सोमवार, 10 मई 2010

भारतीय क्रिकेट का नया चेहरा : उमेश यादव

क्रिकेट की शोहरत किसे नहीं भाती। दुनिया की छोड़िये खुद भारत में इसके इतने दीवाने हैं कि उनकी गिनती मुश्किल है. प्रतिभाशाली यदुवंशी हर क्षेत्र में अपना जौहर दिखा रहे हैं, पर क्रिकेट में इसकी कमी अक्सर खलती है. अभी तक क्रिकेट के क्षेत्र में शिवलाल यादव, ज्योति यादव और जे0 पी0 यादव के ही नाम उभरकर सामने आते है, पर शिवलाल यादव के अलावा अन्य किसी को बहुत आगे जाने का मौका नहीं मिला. पूर्व टेस्ट खिलाड़ी शिव लाल यादव के पुत्र अर्जुन यादव का चयन आई.पी.एल. थर्ड सीजन में डेक्कन चार्जस (हैदराबाद) में किया तो गया, पर उन्हें खेलने का मौका ही नहीं मिला. इसी प्रकार लालू प्रसाद यादव के पुत्र तेजस्वी यादव का भी चयन आई.पी.एल. प्रथम सीजन में दिल्ली डेयर डेविल्स द्वारा किया गया था, पर उन्हें भी खेलने का मौका नहीं दिया गया था.

ऐसे में उमेश यादव के रूप में एक लम्बे समय बाद भारतीय क्रिकेट टीम में किसी यदुवंशी का चयन हुआ है। बाईस वर्षीय तेज गेंदबाज उमेश यादव ने आई.पी.एल. थर्ड सीजन में दिल्ली डेयर डेविल्स की तरफ से खेलते हुए सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया था. विदर्भ के तेज गेंदबाज उमेश यादव ने इसी दौरान अपनी तेज गेंदबाजी से सबको प्रभावित किया, जिसके फलस्वरूप वेस्टइंडीज में चल रही ट्वेंटी-20 विश्वकप में उन्हें प्रवीण कुमार की जगह लिया गया, जो कि जख्मी होने के कारण खेलने में संभव नहीं थे. प्रवीण के विकल्प के रूप में उमेश यादव नाम बल्लेबाज गौतम गंभीर ने सुझाया था। टीम के गेंदबाजी कोच एरिक सिमंस भी उमेश यादव कि गेंदबाजी से काफी प्रभावित थे. सबसे खास बात तो यह है कि उमेश यादव विश्‍व कप के लिए 30 प्रस्‍तावित खिलाडि़यों में से नहीं हैं। उन्‍हें तकनीकी सलाहकार समिति की सिफारिश पर भेजा जा रहा है।

उमेश यादव की कामयाबी की भी अपनी दिलचस्प दास्ताँ है। कल तक वह नागपुर (महाराष्ट्र )के नजदीक खापरखेड़ा की कोयला खदान के मजदूर का साधारण बेटा था। चार साल पहले वह अपने गाँव से नागपुर क्रिकेट मैच खेलने, 25 किमी की दूरी ट्रक से तय करके आए थे। तब उन्होंने यह सोचा भी नहीं था कि यह सफर उन्हें एक दिन इतना दूर ले जाएगा। पहली बार भारतीय क्रिकेट टीम में चयन की खबर पर उमेश यादव के आश्चर्य का कोई ठिकाना नहीं था। लेकिन उन्हें जानने वालों को इस प्रतिभा पर भरोसा था। वे कहते हैं कि उमेश यादव कुदरती गेंदबाजी करते हैं और अंतराष्ट्रीय क्रिकेट के मुताबिक तेज गेंदबाजी करने में सक्षमः हैं. उमेश यादव के माता-पिता भी उनकी इस उपलब्धि पर बहुत खुश हैं, लेकिन उन्हें घबराहट भी है। वे गांव के हैं और बाहरी दुनिया के बारे में उन्हें कोई ठोस जानकारी नहीं है। उमेश यादव की प्रतिभा के बारे में विदर्भ के पूर्व खिलाड़ी प्रीतम गाँधी बताते हैं कि, यह साल 2008 की बात है। मैदान में खेल रहे एक नौजवान लड़के की जबरदस्त गेंदबाजी मेरी आखों में बस गई। गेंदबाजी की अहम बात रफ्तार थी। उसका एक्शन अच्छा था। लेकिन रनअप में बदलाव जरूरी था। मैने उसे रणजी ट्राफी के नेट पर बुलाया। वह जल्द ही प्रथम श्रेणी क्रिकेट में खेलने लगा। पर उमेश यादव के परिवार के लोगों को उनके खेलने को लेकर उत्साह नहीं था। उनके पिता की खेल में कोई रूचि नहीं थी। सभी लोगों ने उन्हें यही सलाह दी कि कुछ ऐसा करो कि जिंदगी सुख चैन से बीत सके।
खैर परिवार की उधेड़ बुन और अपने संकल्पों के मध्य उमेश यादव वर्ष 2008 के पहले सत्र में एयर इंडिया की तरफ से खेले। बाद में वे मध्य क्षेत्र की टीम का हिस्सा बन गए। वर्ष 2009 में दिलीप ट्राफी में दक्षिण क्षेत्र के खिलाफ खेले। मैच के दौरान उन्होंने देश के दो शानदार बल्लेबाजों-राहुल द्रविड़ और वीवीवएस लक्ष्मण के विकेट चटकाए। इसमें 76 रन देकर उन्होंने पाँच विकेट लिए। फिर तो उन पर सबकी निगाह पदनी ही थी और इसके बाद ही राष्ट्रीय चयनकर्ताओं ने भविष्य के लिए उमेश यादव का नाम प्रस्तावित किया, जबकि दिल्ली डेयर डेविल्स ने उन्हें अपनी टीम में शामिल किया। लेकिन आईपीएल के सीजन-2 में अफ्रीका में लगी चोट ने उन्हें छह महीने के लिए क्रिकेट से दूर कर दिया। खैर, वह 2010 के साधारण सीजन में फिर से वापस लौटे और बोर्ड प्रेसीडेंट एकादश के लिए चुने गए. लेकिन आईपीएल-3 में जाकर उमेश यादव सही रूप से अपनी पहचान बना सके। आज पूरे देश ही नहीं दुनिया भर के क्रिकेट दीवानों की निगाह उमेश यादव की तेज गेंदबाजी पर टिकी है।

10 टिप्‍पणियां:

Akanksha Yadav ने कहा…

गेंदबाज उमेश यादव पर विस्तार से अच्छी जानकारी मिली...उमेश यादव जी को शुभकामाएं कि भारतीय क्रिकेट का नाम विश्व भर में रोशन करें !!

Dr. Brajesh Swaroop ने कहा…

हमारी तरफ से भी मुबारकवाद.

Dr. Brajesh Swaroop ने कहा…

हमारी तरफ से भी मुबारकवाद.

raghav ने कहा…

ऐसी प्रतिभाओं को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए...सुन्दर जानकारी के लिए आभार.

Dr. Zakir Ali Rajnish ने कहा…

आशा है यह नगीना भारतीय टीम को नयी उचाईयों पर ले जाने में मददगार होगा।
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बूझ सको तो बूझो- कौन है चर्चित ब्लॉगर?
पत्नियों को मिले नार्को टेस्ट का अधिकार?

Akshitaa (Pakhi) ने कहा…

मुझे तो क्रिकेट अच्छा लगता है..
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पाखी की दुनिया में- 'जब अख़बार में हुई पाखी की चर्चा'

Bhanwar Singh ने कहा…

उमेश यादव जी की इस उपलब्धि पर हार्दिक बधाई !!

हिंदी साहित्य संसार : Hindi Literature World ने कहा…

खूब नाम रोशन करें..यही दुआ है.

Shyama ने कहा…

उमेश यादव का प्रदर्शन भी तो जानदार है..बधाई.

Amit Kumar Yadav ने कहा…

All the best 2 Umesh Yadav !!