सिंह काफी सख्त रहे हैं। उनके मुख्यमंत्री-कार्यकाल के दौरान यह बखूबी देखने को भी मिलता रहा है। 15वीं लोकसभा चुनाव के दौरान जारी सपा के घोषणा पत्र में इसका जिक्र होने पर काफी विवाद भी पैदा हुआ था। पर मुलायम सिंह अपनी बात पर अडिग भी हैं और होना भी चाहिए। स्वयं मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने भी हिन्दी को संपर्क भाषा बनाने पर जोर दिया है।
संसद में भी मुलायम सिंह का हिन्दी प्रेम जाहिर होता रहता है। अभी ज्यादा दिन नहीं बीते होंगे जब 15 जुलाई, 2009 को मुलायम सिंह ने लोकसभा मे हिन्दी के पक्ष में ऐसा माहौल बनाया कि कई गैर हिन्दी क्षेत्रों के सांसदों ने भी हिन्दी का दामन थाम लिया। लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने जब लखनऊ और नोएडा में पेड़ों की अंधाधुंध कटाई से संबंधित मुलायम सिंह के एक सवाल का जवाब अंग्रेजी में देना शुरू किया तो मुलायम सिंह ने उनसे कहा, ‘जयराम जी, आपका नाम भी हिन्दी वाला है और आप हिन्दी जानते हैं। सवाल का जवाब हिंदी में दीजिए। यह लंदन नहीं लोकसभा है।‘
अभी हाल ही में दिल्ली में जलवायु परिवर्तन से जुड़े विषय पर एक अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में भी मुलायम सिंह के हिन्दी प्रेम का असर दिखा, यद्यपि इसमें स्वयं मुलायम सिंह शामिल नहीं थे। इस संगोष्ठी में चूंकि दक्षिण पूर्व एशियाई मुल्कों के प्रतिनिधि भी थे लिहाजा सम्मेलन की स्वाभाविक भाषा अंग्रेजी ही थी लेकिन केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने अचानक हिन्दी में बोलना शुरू कर दिया तो आयोजक अचकचा गए। उन्हेंने अनुरोध किया कि मंत्री जी अंगे्रजी में बोलें, इस पर जयराम ने हंसते हुए खुलासा किया कि जब से मुलायम सिंह यादव ने संसद में उन्हें हिन्दी में न बोलने के लिए टोका है तब से वह हर जगह हिन्दी में ही बोलते हैं ताकि मुलायम सिंह या उन जैसा कोई हिन्दी प्रेमी नाराज न हो।..........अब तो मुलायम सिंह का हिन्दी प्रेम मानना ही पड़ेगा। केन्द्र सरकार उन्हें भले ही नाराज कर दे पर हिन्दी के नाम पर मुलायम सिंह को नाराज करना शायद इतना आसान नहीं है।
5 टिप्पणियां:
हिंदी को लोकप्रिय बनाना हम सबकी जिम्मेदारी है....मुलायम जी इसके लिए बधाई के पात्र हैं.
अद्भुत...रोचक वाकया.
हिंदी बने राष्ट्र के भाल की बिंदी.....इस रोचक प्रस्तुति हेतु साधुवाद.
हिंदी की भूमिका पर सशक्त पोस्ट.
मुलायम सिंह ने हिंदी को लेकर तमाम आन्दोलन किये हैं. उनकी भूमिका सराहनीय है.
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