‘धरती का बुखार‘ श्रीमती मीरा यादव ‘आनंद‘ का प्रथम कविता-संग्रह है। इस संग्रह में कुल 56 कविताएँ संकलित हैं। संग्रह की कविताओं का अध्ययन करने के पश्चात् ऐसा महसूस होता है कि कवयित्री के मानस पटल पर प्रकृति एवं उसके द्वारा प्रदत्त पर्यावरण के प्रति अटूट सम्बन्ध है। प्रकृति के साथ मनुष्य द्वारा की गई छेड़छाड़ तथा उसके प्रति व्यक्त उदासीन भावनाओं से प्रतीत होता है कि कवयित्री उसके भविष्य के प्रति काफी संवेदनशील है। कहीं न कहीं उनके मन को आशंका होती रही है कि इसी तरह से मनुष्य पर्यावरण के संरक्षण एवं उसकी सुरक्षा के प्रति लापरवाह रहा, तब मानव समूह के लिए उसका भविष्य बड़े ही खतरनाक दिशा की ओर इंगित करता है। इस अनुपम कविता-संग्रह द्वारा एक सद्गृहणी का पर्यावरणीय चेतना जागृत करने का यह प्रयास एकला चलो की याद दिलाते हुए भविष्य की ओर आश्वस्त तो करता ही है साथ ही कवयित्री को गार्गीय परम्परा के अनुरूप ज्ञानार्जन एवं लोकहित वाहिका घोषित कर उन्हें भी उसी पथ का पथिक घोषित करता है।
पुस्तक-धरती का बुखार(कविता-संग्रह), कवयित्री- श्रीमती मीरा यादव ‘आनंद‘ , पृष्ठ-128,
मूल्य- 150/-, प्रकाशन वर्ष-2007 , प्रकाशक-पाथेय प्रकाशन, जबलपुर(म0प्र0)
बिजली कार्यालय पर एक दिवसीय धरना देकर स्मार्ट मीटर के खिलाफ जुटेंगे मधेपुरा
के उपभोक्ता
-
दिनांक 19 दिसंबर 2024 (गुरुवार) को 11: 00 बजे दिन से नागरिक मंच मधेपुरा
द्वारा बिजली कार्यालय पर एक दिवसीय धरना दिया जाएगा। इस संबंध में नागरिक मंच
के संर...
19 घंटे पहले
9 टिप्पणियां:
इस अनुपम कविता-संग्रह द्वारा एक सद्गृहणी का पर्यावरणीय चेतना जागृत करने का यह प्रयास एकला चलो की याद दिलाते हुए भविष्य की ओर आश्वस्त तो करता ही है साथ ही कवयित्री को गार्गीय परम्परा के अनुरूप ज्ञानार्जन एवं लोकहित वाहिका घोषित कर उन्हें भी उसी पथ का पथिक घोषित करता है।.....मीरा यादव जी को इस अनुपम काव्य-संग्रह हेतु बधाई !!
अनुपम प्रस्तुति. यदुकुल ब्लॉग पर नई पुस्तकों के बारे में पढ़कर अच्छा लगता है.
Is pustak ke bare men jankari ke liye dhanyvad.
महिलाएं अच्छा लिख रही हैं, उसकी यह एक बानगी है.
इस खूबसूरत कविता-संग्रह के लिए मीरा जी को बहुत-बहुत बधाई.
प्रकृति के साथ मनुष्य द्वारा की गई छेड़छाड़ तथा उसके प्रति व्यक्त उदासीन भावनाओं से प्रतीत होता है कि कवयित्री उसके भविष्य के प्रति काफी संवेदनशील है।...yah aj ke daur ki jarurat bhi hai.
संग्रह की कविताओं का अध्ययन करने के पश्चात् ऐसा महसूस होता है कि कवयित्री के मानस पटल पर प्रकृति एवं उसके द्वारा प्रदत्त पर्यावरण के प्रति अटूट सम्बन्ध है....मीरा यादव को इस काव्य-संग्रह हेतु बधाई.
मीरा जी
एक अच्छे कविता संग्रह के लिए... पहले बधाई...
मैं उक्त विषय पर काम कर रही हूँ... यदि आप अपना कविता संग्रह भेज सकती है तो कृपया उक्त मेल पर उत्तर दें मेरा इमेलहै... mudliar_pratibha@yahoo.co.in
मीरा जी
एक अच्छे कविता संग्रह के लिए... पहले बधाई...
मैं उक्त विषय पर काम कर रही हूँ... यदि आप अपना कविता संग्रह भेज सकती है तो कृपया उक्त मेल पर उत्तर दें मेरा इमेलहै... mudliar_pratibha@yahoo.co.in
एक टिप्पणी भेजें