गुरुवार, 1 अक्टूबर 2009

राजपाल यादव: दर्शकों के चहेते हास्य कलाकार

करीब डेढ़ सौ फिल्मों में शानदार अभिनय के दम पर 38 वर्षीय राजपाल यादव आज हिंदी सिनेमा की जानी-मानी शख्सियत हैं। रंगमंच पर अभिनय की ठोस बुनियाद के सहारे फिल्मी मनोरंजन दुनिया के सफर पर उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर से निकले राजपाल यादव लगभग हर तरह के किरदार में फिट नजर आते हैं, पहले खलनायकी में सफलता हासिल करने के बाद कॉमेडी में राजपाल यादव अपना लोहा मनवा चुके हैं। कॉमेडी के जरिए वे लोगों के दिलों पर राज कर रहे है। उनके लीड रोल्स की भी खासी चर्चा हुई है। फिल्म अभिनेता ओमपुरी कहते हैं- ''राजपाल यादव में गजब का सेंस ऑफ़ ह्यूमर है। वह कॉमेडी ही नहीं, हर तरह के रोल शिद्दत से कर सकते हैं।'' गाँव से निकलकर मायानगरी मुंबई में अपनी सफलता का सिक्का जमाने वाले राजपाल यादव युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं। राजपाल यादव के बारे में सौम्या अपराजिता का एक समीक्षात्मक आलेख यहाँ प्रस्तुत है-

जन्मदिन-1965
जन्मस्थान- कुलरा, उत्तर प्रदेश
कद- 5 फुट 3 इंच
छोटा कद, हंसमुख व्यक्तित्व और जबरदस्त अभिनय राजपाल यादव की पहचान है। बीते कुछ वर्षो में राजपाल ने स्वाभाविक अभिनय प्रतिभा के बल पर दर्शकों के चहेते हास्य कलाकार के रूप में अपनी पहचान बनायी है। आलम तो यह है कि किसी फिल्म में राजपाल यादव की मौजूदगी भी दर्शकों को सिनेमाघरों तक आकर्षित करने की क्षमता रखती है। समकालीन हिन्दी सिनेमा परिप्रेक्ष्य में जहाँ नायक और हास्य कलाकारों के बीच के दूरियां मिट रही हैं वहीं, राजपाल यादव ने हास्य अभिनेता के अस्तित्व को बनाए रखा है। जब मशहूर और दिग्गज निर्देशक प्रियदर्शन के साथ राजपाल काम करते हैं तो उनकी कॉमिक टाइमिंग और भी निखर कर आती है। हंगामा,भूलभूलैया,ढोल,9 चुप चुप के जैसी फिल्मों में निर्देशक-अभिनेता की इस जोड़ी ने मिलकर दर्शकों को खूब हंसाया। हास्य-रस से भरपूर भूमिकाओं के साथ-साथ गंभीर भूमिकाओं में भी राजपाल अपने अभिनय के रंग भरते रहे हैं। मैं मेरी पत्‍‌नी और वो में एक कुंठित पति की भूमिका को उन्होंने जितनी संजीदगी से जीया ,उतनी ही संवेदनशीलता के साथ मौलिक घटना पर आधारित अंडरट्रायल में अपनी पुत्रियों के साथ कुकर्म करने का आरोप झेल रहे एक अपराधी पिता की भूमिका को उन्होंने जीवंत किया। दरअसल, राजपाल यादव उन अभिनेताओं की सूची में शुमार हैं जो हर रस की भूमिकाओं में स्वयं को ढाल कर सिनेप्रेमियों की प्रशंसा बटोरने की क्षमता रखते है। अब, तो राजपाल को आकर्षक व्यक्तित्व वाले नायकों के समकक्ष की भूमिकाएं भी सौंपी जाने लगी हैं। जहां ढोल के चार नायकों में राजपाल यादव एक थे वहीं रामा रामा क्या है ड्रामा में भी उनकी मुख्य भूमिका थी। दरअसल, राजपाल यादव ने यह साबित कर दिया है कि अभिनय प्रतिभा और दर्शकों का मनोरंजन कर सकने की क्षमता ही हिन्दी फिल्मों में किसी कलाकार विशेष की सफलता का आधार होता है न कि मात्र आकर्षक व्यक्तित्व।
करियर की मुख्य फिल्में
2000-जंगल-सिप्पा
2001-प्यार तूने क्या किया-रामपाल यादव
2001-चांदनी बार-इकबाल चमड़ी
2001-यह जिंदगी का सफर-दादा
2002-कोई मेरे दिल से पूछे-राजा नायडू
2002-तुमको न भूल पाएंगे-लल्लन
2002-कंपनी-जोसेफ
2002-लाल सलाम-धत्तू
2002-मैंने दिल तुझको दिया-मुन्ना
2002- चोर मचाए शोर-छोटू
2002-रोड-भंवर सिंह
2003-एक और एक ग्यारह-छोटू
2003-हासिल-छोटकू
2003-हंगामा-राजा
2003-मैं माधुरी दीक्षित बनना चाहती हूं-राजेश्वर सिंह
2003-कल हो न हो-गुरू
2004-लव इन नेपाल-बंटी गाइड
2004-आन-आप्टे
2004-मुझसे शादी करोगी-राज पुरोहित
2004-टार्जन:द वंडर कार-हवलदार सीताराम
2004-वास्तु शास्त्र-राजपाल
2005-वक्त-लक्ष्मण
2005-क्या कूल हैं हम-उमा शंकर त्रिपाठी
2005-नेताजी सुभाष चंद्र बोस-भगत राम तलवार
2005-पहेली-भोजा
2005-मैंने प्यार क्यों किया?-थापा
2005-जेम्स-टोनी
2005-गरम मसाला-बब्बन
2005-शादी नंबर वन-मिस्टर वाइ
2006-अपना सपना मनी-मनी-माथा प्रसाद
2006-मालामाल विकली-बाज बहादुर
2006-शादी से पहले-शायर कानपुरी
2006-डरना जरूरी है-इंश्योरेंस सेल्समैन
2006-फिर हेरा फेरी-पप्पू
2006-चुप चपु के-बंदया
2006-लेडिज टेलर-चंदर
2006-भागमभाग-गुलाम लखन सिंह
2007-अनवर-गोपीनाथ
2007-अंडरट्रायल-सागर हुसैन
2007-पार्टनर-छोटा डॉन
2007-रामगोपाल वर्मा की आग-रंभाभाई
2007-ढोल-मारू दामदेरे
2007-गो-जगताप तिवारी
2007-भूल भूलैया-छोटे पंडित
2008-रामा रामा क्या है ड्रामा
2008-क्रेजी फोर-गंगाधर
2008-भूतनाथ-एंथोनी
2008-हंसते हंसते-सनी
2008-कहानी गुडि़या की-तौफीक
आने वाली फिल्में- सी कंपनी, बिल्लू बार्बर, बंदा ये बिंदास है।

2 टिप्‍पणियां:

S R Bharti ने कहा…

राजपाल यादव के बारे में विस्तृत जानकारी के लिए आभार.

Bhanwar Singh ने कहा…

Banda ye bindas hai.