भगवान श्री कृष्ण न सिर्फ यदुकुल बल्कि सर्व-संसार के आराध्य माने जाते हैं. उन्होंने पत्नी के रूप में कई नारियों को अपनाया और उन्हें सम्मानजनक स्थान दिया. कृष्ण की प्रथम पत्नी थी रुक्मिणी उनका अपहरण करके विवाह किया था यह अपहरण रुक्मिणी के कहने पर ही हुआ था रुक्मिणी; राजा भीष्मक और शुध्दम्बी की कन्या थी कृष्ण की दूसरी पत्नी ;निशाधराज जाम्बवान की पुत्री जाम्बवती थी कृष्ण की तीसरी पत्नी सत्राजित की पुत्री सत्यभामा थी सत्राजित को शक्तिसेन के नाम से भी जानते हैं कृष्ण की चौथी पत्नी अवन्ती की राजकुमारी मित्रविन्दा थी कौशल की पुत्री सत्या ;कृष्ण की पांचवी पत्नी थी मद्र कन्या वृहत्सेना की पुत्री लक्ष्मणा ;कृष्ण की छठी पत्नी थी केकय कन्या भद्रा कृष्ण की सातवीं पत्नी थी कृष्ण की आठवी पत्नी कालिंदी थी ये खांडव वन की रहने वाली थी यही पर पांडवों का इंद्रप्रस्थ बना था नरकासुर के द्वारा बंदी बनायीं गयी सोलह सहस्र स्त्रियों को कृष्ण ने मुक्त कराया और उनसे विवाह किया
कृष्ण और रुक्मिणी के प्रथम पुत्र प्रदुम्न का उसके जन्म के छठवें दिन ही असुर शंबरासुर ने अपहरण कर लिया था उसकी पत्नी मायावती ने उसे आसुरी प्रवृतियों के साथ पाला था प्रदुम्न को जब अपने माता-पिता के बारे में पता चला तो उसने शंबरासुर का वध कर दिया और द्वारका आ गया कृष्ण और रुक्मिणी के दूसरे पुत्र का नाम चारुदेष्ण था सत्यभामा के पुत्र का नाम भानु था जाम्बवती के पुत्र का नाम साम्ब था यही पुत्र यादव वंश के नाश का कारण बना था साम्ब का विवाह दुर्योधन की पुत्री लक्ष्मणा के साथ हुआ था मित्रव्रंदा का पुत्र वृक था सत्याके पुत्र का नाम वीर था कृष्ण और रुक्मिणी की पुत्री का नाम चारु था कृष्ण की तीन बहने थी.1- एकानंगा....यह यशोदा पुत्री थी. 2- सुभद्रा ...यह रोहिणी पुत्री थी. 3- द्रोपदी ....मानस भगिनी थी गुरु संदीपन ने कृष्ण को शास्त्रों सहित चौदह विद्या और चौसठ कलाओं का ज्ञान दिया था गुरु घोरंगिरस ने सांगोपांग ब्रह्म ज्ञान की शिक्षा दी थी राधा और द्रोपदी कृष्ण की सखियाँ थी !!
साभार : कल्पना दुबे
कृष्ण और रुक्मिणी के प्रथम पुत्र प्रदुम्न का उसके जन्म के छठवें दिन ही असुर शंबरासुर ने अपहरण कर लिया था उसकी पत्नी मायावती ने उसे आसुरी प्रवृतियों के साथ पाला था प्रदुम्न को जब अपने माता-पिता के बारे में पता चला तो उसने शंबरासुर का वध कर दिया और द्वारका आ गया कृष्ण और रुक्मिणी के दूसरे पुत्र का नाम चारुदेष्ण था सत्यभामा के पुत्र का नाम भानु था जाम्बवती के पुत्र का नाम साम्ब था यही पुत्र यादव वंश के नाश का कारण बना था साम्ब का विवाह दुर्योधन की पुत्री लक्ष्मणा के साथ हुआ था मित्रव्रंदा का पुत्र वृक था सत्याके पुत्र का नाम वीर था कृष्ण और रुक्मिणी की पुत्री का नाम चारु था कृष्ण की तीन बहने थी.1- एकानंगा....यह यशोदा पुत्री थी. 2- सुभद्रा ...यह रोहिणी पुत्री थी. 3- द्रोपदी ....मानस भगिनी थी गुरु संदीपन ने कृष्ण को शास्त्रों सहित चौदह विद्या और चौसठ कलाओं का ज्ञान दिया था गुरु घोरंगिरस ने सांगोपांग ब्रह्म ज्ञान की शिक्षा दी थी राधा और द्रोपदी कृष्ण की सखियाँ थी !!
साभार : कल्पना दुबे
10 टिप्पणियां:
kuch kaam dham nhi tha kya inke pass
jo itni shadiya ki
..कृष्ण जी ने उन लोगों का उद्धार करने के लिए उन्हें पत्नी रूप में स्वीकारा , न कि आपने शौक के लिए. इसे भौतिकवादी लोग नहीं समझ पायेंगें. यह श्री कृष्ण की लीला और अध्यात्मिक चेतना से जुड़ा हुआ है.
कृष्ण की प्रमुखत: आठ रानियाँ थीं! नरकासुर से मुक्त सोलह हजार स्त्रियों से विवाह इसलिये किया था कि कहीं उनका शोषण न हो क्योंकि उनसे उस समय कोई विवाह नही करता और ऐसी अवस्था में उनकी एक ही गति थी -वेश्यावृत्ति अथवा बलात्कार
Bewkoof khana bhagwan nhi khate isliye prasad logo ko unke karan hi prapt hota hai ...bhagwan kriyasheel the...tumhare pass toh bahut kaam hai jao yaha bakwas mat karo aur mohan sabd hatao apne naam se
आदरणीय सादर प्रणाम आपके इस यादव प्रमुख ब्लॉग पर आकर अच्छा लगा ।। मैं भी ब्लॉग लिखता हु क्लिक justiceleague-justice.blogspot.com
Kunti was the biological daughter of the Shurasena, a Yadava chief. Her birth name was Pritha. Kunti was the sister of Vasudeva, the father of Krishna and shared close relationship with Krishna. Her father gave Kunti to his childless cousin Kuntibhoja.
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महोदय आपके नाम मोहन कृष्ण भगवान का ही नाम है ।। 16 हज़ार महिलाये नरकासुर के यहा कैद थी ।। जब भगवान कृष्ण ने उन्हें मुक्त किया तो उस समय के समाज अनुसार उन्हें कोई छु और उनके दिए कुछ को छूना तक अपराध था ।। समाज उन्हें अपना नही सकता था ।। अतः समाज मे वो गर्व से जिये कृष्ण ने नाम मात्र अपनी पत्नी ही नही घोसित किया बल्कि उन्हें सरन भी दिया ।। इसी तरह रुक्मिणी ने कृष्ण को तपस्या से प्राप्त किया सत्यभामा को उनके पिता ने कृष्ण को अपनी गलती पछतावा से दिया जमवंति को उनके पिता जामवंत ने कृष्ण को सौपा इसी तरह अन्य कहानिया है ।।
रही बात काम की तो कृष्ण जि ने गीता ज्ञान दिया ।। असहाय कमजोर पांडवों को उनका अधिकार दिलाया और हर जगह उन्होंने धर्म की स्थापना किया ।।
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