कन्नौज संसदीय सीट से एक बार चुनावी मैदान में उतर सकती हैं उत्तर प्रदेश के युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की बेटर हॉफ यानी कि डिंपल यादव। अखिलेश यादव के रूख से तो यही नजर आ रहा है। वह बार-बार यही दोहरा रहे हैं कि कन्नौज की जनता तय करेगी कि वहां से कौन चुनाव लड़े। जनता की तरफ से लगातार डिंपल को संसदीय चुनाव लड़ाने के लिए हो रही मांग पर उन्होंने कहा कि जनभावनाओं के अनुरूप ही पार्टी निर्णय लेगी।
दरअसल अखिलेश यादव कन्नौज से सांसद हैं, लेकिन मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने के बाद उन्हें यह सीट छोड़नी पड़ेगी। इसीलिए अपनी पुश्तैनी सीट कन्नौज से डिंपल को लड़ाने की मांग ज्यादा हो रही है। यदि ऐसा होता है तो यह दूसरा अवसर होगा जब डिंपल अपने पति की छोड़ी गई सीट पर चुनाव लड़ेंगी। वो इससे पहले फिरोजाबाद से लोकसभा का उपचुनाव लड़ चुकी है।
हालांकि तब उन्हें हार का सामना करना पड़ा था लेकिन तब के औऱ अब के हालात बिल्कुल अलग है इसलिए इस बार अगर डिंपल अगर चुनाव में उतरती हैं तो यह फैसला सपा के हक में आ सकता है। वैसे मुलायम सिंह यादव इस सीट पर अपने भाई शिवपाल को चुनाव लड़ाना चाहते थे लेकिन वे इसके लिए तैयार नहीं हैं। इससे भी डिंपल के लिए चुनाव की बात हो रही है।
-राम शिव मूर्ति यादव : यदुकुल
दरअसल अखिलेश यादव कन्नौज से सांसद हैं, लेकिन मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने के बाद उन्हें यह सीट छोड़नी पड़ेगी। इसीलिए अपनी पुश्तैनी सीट कन्नौज से डिंपल को लड़ाने की मांग ज्यादा हो रही है। यदि ऐसा होता है तो यह दूसरा अवसर होगा जब डिंपल अपने पति की छोड़ी गई सीट पर चुनाव लड़ेंगी। वो इससे पहले फिरोजाबाद से लोकसभा का उपचुनाव लड़ चुकी है।
हालांकि तब उन्हें हार का सामना करना पड़ा था लेकिन तब के औऱ अब के हालात बिल्कुल अलग है इसलिए इस बार अगर डिंपल अगर चुनाव में उतरती हैं तो यह फैसला सपा के हक में आ सकता है। वैसे मुलायम सिंह यादव इस सीट पर अपने भाई शिवपाल को चुनाव लड़ाना चाहते थे लेकिन वे इसके लिए तैयार नहीं हैं। इससे भी डिंपल के लिए चुनाव की बात हो रही है।
-राम शिव मूर्ति यादव : यदुकुल
5 टिप्पणियां:
Mrs. CM Aunty..Congts. in Advance.
हार्दिक बधाइयाँ...रिजल्ट तो अभी से सबको पता है.
बहुत बहुत आभार जानकारी के liye ||
निश्चय ही यह सही फैसला होगा। डिम्पल जी को अग्रिम मुबारकवाद।
जीत की अग्रिम बधाइयाँ..
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