मथुरा में जन्में १९७६ बैच के आई. ए. एस. अधिकारी श्री अजय सिंह यादव की पुस्तक "मैंने आई. ए. एस. क्यों छोड़ी" प्रशासनिक सेवाओं में कार्यरत अधिकारियों और प्रवेश के इच्छुक प्रत्याशियों के लिए ही नहीं, बल्कि लोक प्रशासन के बारे में सोचने वाले हर जागरूक नागरिक के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है. आपने दीर्घ प्रशासकीय अनुभव और विशिष्ट अंतर्दृष्टि के जरिये अजय सिंह जी ने शीर्ष सिविल सेवाओं का जो यथार्थ इस पुस्तक में प्रस्तुत किया है उसे पढ़कर कोई भी विचारवान व्यक्ति उद्धेलित हुए बिना नहीं रह सकता. मध्य प्रदेश में सीहोर और शहडोल जिलों के कलेक्टर रहे अजय सिंह ने १९९७ में स्वेच्छा से सेवानिवृत्ति ले ली और वर्ष २००१ में उनकी यह पुस्तक संस्मरणात्मक रूप में प्रकाशित हुयी. सिविल सेवा में बचे-खुचे ईमानदार अधिकारियों को समर्पित इस पुस्तक में आदर्शवाद से भरपूर नौजवान की सेवा में आने के बाद की व्यथा को समझा जा सकता है. वस्तुत: यह आदर्शों और व्यावहारिकता का एक दंद है जिसे हर अधिकारी अपने हिसाब से महसूस करता और उसका सामना करता है. पुस्तक पढ़कर प्रशासनिक सच को करीब से महसूस किया जा सकता है.
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16 घंटे पहले
6 टिप्पणियां:
बड़ा अच्छा प्रयास है आपका. इसी बहाने समाज के अन्य लोगों के बारे में और उनके कार्यों के बारे में भी जानकारी मिल रही है. इसे बनाये रखें !! अजय सिंह जी कि पुस्तक के बारे में पढ़कर अच्छा लगा.
Whether this book is avilable in market....any link!!
Nice Book with beautiful Review.
लाजवाब और नवीन प्रस्तुति.
आपने दीर्घ प्रशासकीय अनुभव और विशिष्ट अंतर्दृष्टि के जरिये अजय सिंह जी ने शीर्ष सिविल सेवाओं का जो यथार्थ इस पुस्तक में प्रस्तुत किया है उसे पढ़कर कोई भी विचारवान व्यक्ति उद्धेलित हुए बिना नहीं रह सकता.....very useful book.
Different type of book.
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