पद चुनने में आरक्षण के हक को सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया है। इससे अरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को बहुत बड़ा संबल मिला है। गौरतलब है कि प्रतियोगी परीक्षाओं में जो अभ्यर्थी अपनी मेरिट के आधार पर सामान्य वर्ग में आ जाते थे, उन्हें सामान्य वर्ग की भांति ट्रीट करने से उन्हें मेरिट के बावजूद अच्छा पद नहीं मिल पाता था. ऐसे में आरक्षण का कोई मतलब भी नहीं रह जाता. यदि यह मन लिया जाय कि जिस वर्ग को जितना आरक्षण मिला है, वह उतने में ही रहेगा तो आरक्षण का क्या मतलब. फिर तो सामान्य वर्ग के लिए अघोषित 50 प्रतिशत आरक्षण हो गया. जो कि मूल भावना के विपरीत है. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने संघ लोकसेवा आयोग के नियम 16 (2) को संवैधानिक रूप से वैध माना है। इसके तहत योग्यता सूची में आए आरक्षित वर्ग के प्रतियोगियों को पद चुनते वक्त आरक्षण का लाभ लेने की सुविधा है। मुख्य न्यायाधीष के जी बालाकृष्णन, न्यायमूर्ति एस एच कपाड़िया, न्यायमूर्ति आर वी रवींद्रन, न्यायमूर्ति पी सुदर्शन रेडी और न्यायमूर्ति पी सदाशिवम की एक संविधान पीठ ने मद्रास हाईकोर्ट के फैसले को उलटते हुए यह अहम राय दी है। मर्दास हाईकोर्ट ने आयोग के नियम को असंवैघानिक माना था।
संविधान पीठ ने स्पष्टतया कहा है कि आरक्षित श्रेणी के प्रतियोगियों को योग्यता सूची में आने के बाद भी आरक्षण का लाभ लेने का अधिकार है। और संवैधानिक प्रावधान के हिसाब से यह असंगत नहीं है। मद्रास हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती केंद्र सरकार ने दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने व्यवस्था दे दी कि आरक्षित श्रेणी में आने के बाद आरक्षण का लाभ लेने के विकल्प की आयोग की अनुमति वैध है। सुप्रीम कोर्ट के इस ऐतिहासिक फैसले का तहेदिल से स्वागत किया जाना चाहिए !!
5 टिप्पणियां:
बिलकुल स्वागतयोग्य निर्णय है। संवैधानिक और अति-आवश्यक।
समयानुकूल निर्णय..इसके दूरगामी प्रभाव होंगे.
I am not against the hon'ble court. but talk about natural jusic. is it a curse to take birth in a general caste family. a lot of youngers are facing problems to their livelyhood. on the present situaton reservation is not good. when a other caste person working in the samed field of general caste taking same pay,facility,then why reservation to their children in comparsion to general caste person. It is also true there are some people of other caste those are Intelligent then why they are demanding reservation . Let us think of all Intellectuals to this topic for well fare of our society. country
सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय ऐतिहासिक है...स्वागत है.
एक लम्बे समय से यह निर्णय लंबित था...खैर आया तो सही.
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